कुछ दिन पहले यह खबर आई थी कि राजस्थान के सब्जी बेचने वाले एक व्यक्ति ने पंजाब स्टेट लॉटरी दिवाली बंपर 2025 में 11 करोड़ रुपये का इनाम जीता। उसके पास लॉटरी खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे। उसके नाम पर 11 करोड़ रुपये की लॉटरी निकली। आपको पता है कि यह सारी रकम उसके खाते में नहीं जाएगी। उसे रकम पर इनकम टैक्स भरना होगा। इससे हमें यह जानने की जरूरत है कि लॉटरी को लेकर भारत में क्या नियम हैं।

 

देश में लॉटरी से संबंधित नियम और कानून मुख्य रूप से लॉटरी (विनियमन) अधिनियम 1998 और राज्य सरकार के बनाए गए नियमों के अनुसार ही विनियमित होते हैं। देश में इसकी कानूनी स्थिति राज्य का विषय है जिसका मतलब है कोई भी राज्य सरकार अपने क्षेत्र में  लॉटरी पर रोक लगा सकती है या उसे चलाने की अनुमति दे सकती है।

 

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लॉटरी (विनियमन) ऐक्ट 1998 के नियम

  • यह केंद्रीय कानून पूरे देश में लॉटरी के संचालन के लिए एक सामान्य ढांचा प्रदान करता है। इस ऐक्ट के तहत, भारत में लॉटरी का आयोजन, संचालन या प्रचार केवल संबंधित राज्य सरकार ही कर सकते हैं। किसी राज्य को यह अधिकार भी है कि वह अपने राज्य में किसी भी तरह की लॉटरी पर रोक लगा सकती है। फिलहाल 13 राज्य लॉटरी को लीगल दर्जा दे रखे हैं।
  • यदि कोई राज्य लॉटरी चलाने का निर्णय लेता है तो उसे केंद्र सरकार के निर्धारित शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। जैसे लॉटरी के ड्रॉ का स्थान केवल उसी राज्य के भीतर होना चाहिए जो लॉटरी का आयोजन कर रहा है। इनाम किसी पहले से घोषित नंबर या सिंगल डिजिट के आधार पर नहीं दिया जाएगा।
  • लॉटरी टिकट पर राज्य सरकार की मुहर और नाम होना चाहिए ताकि उसकी प्रमाणिकता सुनिश्चित हो सके। राज्य सरकार को सभी ड्रॉ खुद निकालने होंगे।
  • किसी भी लॉटरी का एक सप्ताह में एक से अधिक ड्रॉ नहीं होगा। एक साल में 6 से अधिक बम्पर ड्रॉ नहीं हो सकते।
  • लॉटरी टिकटों की बिक्री से मिले रुपये राज्य के पब्लिक अकाउंट में जमा किए जाएंगे। 
  • एक राज्य में आयोजित लॉटरी के टिकटों की बिक्री पर उन राज्यों में पूरी तरह से रोक है जहां की राज्य सरकार ने लॉटरी को प्रतिबंधित कर रखा है।

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  • लॉटरी से जीती गई रकम पर इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 के तहत टैक्स लगता है। लॉटरी या गेम शो में जीती गई किसी भी इनामी रकम पर 30% के फ्लैट रेट से टैक्स लगता है। इसे स्पेशल इनकम माना जाता है जिस पर कोई बेसिक छूट लागू नहीं होती है।
  • एक निश्चित सीमा से अधिक की जीत पर टैक्स की रकम सोर्स पर ही काट ली जाती है जिसे हम TDS कहते हैं।
  • यदि कोई व्यक्ति लॉटरी का ऑफिस खोलता है या उसका प्रचार करता है जिसके लिए राज्य सरकार से इजाजत नहीं ली गई है तो वह भारतीय न्याय संहिता के नियम के तहत क्राइम माना जाता है। ऐसा करने से 6 महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।