संपदा निदेशालय के अधिकारी कांग्रेस नेता उदित राज की पत्नी सीमा राज को मिला सरकारी आवास खाली कराने पहुंचे। भारी पुलिसबल के साथ आवास से सीमा राज का सामान बाहर निकाला गया। इस बीच उदित राज ने सरकार पर जबरन घर खाली कराने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि मामला अभी अदालत में विचारधीन है। 28 अक्टूबर की तारीख लगी है, लेकिन सरकार ने चार दिन पहले 24 अक्टूबर को जबरन आवास खाली करा दिया है। सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी सीमा राज पूर्व सांसद उदित राज की पत्नी हैं। उनको नई दिल्ली के पंडारा पार्क स्थित सरकारी बंगला मिला था। सेवानिवृत्ति के करीब आठ महीने बाद अधिकारी आवास खाली कराने पहुंचे हैं।
बता दें कि संपदा निदेशालय शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है। यह मनोहर लाल का मंत्रालय है। उदित राज ने कहा, 'मैंने मनोहर लाल खट्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई है। कोई बड़ अधिकारी भी फोन पर उपलब्ध नहीं है। कोई मुझे कुछ नहीं बता रहा है। इस मामले को पार्टी हाईकमान के सामने उठाएंगे।'
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क्यों खाली कराया गया आवास?
कांग्रेस नेता उदित राज की पत्नी सीमा राज 30 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। करीब आठ महीने बाद सरकार ने अब आवास खाली कराया है। हालांकि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। सीमा राज का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद मैं अगले छह महीनों तक अपना आवास रख सकती हूं। 31 मई तक लाइसेंस शुल्क भी चुकाया है। हालांकि घर खाली कराने के मामले में अभी तक सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
संपदा निदेशालय से बार-बार समय मांगा: सीमा राज
उन्होंने आगे कहा, 'मेरे पिता बहुत बीमार थे। उनका कुछ दिन पहले ही निधन हुआ है। संपदा निदेशालय को बार-बार पत्र लिखकर कुछ समय मांगा। 30 मई के बाद बाजार मूल्य पर किराया देने की पेशकश भी की। इसके बाद सितंबर में हमने अदालत में अपील की। 28 अक्टूबर को मामले की सुनवाई है। सिर्फ एक महीने आवास खाली कराने पर रोक लगाने की मांग की है। बावजूद इसके वे (अधिकारी) जानबूझकर ऐसे दिन आए हैं, जब अदालतें बंद हैं।'
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गरीबों की आवाज उठाने की सजा: उदित राज
कांग्रेस नेता उदित राज ने सरकार की कार्रवाई को चुनिंदा बताया। उन्होंने कहा कि 'उच्च जातियों' के कई लोग सरकारी बंगलों पर कब्जा जमा कर बैठे हैं, लेकिन एक 'निचली जाति' के विपक्षी नेता को निशाना बनाया जा रहा है। उदित राज ने कहा कि गुरुवार को संपदा निदेशालय के अधिकारी उनके घर पहुंचे और शुक्रवार को होने वाली बेदखली का नोटिस दिया। उन्होंने कहा, 'मेरे घर का सामान सड़क पर फेंका जा रहा है। मामला अदालत में विचाराधीन है और अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को है। तीन-चार दिन में क्या फर्क पड़ेगा? मैं अदालत के फैसले का पालन करूंगा, लेकिन यह उत्पीड़न दलितों और गरीबों की आवाज उठाने की सजा है।'
'यह मोदी सरकार का अत्याचार है'
उदित राज ने कहा, मैं मनोहर लाल से मिलने की कोशिश करता हूं, लेकिन वह मिलते नहीं हैं। यह मोदी सरकार का अत्याचार है। मेरा सामान इस तरह फेंका जा रहा है। आजाद भारत में ऐसा अत्याचार किसी पर नहीं हुआ। वे अदालत की भी नहीं सुनते, जब हमें परेशान किया जा रहा है तो देश के आम गरीब, दलित और पिछड़े लोगों पर क्या बीत रही होगी? अगर 28 अक्टूबर को अदालत कहेगी तो हम घर खाली कर देंगे।'
