भारतीय सेना और वायुसेना की दो प्रमुख महिला अधिकारी- विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान और PoK में आतंकवादी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक्स 'ऑपरेशन सिंदूर' पर मीडिया को जानकारी दी। दोनों ने देश के सामने न सिर्फ भारत की सैन्य शक्ति को पेश किया, बल्कि महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी पेश की। इस दौरान उन्होंने सबूत के साथ बताया कि भारतीय सेना ने कैसे आतंकी ठिकानों की पहचान कर उन्हें नष्ट किया।
कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह?
विंग कमांडर व्योमिका सिंह एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) का हिस्सा रहीं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने भारतीय वायुसेना में प्रवेश लिया और हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में 18 दिसंबर 2019 को फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन प्राप्त किया। खास बात यह है कि वह अपने परिवार से सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली सदस्य हैं।
विंग कमांडर व्योमीका सिंह ने एक इंटरव्यू में यह बताया था कि जब वह छठी कक्षा में थी, तभी उनके मन में एक ख्याल आया- 'मुझे पायलट बनना है और आसमान में उड़ना है!' यह बात तब समझ आई जब हम क्लास में नामों के मतलब पर बात कर रहे थे। तभी किसी ने कहा—'तुम्हारा नाम 'व्योमिका' है, यानी तुम्हारा आकाश (व्योम) है!' उसी पल से उन्होंने ठान लिया कि उन्हें पायलट बनना है।
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विंग कमांडर व्योमिका सिंह को हेलिकॉप्टर उड़ान में 2,500 घंटे से ज्यादा का अनुभव है। साथ ही उन्होंने चेतक और चीता जैसे हेलिकॉप्टर्स को ऊंचाई और कठिन भू-भागों में उड़ाया है, खासकर जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में।
नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में एक कठिन बचाव अभियान का नेतृत्व करने वाली टीम का वह प्रमुख हिस्सा थीं। उस अभियान में ऊँचाई, खराब मौसम और संचार की कमी जैसी मुश्किलें थीं, लेकिन उनकी सतर्कता और नेतृत्व से कई जानें बचाई जा सकीं।
सैन्य अभियानों के अलावा, विंग कमांडर व्योमिका ने 2021 में एक त्रि-सेवा महिला पर्वतारोहण दल के साथ माउंट मणिरंग (21,650 फीट) की चढ़ाई की। इस अभियान को तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा और एयर चीफ मार्शल ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें बधाई दी।

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय थलसेना के कोर ऑफ सिग्नल्स की वरिष्ठ अधिकारी हैं। वह गुजरात से आती हैं और उनके परिवार उनके दादा भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। उन्होंने बायोकैमिस्ट्री में पोस्टग्रेजुएशन किया है।
2016 में, कर्नल सोफिया ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। यह भारत में आयोजित सबसे बड़े सैन्य अभ्यासों में से एक था, जिसमें 18 देशों ने भाग लिया। खास बात यह रही कि इन सभी देशों की सैन्य टुकड़ियों में वह एकमात्र महिला कमांडर थीं।
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कर्नल कुरैशी ने लगभग 6 सालों तक संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों (UN Peacekeeping Operations) में काम किया है। 2006 में, उन्होंने कांगो मिशन (UN Mission in Congo) में भी हिस्सा लिया था, जहां उनका काम युद्धविराम की निगरानी करना और मानवीय सहायता पहुंचाना था।
थलसेना के तत्कालीन दक्षिणी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत (बाद में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) ने कहा था कि कर्नल कुरैशी का चयन उनकी काबिलियत और नेतृत्व क्षमता के आधार पर किया गया था, न कि उनके लिंग के कारण। यह बयान खुद में उनके कार्य के प्रति सम्मान को दर्शाता है।