बिहार में 6 और 11 नवंबर को वोटिंग, 14 तारीख को आएंगे नतीजे
बिहार में विधासनभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी गई है।

तारीख की घोषणा करते हुए चुनाव आयुक्त । Photo Credit: PTI
चुनाव आयोग ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है और इसी के साथ अब तक लगाई जा रही अटकलों पर विराम लग गया है। आयोग के मुताबिक चुनाव दो चरणों में करवाया जाएगा। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को कराया जाएगा और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे और पूरी चुनावी प्रक्रिया 16 नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी। पिछली बार चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे।
पहले चरण के लिए गजट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को आएगा और दूसरे फेज का 13 अक्तूबर को आएगा। पहले फेज के लिए नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 17 अक्तूबर होगी जबकि दूसरे फेज के लिए नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 20 अक्तूबर होगी। पहले फेज के लिए स्क्रूटिनी की अंतिम तारीख 18 अक्तूबर तो दूसरे फेज की स्क्रूटिनी की अंतिम तारीख 21 अक्तूबर होगी। और नॉमिनेशन को वापस लेने की अंतिम तारीख पहले फेज के लिए 20 अक्तूबर और दूसरे फेज के लिए 21 अक्तूबर होगी। चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई है। 243 सदस्यों वाले विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। एक दिन पहले ही पोल पैनल ने चुनाव की तैयारियों को लेकर अपना रिव्यू पूरा किया था।
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8 सीटों के लिए उपचुनाव
बिहार के आम चुनावों के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों में 8 सीटों के लिए उपचुनाव भी होंगे, जिसमें जम्मू कश्मीर दो बडगांव और नगरौटा, राजस्थान की अंता, झारखंड की घाटशिला, तेलंगाना जुबली हिल्स, पंजाब में तरनतारन, मिजोरम में दम्पा और ओडिशा में नवपदा शामिल हैं। इन सभी के चुनाव 11 नवंबर को होंगे और इनकी काउंटिंग भी 14 नवंबर ही होगी।
SIR का जिक्र
चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव अपना कर्तव्य दो चरणों में निभाती है। पहला मतदाता सूची बनाना और दूसरा चुनाव कराना। उन्होंने कहा कि स्पेशल इन्टेंसिव रिवीजन किया जा चुका है और मतदाता सूची का शुद्धीकरण किया जा चुका है और 30 सितंबर को फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है जो कि सभी दलों को दी जा चुकी है और अभी भी अगर किसी दल को कोई कमी लगती है तो उसके लिए जिलाधिकारी के समक्ष अपील की जा सकती है।
चुनाव आय़ुक्त ने कहा, 'इस बार के चुनाव न सिर्फ मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि पूरी टीम तत्परता के साथ खड़ी रहेगी और लॉ एंड ऑर्डर का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग सभी दलों का सभी मतदाताओं का और सभी मीडियाकर्मियों का सहयोग जाता है।'
प्रशांत किशोर फैक्टर
इस बार बिहार के चुनाव पर सभी निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि प्रशांत किशोर के मैदान में आने की वजह से राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशांत किशोर एनडीए और महागठबंधन के लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं।
किए गए कई सुधार
चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीके से चुनाव कराए जाने के लिए कई सुधार किए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक ये सुधार बिहार के बाद पूरे देश में लागू किए जाएंगे।
सभी मतदान केन्द्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी
राजनीतिक दलों के बूथ एजेंटों केवल मतदान शुरू होने से पहले प्रैक्टिस में हिस्सा लेंगे।
मतदान समाप्त होने के बाद फॉर्म-17सी जमा किया जाएगा
वोटर वोट डालते समय ईवीएम पर उम्मीदवारों के नाम के साथ उनकी तस्वीर भी देखेंगे
मोबाइल फोन मतदान केन्द्र के बाहर तक ले जाने की अनुमति होगी
राजनीतिक दलों को मतदान केन्द्रों से केवल 100 की दूरी पर पोलिंग एजेंट बूथ बनाने की इजाजत होगी
कानून-व्यवस्था पर खास जोर
चुनाव आयोग ने कहा कि दिव्यांगो के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी ताकि वे आराम से वोटिंग कर सकें। चुनाव आयोग ने कहा, 'चुनाव आयोग का जो ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट है वहां पर बिहार के बूथ लेवल के एजेंट्स की ट्रेनिंग करवाई गई है। इसी तरह से आगे के चुनावों में भी उनकी ट्रेनिंग करवाई जाएगी। पहले उनकी ट्रेनिंग विधानसभा लेवल पर या जिला लेवल पर हो जाती थी लेकिन अब इसमें परिवर्तन कराया गया है। इसी तरह से पुलिस की ट्रेनिंग भी जिला स्तर या राज्य स्तर पर हो जाती थी लेकिन चूंकि कानून-व्यवस्था एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है इसलिए उनकी ट्रेनिंग भी अलग से करवाई जा रही है।'
15 दिन में वोटर कार्ड
जिन मतदाताओं का पता बदल गया है उनको नए वोटर कार्ड दिए जाने हैं। पहले इसमें काफी टाइम लग जाता था लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने सभी एंजेंसियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि उन्हें 15 दिनों के अंदर वोटर कार्ड मिल सके।
मोबाइल के लिए व्यवस्था
चुनाव आयोग ने कहा, 'एक नई व्यवस्था बनाई गई है कि पोलिंग कमरे के ठीक बाद अपना फोन जमा करा सकता है और वोट डालने के बाद अपना फोन लेकर वापस घर जा सकता है। मतदान के बाद हर मतदाता को वोटर इन्फॉर्मेशन स्लिप दी जाती है। वोटर इन्फॉर्मेशन स्लिप पर छोटा सा बदलाव करने के बाद पोलिंग स्टेशन का नंबर और जगह बड़े रूप में दिखाई गई है, जिससे उनकी काफी सुविधा बढ़ गई है।'
इसी तरह से फोटो को लेकर भी बदलाव किया गया है। अब तक चूंकि फोटो ब्लैक एंड व्हाइट में आती थी, तो इसको लेकर भी बदलाव किया गया है कि फोटो इस बार कलर्ड लगाई जाएगी और फॉन्ट को भी बड़ा किया जाएगा। इससे प्रत्याशियों को ठीक से पहचानने में दिक्कत नहीं होगी।
कॉल की व्यवस्था
ईवीएम के अंतिम दो राउंड के पहले पोस्टल बैलट की काउंटिंग को अनिवार्य किया गया है। इंडेक्स कार्ड का डेटा भी चुनाव खत्म होने के कुछ ही दिन में मिल जाएंगे। ईसीआईनेट के जरिए कोई भी मतदाता अपने बीएलओ से बात कर सकता है। इसके अलावा कोई बिहार का मतदाता 1950 पर बात करके तो 243 ईआरओ मतदाताओं की सेवा के लिए खुले रहेंगे और अगर इससे संतुष्टि नहीं मिलती है तो डीएम के पास भी कॉल कर सकते हैं और सीईओ को भी कॉल कर सकते हैं।
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वोटर कार्ड के बिना भी कर सकते हैं वोट
अगर वोटिंग कार्ड लाना भूल गए हैं तो भी 12 डॉक्युमेंट्स में से कोई भी डॉक्युमेंट्स दिखाकर अपनी पहचान को सुनिश्चित कर सकते हैं। दिव्यांगो और 85 साल से ज्यादा के लोगों के लिए होम वोटिंग की भी सुविधा दी जाएगी। अगर कोई भी प्रत्याशी आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो उसकी शिकायत की जा सकती है।
बिहार चुनाव की अहम बातें:-
मतदान केंद्र पर अपने मोबाइल जमा करा सकेंगे मतदाता।
जिनका नाम या पता बदला उन मतदाताओं को नए वोटर कार्ड मिलेंगे।
BLO को भी आईडी कार्ड मिलेंगे।
मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी तक कैंडिडेट लगा सकेंगे बूथ।
100 पर्सेंट बूथों पर होगी वेबकास्टिंग।
पोस्टल बैलट की गिनती EVM के लास्ट 2 राउंड से पहले पूरा करना अनिवार्य।
वोटर हेल्पलाइन नंबर- 1950, STD कोड के साथ फोन कर सकेंगे।
हर विधानसभा सीट के लिए एक-एक IAS अधिकारी होगा ऑब्जर्वर, हर जिले में एक पुलिस अधिकारी ऑब्जर्वर और खर्च के लिए कुल 67 ऑब्जर्वर।
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