दिल्ली में एक बार फिर से कर्मचारी चयन आयोग (SSC) में अनियमितताओं को लेकर छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। 1500 से ज्यादा छात्र और शिक्षक विरोध प्रदर्शन करने दिल्ली के रामलीला मैदान में पहुंचे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि पुलिस गैरकानूनी तरीके से उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन कर रही है।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया, उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की। वहां मौजूद लोगों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें मारा-पीटा। पुलिस के बल प्रयोग करते ही कई छात्र इधर-उधर भागने लगे। छात्रों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में धांधली हो रही है, यह प्रशासनिक विफलता है, जिसे सरकार ठीक नहीं कर पा रही है। 
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क्या कह रहे हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि परीक्षा में होने धांधलियों की वजह से लाखों छात्रों का हौसला टूटा है। लोग सरकारी नौकरी के लिए कई साल मेहतन करते हैं फिर भी धांधली हो जाती है। परीक्षा पत्रों में गलतियां सामने आती हैं, उत्तर पुस्तिका में भी गलतियां देखने को मिलती हैं। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि परीक्षा में व्यवस्था में सुधार हो, सही निगरानी हो, जिससे शिकायतों का जल्द निपटारा हो सके।
 
क्या है छात्रों की शिकायत?
छात्र SSC की परीक्षा प्रक्रिया पर नाराज हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कई गलत सवाल उन्हें परीक्षाओ में दिए जाते हैं। जो इनविजिलेटर हैं वे परीक्षा भवन में फोन का इस्तेमाल करते हैं। परीक्षा देरी से शुरू होती है, जिसकी वजह से छात्रों को कम वक्त मिल पाता है। जो परीक्षा एजेंसी परीक्षा कराती है, उसकी चयन प्रकिया भी सवालों के दायरे में है। उम्मीदवारों और शिक्षकों की मांग है कि SSC निजी एजेंसियों को हटाकर खुद ही परीक्षा करवाए। अगर कोई परीक्षा रद्द होती है तो उसकी पहले से सूचना दी जाए। प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच करने की मांग की है।
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छात्रों की प्रमुख मांगें क्या हैं?
- विवादित एजेंसी Eduquity को हटा दिया जाए
- पारदर्शी और सक्षम एजेंसी की नियुक्ति हो, सही वक्त पर परीक्षाएं आयोजित की जाएं
- बार-बार परीक्षा रद्द होने की वजह से हुए खर्च का मुआवजा अभ्यर्थियों को मिले
- तकनीकी खामियों को दूर कर स्थिर और भरोसेमंद परीक्षा प्रणाली तैयार की जाए
- लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय हो और सख्त कार्रवाई की जाए
- परीक्षा प्रक्रिया का एक स्टैंडर्ड तय हो और सही वक्त पर कैलेंडर आए
- आंसर की दुरुस्त और सही वक्त पर आए
- दस्तावेजों का वेरिफिकेशन सही समय से हो
- टियर-2 परीक्षा में प्रश्नों की संख्या बढ़ाई जाए
- सभी वार्षिक परीक्षाओं के लिए उम्र निर्धारित करने की तारीख 1 जनवरी हो
- अनियमितताओं से प्रभावित अभ्यर्थियों को उम्र में छूट मिले
- सरकारी विभागों में सभी खाली पद भरे जाएं
Eduquity पर छात्रों को ऐतराज क्यों है?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि Eduquity ब्लैकलिस्टेड कंपनी है। शिक्षा मंत्रालय ने इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया है। जिस कंपनी पर दाग है, उसे कैसे परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। सरकार के पास तंत्र है, फिर SSC निजी कंपनियों को ठेके क्यों दे रही है।
 
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन पर पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'करीब 1,500 लोग रामलीला मैदान में आए थे। इनमें से 100 लोग तय समय के बाद भी नहीं हटे। बार-बार हमने हटने की अपील की। बाद में 44 लोगों को हिरासत में लिया गया। बाकी प्रदर्शनकारी वहां से चले गए।'
किसके नेतृत्व में हो रहा है आंदोलन?
छात्र महा आंदोलन के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इस प्रदर्शन के बारे में लिख रहे हैं। भीड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। छात्रों की मांग है कि SSC एग्जाम को फिर से पारदर्शी बनाया जाए, जिससे छात्रों का भरोसा न टूटे।
बिहार में भी सियासत
कांग्रेस बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रही है। अधिकार यात्रा में भी एसएससी प्रोटेस्ट की गूंज सुनाई दे रही है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X हैंडल से पोस्ट किया, 'मोदी सरकार ने रात में पुलिस भेजकर SSC छात्रों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश की है। यह सरासर गलत है, इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है। छात्र पिछले कई महीनों से SSC में सुधार की मांग कर रहे हैं। जब उनकी नहीं सुनी गई तो मजबूरन वो दिल्ली में धरना देने आए। मोदी सरकार से ये बर्दाश्त न हुआ और पुलिस भेजकर छात्र और छात्राओं को बुरी तरह पिटवा दिया। सरकार को छात्रों की बात सुननी ही होगी। SSC से जुड़ी उनकी मांग जायज है।' विपक्षी दलों के नेताओं ने भी दिल्ली पुलिस के एक्शन की आलोचना कर रहे हैं।
