उत्तर प्रदेश का संभल जिला कई महीनों से चर्चा में बना है। अब इसके चर्चा में आने का कारण यहां के सर्कल ऑफिसर (सीओ) अनुज चौधरी हैं। अनुज चौधरी ने कुछ दिन पहले कहा था कि होली साल में एक बार आती है और जुमा 52 बार और किसी को रंग से दिक्कत हो तो घर से न निकलें।
सीओ अनुज चौधरी के इस बयान का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी समर्थन किया है। सीएम योगी ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था, 'मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने कहा कि दो बजे तक होली खेलने दो, उसके बाद नमाज पढ़ना। बहुत सारे मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी इसकी अपील की थी।'
योगी ने आगे कहा, 'हमारा वह पुलिस अधिकारी पहलवान रहा है। अर्जुन पुरुस्कार विजेता रहा है। पूर्व ओलंपियन रहा है। अब पहलवान की बात है। पहलवान की तरह बोलेगा तो कुछ लोगों को बुरा लगता है लेकिन उस सच्चाई को भी स्वीकार करना चाहिए।'
यह भी पढ़ें-- 'गंगा का पानी नहाने लायक था', 25 दिन में ही CPCB का यूटर्न?
ऐसा क्या कहा था अनुज चौधरी ने?
पिछले हफ्ते अनुज चौधरी ने कहा था, 'होली साल में एक बार आती है जबकि जुमा साल में 52 बार आता है। अगर कोई होली के रंगों से असहज होता है तो उन्हें उस दिन घर पर ही रहना चाहिए। घर से बाहर निकलने वालों को अपनी सोच बड़ी रखनी चाहिए।'
उन्होंने कहा था, 'जिस तरह मुस्लिम ईद का इंतजार करते हैं, वैसे ही हिंदू होली का इंतजार करते हैं। लोग रंग लगाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं, मस्ती करते हैं। इसी तरह ईद पर भी खास पकवान बनते हैं और सब मिल-जुलकर मनाते हैं। यह बात दोनों समुदायों पर लागू होती है। अगर किसी को रंग पसंद नहीं है तो जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।'

आखिर कौन हैं अनुज चौधरी?
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर के रहने वाले अनुज चौधरी 2012 से डीएसपी हैं। वह स्पोर्ट्स कोटे से पुलिस में भर्ती हुए थे। अनुज पहलवान हैं और कुश्ती में भारती की तरफ से कई अंतर्राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा ले चुके हैं। उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
अनुज चौधरी 1997 से 2014 तक पहलवान रहे हैं। उन्होंने 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में सिल्वर जीता था। इसके साथ ही उन्होंने एशियन चैंपियनशिंप में भी दो ब्रॉन्ज जीते हैं।
यह भी पढ़ें-- कभी फूलों से खेली जाने वाली होली अबीर-गुलाल तक कैसे पहुंची? जानें

अक्सर चर्चा में रहते हैं अनुज चौधरी
अनुज चौधरी अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। करीब दो साल पहले समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान जब मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने जा रहे थे, तब अनुज चौधरी ने उन्हें रोक दिया था।
इसके बाद आजम खान ने कहा था कि समाजवादियों ने ही उनकी पहचान की थी और उन्हें अखिलेश यादव का एहसान मानना चाहिए। इस पर जवाब देते हुए अनुज चौधरी ने कहा था कि वह अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हैं और यह सम्मान किसी के एहसान से नहीं मिलता।
पिछले साल भी अपने बयान को लेकर चौधरी चर्चा में आ गए थे। संभल हिंसा के दौरान जब दावा किया जा रहा था कि पुलिस ने किसी पर गोली नहीं चलाई, तब उन्होंने कहा था, 'पढ़े-लिखे आदमी को इस तरह के जाहिल मार देंगे। हम पुलिस में मरने के लिए भर्ती नहीं हुए हैं।'