दुनिया में दौलत और ताकत केवल बैंकों में नहीं, लोगों की चाल में भी दिखती है। जहां एक तरफ कुछ देश अमीर और असरदार लोगों को अपनी तरफ खींच रहे हैं, वहीं कुछ देश ऐसे हैं जहां से ये लोग चुपचाप निकल रहे हैं। हेनले एंड पार्टनर्स की एक ताजा रिपोर्ट ने इस सच्चाई पर रोशनी डाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि कौन से देश अमीरों को खो रहे हैं और कौन से उन्हें अपने यहां बुला रहे हैं। हेनले एंड पार्टनर्स खुद को ऐसी कंपनी बताती है जो निवेश के जरिए लोगों को दूसरी जगह रहने या वहां की नागरिकता दिलाने में मदद करती है। 

 

इस रिपोर्ट में कुछ हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं जैसे कि कुछ देशों के रईस बड़ी संख्या में अपना देश छोड़कर बाहर बसने जा रहे हैं। वहीं कुछ देश ऐसे हैं जो अमीरों के लिए ‘नया घर’ बनते जा रहे हैं। तो आखिर कौन से देश हैं जो अमीरों को खो रहे हैं? और कौन से देश अमीरों को गले लगा रहे हैं? चलिए आंकड़ों से समझते है कौन से देश खो रहे हैं अपने रईस नागरिक?

 

1.42 लाख रईस बसेंगे दूसरे देश

हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2025 के मुताबिक, 2025 में दुनियाभर से करीब 1.42 लाख करोड़पति अपने देश से दूसरे देश में बसने जा रहे हैं और यह संख्या 2026 तक बढ़कर 1.65 लाख हो जाएगी। इस रिपोर्ट में HNI हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स का मतलब उन लोगों से है जिनके पास कम से कम 1 मिलियन डॉलर यानी करीब 8.6 करोड़ रुपये की नकद या लिक्विड संपत्ति है। हालांकि, जानकारो का कहना है कि जिनके पास इतनी  लिक्विड संपत्ति होती है, असल में उनकी कुल दौलत इससे दस गुना ज्यादा होती है।

 

हेनले एंड पार्टनर्स के CEO डॉ. जुएर्ग स्टीफेन का कहना है कि 2025 एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि करोड़पतियों के विदेश जाने की लिस्ट में एक यूरोपीय देश सबसे ऊपर है। यह सिर्फ टैक्स की वजह से नहीं है, बल्कि अमीर लोगों को अब लगता है कि बेहतर मौके, आजादी और स्थिरता किसी और देश में ज्यादा हैं। इसका असर यूरोप और यूके की अर्थव्यवस्था और वहां निवेश के माहौल पर लंबे समय तक पड़ेगा।'

 

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किन देशों में सबसे ज्यादा जा रहे अमीर?

यह रिपोर्ट बता रही है कि इस साल करोड़पति लोग किन देशों में सबसे ज्यादा जा रहे हैं और इसका फायदा किसे हो रहा है। बता करें सबसे ज्यादा करोड़पति की तो करीब 9, 800 रईस यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) जा रहे हैं। पिछले साल यह संख्या 6,700 थी। UAE करोड़पतियों की पहली पसंद बन गया है और इसके पीछे कई वजहें है। जैसे- वहां गोल्डन वीजा स्कीम, इनकम टैक्स नहीं है, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और राजनीतिक स्थिरता है। दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जहां करीब 7,500 करोड़पति बसने वाले हैं। इसे ऐसे समझें तो डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पार्टी रिपब्लिकन अभी सत्ता में हैं, जो अमीरों को टैक्स में छूट देने के लिए जाने जाते हैं। 

 

  • स्विट्जरलैंड भी करोड़पतियों के बीच लोकप्रिय है। वहां 3,000 से ज्यादा लोग जा रहे हैं।
  • सऊदी अरब में भी इस बार जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। पिछले साल जहां सिर्फ 300 करोड़पति गए थे, इस बार यह संख्या 2,400 हो गई है।
  • इटली (3,600), पुर्तगाल (1,400) और ग्रीस (1,200) भी अमीरों के पसंदीदा ठिकाने बनते जा रहे हैं।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि अब देश सिर्फ टैलेंट के लिए नहीं, बल्कि उसके साथ आने वाले पैसे के लिए भी लड़ रहे हैं। यूएई ने तो लगभग 63 अरब डॉलर की निवेश योग्य संपत्ति के साथ खुद को एक ग्लोबल वेल्थ हब बना लिया है। कुल मिलाकर, अब देश अमीरों को रिझाने के लिए नई-नई पॉलिसी लेकर आ रहे हैं क्योंकि उनके साथ पैसा, कारोबार और अवसर भी आता है। 

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कौन से देश सबसे ज्यादा नुकसान में रहेंगे?

यूके (UK) सबसे ज्यादा करोड़पति खोने वाला देश बन सकता है। 2025 में करीब 16,500 अमीर लोग यूके छोड़ देंगे। ऐसा माना जा रहा है कि लेबर पार्टी की सरकार आने के बाद ऐसा हुआ है। एक एक्सपर्ट प्रोफेसर ट्रेवर विलियम्स जो पहले लॉयड्स बैंक में चीफ इकनॉमिस्ट रह चुके हैं, उन्होंने चेतावनी दी कि 2014 से लेकर अब तक यूके में करोड़पतियों की संख्या 9 प्रतिशत घट गई है, जबकि दुनिया के टॉप 10 अमीर देशों में यह औसतन 40 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं, अमेरिका में करोड़पतियों की संख्या में 78 प्रतिशत की बंपर बढ़ोतरी हुई है। 

 

हालांकि कई जानकारों का मानना है कि अमीर लोग असल में यूके से पूरी तरह जा नहीं रहे वे बस कागजी तौर पर अपना पैसा दूसरी जगह ट्रांसफर कर रहे हैं, जिससे उन्हें टैक्स आदि से कुछ फायदा हो सके।

 

चीन, भारत और बाकी देशों की स्थिति

चीन में 2025 में करीब 7,800 करोड़पति बाहर जा सकते हैं। हालांकि, यह पिछले कुछ सालों से थोड़ा बेहतर है क्योंकि पहले हर साल सबसे ज्यादा अमीर लोग वहीं से जा रहे थे। भारत में इस साल लगभग 3,500 करोड़पति देश छोड़ देंगे। दक्षिण कोरिया में 2,400, रूस में 1,500 और ब्राजील में 1,200 करोड़पतियों के जाने की उम्मीद है। फ्रांस (800), स्पेन (500) और जर्मनी (400) में भी अमीर लोग देश छोड़ सकते हैं।

 

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एशिया की स्थिति

रिपोर्ट में डॉ. पराग खन्ना ने कहा कि एशिया में पैसा तेजी से बढ़ भी रहा है और लोग इसे बचाने के लिए सतर्क भी हैं। सिंगापुर और जापान अमीरों के लिए 'सेफ हेवन' बनते जा रहे हैं, जबकि चीन और भारत में लोग नए मौके ढूंढ रहे हैं लेकिन साथ ही अपने पैसे को कई जगहों पर निवेश करना भी चाह रहे हैं। दक्षिण कोरिया और ताइवान में हालात जल्दी बदल सकते हैं क्योंकि यहां राजनीति का असर तेज है। 2025 में एशिया पूरी दुनिया की अमीरी से जुड़ी हलचल का सेंटर पॉइंट बना रहेगा यहां के फैसले और मौके बाकी दुनिया को भी प्रभावित करेंगे।