भारत के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटों में मॉनसून ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिससे कई राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हिमाचल प्रदेश में भीषण बारिश ने फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड जैसी आपदाएं उत्पन्न कर दी हैं, जिनमें अब तक कम से कम 43 लोगों की मौत हो चुकी है और 37 लापता बताए जा रहे हैं, जबकि कई सड़के, घर और बुनियादी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र—जबलपुर, मंडला, डिंडौरी में नदी-नालों का जलस्तर चेतावनी के निशान से ऊपर पहुंच गया है। प्रशासन ने स्कूल बंद करने के निर्देश जारी किए हैं और करीब 250 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। कई हाईवे लैंडस्लाइड की वजह से बंद हो गए हैं, जिनमें NH‑30 भी शामिल है।
राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में भी रिकॉर्ड बारिश दर्ज हुई है—पिछले 24 घंटे में पोकरण में 128 मिमी बारिश हुई, जिसके कारण IMD ने अगले चार-पांच दिनों तक रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। गुजरात के बनासकांठा में आठ इंच तक बारिश हुई, जिससे कई घरों में पानी घुस गया और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। उत्तर भारत के अन्य हिस्सों—जैसे मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और ओडिशा—में भी नदी-तटों पर जल स्तर बढ़ा है, हालांकि ओडिशा में रिलीफ़ कार्य तीव्र गति से जारी हैं।
IMD ने हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात समेत कई राज्यों के लिए अगले 3–5 दिनों तक भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभागों को सतर्क रहने और बचाव एवं राहत कार्यों को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं आम नागरिकों को नदी-नालों से दूर रहने व सरकारी एडवाइजरी का पालन करने के लिए कहा गया है।
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल में मंगलवार—बुधवार की रात हुई तेज बारिश ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। शिमला, मंडी, सिरमौर और सोलन जैसे जिलों में क्लाउडबर्स्ट और फ्लैश फ्लड की घटनाएं दर्ज की गईं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे में ही कम से कम 43 लोग मारे गए—14 बादल फटने, 8 फ्लैश फ्लड और 1 भूस्खलन से, जबकि 7 डूबने से हताहत हुए। हिमाचल लगातार बाढ़ और बारिश की चपेट में है। जून के मध्य से अब तक 69 की मौत हो चुकी है, 37 लापता हैं, और करीब ₹500 करोड़ से अधिक का व्यापक नुकसान हुआ है। मंडी जिले में तो पानी ने घर, सड़क और बिजली व्यवस्था तहस-नहस कर दी। प्रशासन ने 500 से अधिक सड़कें बंद की हैं और राहत कार्य में जुट गया है।
असम
असम में भी बाढ़ की स्थिति काफी भयावह स्थिति में पहुंच गई है। केंद्रीय जल कमीशन के मुताबिक गोलाघाट जिले में धनसिरी और शिवसागर जिले में दिखौ नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा 6 अन्य स्थलों को भी सामान्य स्तर से ऊपर बह रही हैं। धनसिरी नदी 78.81 मीटर से ऊपर बह रही है जबकि दिखौ नदी 92.57 मीटर के ऊपर से बह रही है। हालिया बुलेटिन के मुता
बिक इन स्थानों पर जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान से ऊपर पानी बह रहा है। पिछले महीने ब्रह्मपुत्र और बराक सहित 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 19 जिलों में 3.64 लाख लोग प्रभावित हुए है.
उत्तराखंड
उत्तराखंड में भीषण बारिश और भारी भूस्खलन ने चारधाम यात्रा मार्गों को प्रभावित किया। कई सड़कों को बंद करना पड़ा, विशेषकर केदारनाथ की यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई। पहाड़ों में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है और स्थानीय प्रशासन लगातार राहत कार्य चला रहा है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में जबलपुर, मंडला और डिंडौरी जिलों में जलस्तर चेतावनी निशान से ऊपर पहुंच गया है। NH‑30 सहित कई हाईवे लैंडस्लाइड के कारण बंद हैं। मंडला–डिंडौरी में प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया और लगभग 250 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया। IMD ने इस क्षेत्र के लिए रेड व ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और लगातार बारिश की आशंका जताई है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर और आसपास के जिलों में भी अगले 24 घंटे भारी से अति-भारी बारिश की चेतावनी है जिसकी वजह से प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश का सबसे ज्यादा असर उत्तरी इलाके में दिखाई दे रहा है। सरगुजा और बिलासपुर संभाग में जोरदार बारिश हो रही है। इन कारणों से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के कारण कई हादसे हो गए हैं। बिलासपुर में नाले में तेज बहाव में 15 वर्षीय छात्र बहकर डूब गया, जिससे उसकी मौत हो गई। जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन रही है, जिस पर तत्काल राहत और बचाव जोखिम-प्रबंधन की तैयारी की जा रही है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश की गतिविधियों की भविष्यवाणी की है। वाराणसी समेत कई स्थानों पर गर्मी और उमस बनी हुई है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर 168 सेमी ऊपर पहुंच गया है और राहत शिविरों की व्यवस्था शुरू की गई है।
शनिवार को 44 जिलों में मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें 13 जिलों में भारी बारिश जबकि 31 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
कानपुर में बारिश होने की वजह से नाले उफनाने लगे औऱ सड़कें ओवरफ्लो होने लगीं। गाड़ियों में पानी भर गया है और सड़कें बाधित हुई हैं। इसी तरह से वाराणसी में भी जलस्तर बढ़ गया है और मणिकर्णिका घाट आधा डूब गया है।
राजस्थान और गुजरात
राजस्थान में रिमझिम बारिश के बीच कई जिलों में नदी और बांधों के जलस्तर बढ़े हैं। राजस्थान के बीसलपुर बांध में 24 घंटों में जलस्तर में 42 सेंटीमीटर वृद्धि हुई है। गुजरात के बनासकांठा और नवसारी में भी तेज बारिश से सड़कों और घरों में जलभराव की स्थिति बनी है।
क्या है पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार अगले 3–7 दिनों तक देश के कई हिस्सों में मॉनसून सक्रिय रहेगा। हिमालयी क्षेत्रों में क्लाउडबर्स्ट और फ्लैश फ्लड की संभावना बनी हुई है, जबकि मैदान इलाकों में नदी-तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका है। प्रशासन सभी स्तरों पर अलर्ट मोड में है और राहत कार्य को तेज गति से संपन्न करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
पिछले 48 घंटों में पूरे देश में बाढ़ और अत्यधिक बारिश की घटनाओं ने जनजीवन, बुनियादी ढांचा और आर्थिक गतिविधियों को भारी प्रभावित किया है। हिमाचल प्रदेश में हुई जान-माल की भारी क्षति से स्पष्ट है कि यह मौसम अब और भी समस्या खड़ी कर सकता है। ऐसे में प्रशासन का अलर्ट रहना, नागरिकों का सतर्क रहना, और बचाव एवं राहत कार्यों का समय पर संचालन ही इस विपत्ति को कम करने का एकमात्र रास्ता है।