आज 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश करेंगी। परंपरा के अनुसार, बजट पेश करने से पहले हलवा समारोह आयोजित की गई। यह हलवा वित्त मंंत्रालय में तैयार किया जाता है और इसे मंत्रालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को खिलाया जाता है। हलवा रस्म के साथ ही लॉक-इन-पीरियड भी शुरू हो जाता है।
आपको यह पता होगा कि बजट बहुत ही सीक्रेट तरीके से तैयार होता है। अधिकारियों को 7 दिन तक एक गुप्त जगह भेज दिया जाता है। इस दौरान बजट बनाने वाले लोगों को मोबाइल रखने और घर पर फोन से बात करने तक की इजाजत नहीं होती है। लेकिन क्या हो अगर यह बजट आधिकारिक घोषणा के पहले ही लीक हो जाए? ऐसे में जिन लोगों को आधिकारिक घोषणा से पहले बजट के बारे में पता चल जाएगा, वो शेयर बाजार में हेरफेर कर सकते हैं और भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अगर बजट लीक हो गया तो क्या होगा? सोचा है कभी...
स्टॉक मार्केट और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
बजट से संबंधित गोपनीय जानकारी (जैसे टैक्स दरों में बदलाव, सब्सिडी, या किसी उद्योग के लिए विशेष प्रावधान) अगर पहले ही सार्वजनिक हो जाए, तो इससे स्टॉक मार्केट में अस्थिरता बढ़ सकती है।
कुछ कंपनियों को पहले से पता चल जाने पर वे इसका लाभ उठा सकती हैं, जिससे बाजार में बहुत गहरा असर पड़ सकता है।
सरकार की विश्वसनीयता पर असर
सरकार की नीतियों और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ सकते हैं।
वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियों की छवि धूमिल हो सकती है।
कानूनी कार्रवाई और सजा
बजट से जुड़ी गोपनीय जानकारी लीक करना एक गंभीर अपराध हो सकता है।
सूचना लीक करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों या अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
मीडिया और राजनीतिक विवाद
विपक्षी दल इसे सरकार की नाकामी के रूप में पेश कर सकते हैं।
मीडिया में इसे लेकर बड़ी बहस छिड़ सकती है, जिससे सरकार को जवाब देना मुश्किल हो सकता है।
कैसे रोका जाता है बजट लीक होने से?
बजट बनाने की प्रक्रिया के दौरान वित्त मंत्रालय के अधिकारी पूरी तरह से आइसोलेशन में रहते हैं।
बजट प्रिंटिंग के समय वित्त मंत्रालय के कुछ कर्मचारियों को पूरी तरह से बंद जगह में रखा जाता है।
सख्त गोपनीयता नियम लागू होते हैं, और डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सुरक्षा उपाय अपनाए जाते हैं।
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दो बार लीक हो चुका है बजट!
बजट लीक होना न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक और कानूनी रूप से भी काफी गंभीर मामला है लेकिन अगर हम आपको बताए की भारत में ऐसा पहले हो चुका है तो? जी हां, देश में दो बार बजट लीक हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पहला बजट लीक 1947 में हुआ था। स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री सर आर.के. शानमुखम चेट्टी उस वर्ष 26 नवंबर को बजट पेश करने वाले थे। हालांकि, शाम 5 बजे अपना भाषण देने से पहले, बजट लीक हो गया।
दूसरा लीक वर्ष 1950 में भी हुआ, जब दिल्ली के मिंटो रोड पर स्थित राष्ट्रपति भवन प्रेस से केंद्रीय बजट के डॉक्यूमेंट्स लीक हो गए थे। इस घटना के कारण सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रिंटिंग लोकेशन में बदलाव किया गया। शुरुआत में इसे अधिक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया, बाद में 1980 में इसे नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में शिफ्ट किया गया था।