जब भी कोई प्लेन हादसा होता है, तो यह सवाल उठता है कि क्या हवाई यात्रा सच में सुरक्षित है? असल में, हवाई सफर बाकी सारे ट्रांसपोर्ट के मुकाबले सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। हालांकि इमरजेंसी के वक्त कौन-सी सीट सबसे सुरक्षित होती है, इसका जवाब थोड़ा अलग हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हादसा किस तरह का है लेकिन अध्ययनों में पाया गया है कि प्लेन के पीछे या बीच की सीटें आमतौर पर ज्यादा सुरक्षित होती हैं। 

 

अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में 265 लोग सवार थे लेकिन हैरानी की बात यह है कि उनमें से सिर्फ एक शख्स की जान बची। वह यात्री जो विंडो सीट पर बैठा था। अभी उसका इलाज चल रहा है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है – जब प्लेन इतना बुरी तरह क्रैश हुआ तो आखिर यह एक इंसान कैसे बच गया? यह पूरी घटना किसी चमत्कार से कम नहीं लगती। जहां पूरे विमान में हर तरफ तबाही मची, वहां एक जान का बचना वाकई हैरान कर देने वाला है। हर किसी के मन में सवाल है कि आखिर फ्लाइट की कौनसी सीट है सबसे सुरक्षित? 

 

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2023-हवाई यात्रा के लिए दूसरा सबसे सुरक्षित साल

एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के मुताबिक, 2023 हवाई यात्रा के लिहाज से रिकॉर्ड पर दूसरा सबसे सुरक्षित साल रहा। पूरी दुनिया में 35 मिलियन (3.5 करोड़) फ्लाइट्स हुईं, जिनमें से सिर्फ:

  • 1213 घटनाएं गंभीर रहीं
  • 134 दुर्घटनाएं हुईं
  • 5 हादसे जानलेवा थे और कुल 105 लोगों की जान गई
  • यह आंकड़े बताते हैं कि करोड़ों यात्राओं में हादसे की संभावना बहुत ही कम होती है।

विमान में आगे, बीच या पीछे -कौन सी सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित

जब हम फ्लाइट की सीट बुक करते हैं, तो अक्सर यही सोचते हैं कि जल्दी चढ़ने-उतरने में आसानी हो या फिर खिड़की वाली सीट मिल जाए लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सीट की जगह आपकी सुरक्षा पर भी असर डाल सकती है? कुछ रिसर्च में यह बात सामने आई है कि प्लेन के पीछे की सीटें बाकी हिस्सों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं। अमेरिका की एक एजेंसी (नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड) ने 1971 से लेकर 20 बड़े विमान हादसों का डेटा देखा। इसमें उन्होंने पाया कि:

 

पीछे बैठे लोगों के बचने की संभावना सबसे ज्यादा थी – करीब 69%

बीच यानी पंखों के आसपास बैठे यात्रियों की बचने की संभावना 59%

और आगे बैठे लोगों की बचने की संभावना सिर्फ 49%

 

यानि अगर हादसा हो भी जाए तो पीछे की सीट पर बैठने वालों की जान बचने की उम्मीद थोड़ी ज्यादा रहती है। तो अगली बार जब फ्लाइट की सीट चुनें, तो सिर्फ आराम ही नहीं, सुरक्षा के बारे में भी सोचें, हो सकता है कम दाम वाली पीछे की सीट आपकी जिंदगी बचा दे।

 

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प्लेन में कौन-सी सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित होती है? 

अगर आप अगली बार फ्लाइट में सीट चुनते समय सोच में पड़ जाएं कि खिड़की लें या गलियारे वाली, तो यह जानकारी आपके काम आ सकती है। एक रिसर्च में पाया गया है कि प्लेन का पिछला हिस्सा सबसे ज़्यादा सुरक्षित होता है। खासकर अगर आप बीच वाली सीट पर बैठे हों। अमेरिका की एक एजेंसी ने 1985 से 2000 के बीच हुई विमान दुर्घटनाओं का डाटा खंगाला और पाया कि विमान के पीछे बीच वाली सीटों पर मौत का खतरा सिर्फ 28% था। वहीं, प्लेन के बीच हिस्से में गलियारे की सीट सबसे कम सुरक्षित मानी गई – वहां मृत्यु दर करीब 44% थी।

 

बीच वाली सीटें इसलिए भी थोड़ी सुरक्षित मानी जाती हैं, क्योंकि दोनों तरफ बैठे लोग एक तरह से ढाल का काम करते हैं और झटके या टक्कर की स्थिति में थोड़ा सा बचाव मिल सकता है। तो अगली बार अगर आपको पसंद की खिड़की या आरामदायक गलियारा न मिले और बीच की सीट ही बचे तो सोचिए कि आप शायद सबसे सुरक्षित जगह पर हैं!

 

क्या सीट से आपकी जान बचने की संभावना जुड़ी होती है?

कई लोग मानते हैं कि विमान के पीछे या बीच वाली सीट पर बैठने से हादसे में बचने की संभावना ज्यादा होती है। कुछ आंकड़ों में ऐसा दिखा भी है लेकिन सच्चाई यह है कि यह सब हादसे की स्थिति पर निर्भर करता है- प्लेन कहां गिरता है, कैसे गिरता है और टक्कर कैसी होती है। अगर प्लेन किसी पहाड़ से टकराए या नाक के बल समंदर में गिरे, तो बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है, चाहे आप कहीं भी बैठे हों। 

 

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जिस सीट पर बैठा था रमेश वह कितनी थी सुरक्षित?

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के बाद से एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश चर्चा में हैं। वह फ्लाइट में सीट नंबर 11A पर बैठे थे और माना जा रहा है कि यही सीट उनकी जान बचाने में अहम साबित हुई। हैरानी की बात यह है कि सीट 11A आमतौर पर यात्रियों की पहली पसंद नहीं होती। कई ऑनलाइन फोरम और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लोग इस सीट को पसंद नहीं करते क्योंकि यह विमान के बीच के हिस्से में होती है। इसके अलावा, जो लोग जल्दी उतरना चाहते हैं, वे भी इस सीट को नहीं चुनते क्योंकि यहां से सबसे आखिर में निकलने का नंबर आता है।

 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लाइट अटेंडेंट्स ने भी बताया कि लोग अक्सर 11A या 11F जैसी सीटों से बचते हैं। इसकी एक और वजह यह भी है कि यह सीटें विंग के पास होती हैं, जहां से बाहर का नज़ारा साफ़ नहीं दिखता। कुछ विमानों में तो 11A सीट के पास खिड़की भी नहीं होती। लेकिन इसी "कम पसंद की जाने वाली सीट" ने शायद विश्वास की जान बचा ली। वह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में अपने 45 साल के भाई के साथ यात्रा कर रहे थे और अपने परिवार से मिलने जा रहे थे। वह ब्रिटिश नागरिक हैं।