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तेल से लेकर साबुन तक, बजट के बीच डेली यूज प्रोडक्ट्स होंगे और महंगे

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। ऐसे में क्या डेली यूज प्रोडक्ट्स मंहगे हो जाएंगे, आइये समझें।

will budget affect prices

डेली यूज प्रोडक्ट्स बजट, Photo Credit: AI generated PIC

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज यानी शनिवार 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी। आम बजट 2025-26 सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। इस पर आज सभी की निगाहें टिकी हुई है। हालांकि, बजट अच्छा हो या बुरा साबुन, टूथपेस्ट, खाना पकाने का तेल, चाय, कॉफी और जूस जैसी डेली जरूरतों की चीजों की कीमतें जल्द ही बढ़ने की संभावना है। दरअसल, भारत में FMCG कंपनियां कीमतों में फिर से बढ़ोतरी की योजना बना रही हैं। 

 

ऐसे में बजट 2025-26 को अच्छा या बुरा माना जा सकता है लेकिन आम आदमी को डेली इस्तेमाल के चीजों के लिए अधिक खर्चा करना होगा। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर और डाबर सहित एफएमसीजी कंपनियां कीमतों में नए सिरे से बदलाव कर रही हैं। दरअसल, भारत में 2024 की शुरुआत में FMCG प्रोडक्ट की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई थी। इस बार 2025 की शुरुआत में भी कंपनियां फिर से कीमतें बढ़ा सकती हैं। इसमें सबसे ज्यादा साबुन, हेयर ऑयल, चॉकलेट और बिस्कुट के दाम बढ़ने की संभावना हैं। 

 

दाम बढ़ने का क्या हो सकता है कारण?

विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे माल की बढ़ती लागत, स्पलाई चेन की बढ़ती लागत, घटते मार्जिन और जलवायु परिवर्तन के कारण कहीं न कहीं डेली प्रोडक्ट महंगे हो रहे है। इसके अलावा इन बढ़ोतरी का मुख्य कारण कच्चे माल की बढ़ती कीमतें भी हैं, जिससे कंपनियों के मार्जिन पर दबाव बढ़ रहा है। संभावना है कि कीमतें एक बार में नहीं बल्कि समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ेंगी। ऐसे में आने वाली तिमाहियों में 1-1.5% की और वृद्धि की उम्मीद है।

 

यह भी पढे़ं: देश की अर्थव्यवस्था पर सरकार की रिपोर्ट, क्या कहता है आर्थिक सर्वे?

सरकार की नीतियों पर निर्भर करेगा!

बता दें कि पिछले छह महीनों में, तेल, साबुन, चाय, कॉफी, चॉकलेट, और बिस्किट जैसे उत्पादों की कीमतों में 20% तक की वृद्धि हुई है। एफएमसीजी कंपनियां जनवरी से मार्च 2025 के बीच कीमतों में 30% तक की और बढ़ोतरी कर सकती हैं। आगामी बजट 2025 में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा प्राइस सपोर्ट स्कीम और प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड में बढ़ोतरी की योजना है, जिससे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता आ सकती है। ऐसे में बजट 2025 के बाद साबुन, तेल, और बिस्किट जैसी डेली यूज प्रोडक्ट की कीमतों में वृद्धि की संभावना बनी हुई है लेकिन यह सरकार की नीतियों और बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा।

 

पिछले साल के बजट के बाद FMCG ने कितने बढ़ाए थे दाम?

पिछले वर्ष, बजट 2024 के बाद, एफएमसीजी कंपनियों ने कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के कारण अपने उत्पादों के दामों में वृद्धि की थी। जैसे, पारले प्रोडक्ट्स ने अपने प्रोडक्टस की कीमतों में 5% से 7% तक की बढ़ोतरी की थी। इसके अलावा, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने भी पाम तेल की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि के कारण अपने साबुन प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाए थे। इन कीमतों के बढ़ने का मुख्य कारण कच्चे माल की बढ़ती लागत थी, जिसके चलते कंपनियों को अपने मार्जिन को बनाए रखने के लिए उत्पादों के दाम बढ़ाने पड़े थे। 

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