पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करके लिया। इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने भारत पर हमला करने की कोशिश की। भारतीय सशस्त्र बलों ने न केवल इन हमलों को रोका, बल्कि पाकिस्तान पर इतना करारा प्रहार किया कि वह घुटनों पर आ गया। भारत की आक्रामक एक्शन के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका समेत कई देशों से बचाने की गुहार लगाई।
सीजफायर पर अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि गोलीबारी बंद करने की मांग किसने की। उन्होंने आगे कहा कि हमने आतंकवादी ढांचे को तबाह करने का टारगेट निर्धारित किया था। उसे हासिल कर लिया गया है। मुख्य लक्ष्य हासिल करने के बाद मुझे लगता है कि हमने उचित रूप से यह रुख (सीजफायर) अपनाया।
ऑपरेशन की शुरुआत में ही पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया गया था कि हमने आतंकवादी ढांचे पर हमला किया है, न कि सेना पर। पाकिस्तान की सेना के पास यह विकल्प है कि वह अलग खड़ी रहे और दखल न दे। मगर उसने यह अच्छी सलाह नहीं मानी। 10 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा। सैटेलाइट तस्वीरों से भी पता चलता है कि हमने कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया। यह भी साफ है कि गोलीबारी बंद करने की मांग किसने की?
यह भी पढ़ें: 'PAK के परमाणु हथियारों को निगरानी में ले IAEA', J&K में बोले राजनाथ
अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर क्या कहा?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है। इस पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल बातचीत हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं माना जाता है। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए। इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो इस पर कोई भी फैसला लेना जल्दबाजी होगा।
स्थगित रहेगी सिंधु जल संधि
विदेश मंत्री ने कहा कि सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को नहीं रोकता है। उन्होंने कहा कि अब चर्चा सिर्फ पाकिस्तान के अवैध रूप से कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर होगी। हम इस चर्चा के लिए तैयार हैं।
यह भी पढ़ें: 'ऑपरेशन नादेर' में 3 आतंकी ढेर, कश्मीर में भारतीय सेना को मिली कामयाबी
सिर्फ आतंकवाद पर होगी बात
भारत ने कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की मंशा पर ब्रेक लगा दी है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि यह पूरी तरह से द्विपक्षीय मामला है। यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी। पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है। उन्हें सौंपे जाने की जरूरत है। इसके अलावा आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। वे जानते हैं कि क्या करना? हम उनके साथ आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
खूब अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला
ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश मंत्री ने कहा कि हमें वास्तव में बहुत अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है। हमारे पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इसके बाद 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से जवाबदेह ठहराया गया। होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के मौके पर डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमारे लिए यह बहुत अच्छी बात है कि हमारे यहां होंडुरास का नया दूतावास है। होंडुरास उन देशों में से एक हैं, जिसने पहलगाम आतंकवादी हमले के समय मजबूत एकजुटता व्यक्त की थी।