भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव अपने चरम पर है। गुरुवार रात में लगभग 9 बजे जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पंजाब और राजस्थान के भी कई इलाकों पर ड्रोन हमले की कोशिश की गई। अब भारतीय सेना ने बताया है कि इन हमलों को नाकाम कर दिया गया है। सेना ने यह भी बताया है कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर का उल्लंघन किया है जिसका माकूल जवाब दिया गया है। इस सबके बीच पाकिस्तान के एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) वाले एयरक्राफ्ट की खूब चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि AWACS सिस्टम को भी भारत ने पस्त किया है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

 

भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि देश की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान ने ड्रोन और अन्य हथियारों की मदद से हमला किया। इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर में सीजफायर का उल्लंघन भी हुआ है। सेना ने ड्रोन अटैक का पलटवार किया है और सीजफायर उल्लंघन का भी माकूल जवाब दिया है। 

 

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क्या है  AWACS एयरक्राफ्ट?

 

इसके नाम से ही इसके बारे में जानकारी मिलती है। AWACS का फुलफॉर्म है एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम। यह एक ऐसा सिस्टम है जो चेतावनी देने का काम करता है। इस सिस्टम को एयरक्राफ्ट पर लगाया जाता है जो जमीन से एयरक्राफ्ट पर होने वाले हमलों के बारे में पहले ही अलर्ट करते हैं। यह हवा में रहते हुए ही दूसरे एयरक्राफ्ट, मिसाइल और अन्य खतरों को भांप लेता है। इस तरह से यह एक कमांड सेंटर की तरह काम करता है। हवा में हो रहे ऑपरेशन की निगरानी करता है और ताकत बढ़ाकर हमला करने वाले सेंटर की तरह से काम करता है। 360 डिग्री में घूम सकने वाला यह अडवांस सिस्टम बेहद शातिर माना जाता है।

 

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पाकिस्तान के पास मौजूदा समय में कुल 9 एयरक्राफ्ट ऐसे हैं जो AWACS से लैस हैं। पाकिस्तान ने स्वीडन से कुल 4 साब-200 Erieye खरीदे थे। फिर 2008 में चीन से चार ZDK-03 AWACS खरीदे थे लेकिन वे 20224 में रिटायर हो गए। फिर साल 2017 में 3 और 2020 में एक AWACS खरीदा गया।

 

इसकी तस्वीर देखें तो एयरक्राफ्ट के ऊपर एक बड़ी सी गोल डिवाइस लगी होती है। यही राडार होता है जो किसी भी एयरक्राफ्ट में फिट किया जाता है। यही राडार दुश्मन की पहचान करता है, डिटेक्ट करता है और होने वाले हमलों का पता लगाता है। उदाहरण के लिए- अगर कहीं पर हवाई हमला करना है तो उस स्थिति में AWACS ही बाकी के फाइटर जेट, ड्रोन और अन्य हथियारों के लिए कमांड सेंटर की तरह काम करता है। पूरे क्षेत्र पर निगरानी रखने के साथ-साथ यह सूचना भी देता है और उसी के हिसाब से रियल टाइम में हमला किया जाता है।

 

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अब अगर हमले की स्थिति में इसी AWACS एयरक्राफ्ट को निशाना बनाकर गिरा दिया जाए तो हमलावर की रणनीति फेल हो सकती है। यह वैसा हुआ कि किसी भी युद्ध में सेनापति को ही मार दिया जाए और सेना बिखर जाए।