भारतीय एंटरप्रेन्योर रागिनी दास को गूगल ने गूगल स्टार्टअप्स, इंडिया के हेड के रूप में नई जिम्मेदारी दी है। इस बारे में खुद रागिनी दास ने सोशल अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बताया है। रागिनी ने अपनी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए इसे अपने करियर का एक 'फुल सर्कल' बताया। रागिनी दास लीप क्लब की को-फाउंडर हैं और उन्होंने पहले फूड डिवीवरी चेन जोमैटो के साथ भी काम किया है। रागिनी दास महिलाओं को सोशल-प्रोफेशनल नेटवर्क बनाकर करियर ग्रोथ में मदद करती हैं। महिलाओं पर फोकस रख कर शुरू किए गए लीप-क्लब को लोगों ने सराहा था और अब रागिनी गूगल जैसे मल्टी नेशनल कंपनी में अपनी सेवाएं देंगी। खास बात यह है कि साल 2013 में गूगल में वह इंटरव्यू देने गई थीं लेकिन गूगल में उन्हें नौकरी नहीं मिली थी। 

 

रागिनी दास ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया, 'लाइफ का एक सर्कल पूरा हो गया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं गूगल में गूगल फॉर स्टार्टअप इंडिया की प्रमुख के रूप में शामिल हो गई हूं।' रागिनी ने सोशल मीडिया पोस्ट में इस पद तक पहुंचने के सफर के बारे में भी बताया। लोग रागिनी के करियर ग्रोथ से काफी प्रभावित हुए हैं और उन्हें इस नए सफर के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं।

 

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2013 में गूगल ने किया था रिजेक्ट

रागिनी दास के करियर की शुरुआत साल 2013 में हुई थी। 2013 में उन्होंने गूगल और जोमैटो दोनों कंपनियों में इंटरव्यू दिया था। उस समय गूगल ने उन्हें लास्ट राउंड में बाहर निकाल दिया था लेकिन जोमैटो में उन्हें नौकरी मिल गई थी।

 

जोमैटो में उन्होंने 6 साल काम किया। रागिनी ने बताया कि उनके सफर में जोमैटो में बिताए 6 साल सबसे महत्वपूर्ण रहे। रागिनी ने जोमैटो में सेल्स और डेव्लपमेंट जैसे फील्ड में काम किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'जोमैटो ने मुझे अपने करियर में एक दिशा तय करने में मदद की है। यहां मुझे अच्छे दोस्त मिले और सीखने के साथ-साथ एक कठिन दौर भी मैने यहां देखा। जोमैटो ने ही मुझे अपने करियर में एक कदम आगे बढ़ाकर लीप कल्ब की को-फाउंडर बनने का साहस दिया।'

2020 में लीप क्लब लॉन्च किया

रागिनी ने जोमैटो में 6 साल नौकरी करने के बाद अपना ही एक स्टार्टअप शुरू किया। उन्होंने लीप क्लब नाम से साल 2020 में अपना स्टार्टअप लॉन्च किया। इस क्लब के बारे में बात करते हुए रागिनी ने लिखा, ' लीप क्लब ने मुझे एक उद्देश्य दिया। इसने मुझे एक पहचान दी और आज मैं गर्व से कह सकती हूं कि इस क्लब ने हजारों महिलाओं के जीवन को बदल दिया है।' उन्होंने बताया कि इस क्लब के लिए काम करते समय उन्होंने कई फाउंडर्स के साथ बातचीत की और कई बड़ी चुनौतियों का सामना भी किया।'

जून में बंद हो गया था क्लब

इस साल जून महीने में रागिनी ने लीप क्लब को बंद कर दिया था। इसके बाद रागिनी कुछ समय तक अलग-अलग जगहों पर गईं, नए लोगों से बात की और अपने कुत्ते के साथ-साथ अपने लिए भी समय निकाला। इसके बाद अगस्त में उन्हें गूगल में एक रोल मिल गया। उन्होंने लिखा कि यह रोल मेरे अनुभव से पूरी तरह मेल खाता था। उन्होंने कहा, 'यह रोल उन सभी चीजों से जुड़ा था जो मैंने पिछले कई सालों में सीखी थीं' रागिनी दास ने पिछले दो महीनों में गूगल में काम किया। यहां उन्होंने कई लोगों से बातचीत की और गूगल फॉर स्टार्टअप के प्रभाव को जाना और इसके बाद भारत में गूगल फॉर स्टार्टअप के लिए काम करने का फैसला किया।

 

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अब, गूगल फॉर स्टार्टअप्स इंडिया की प्रमुख के रूप में रागिनी दास इस प्रोजेक्ट के फाउंडर्स को सही संसाधनों, नेटवर्क और एक्सपर्ट्स के साथ लाकर उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा, 'हमारा मिशन दुनिया भर में ग्रोथ कर रहे स्टार्टअप्स को सही लोगों और प्रोडक्ट्स से जोड़कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद करना है।'

रागिनी का शुरूआती जीवन

रागिनी दास ने लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा चेन्नई चेट्टीनाड विद्याश्रम से पूरी की है। अगर करियर की बात करें तो रागिनीदास पहले ट्राइडेंट ग्रुप इंडिया में भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और एल्यूडेकोर में भी इंटर्नशिप की है। इस दौरान उन्होंने सेल्स लीडर और मार्केटर से लेकर प्रोडक्ट मैनेजर और स्टार्टअप को-फाउंडर तक, कई भूमिकाएं निभाई हैं। इसके अलावा वह फिक्की में स्टार्टअप्स में महिलाओं की समिति की अध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं।