दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से एक दिन की नवजात बच्ची के अपहरण का मामला सामने आया है। इस सनसनीखेज घटना में दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्ची को चार घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर लिया और 27 वर्षीय आरोपी महिला को गिरफ्तार किया। क्या है पूरा मामला?

 

पूरा मामला

27 वर्षीय महिला मंगलवार को सफदरगंज अस्पताल गई थी। वहां मौजूद स्टाफ और मरीजों से बात करते हुए वह नवजात बच्चों पर नजर भी रख रही थी। वार्ड 5 से महिला ने एक नवजात को उठा लिया और उसे लेकर अस्पताल से भाग निकली। जब महिला शिशु को लेकर घर आई तो उसने अपने अपने पति और परिवार को बताया कि उसने एक बच्ची को जन्म दिया है। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद, पुलिस उसके घर पहुंची और उसे नवजात शिशु का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। नवजात को उसके असली माता-पिता के पास वापस भेज दिया गया है। 

 

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ऐसा किया क्यों?

महिला 9 साल से शादीशुदा थी लेकिन उसे बच्चा नहीं हो पा रहा था। इसी को देखते हुए उसने एक प्लान बनाया और 6 महीने पहले अपने माता-पिता के पास आ गई। यहां उसने गर्भावस्था का नाटक किया। जब पति ने डिलीवरी की तारीख पूछी तो महिला ने कहा कि वह चेकअप के लिए मंगलवार को अस्पताल जा रही है। मंगलवार को ही महिला ने अपहरण की घटना को अंजाम दिया और गिरफ्तार हो गई। 

 

पुलिस ने ऐसे लगाया पता

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि  मंगलवार शाम को करीब 4 बजे पुलिस को एक व्यक्ति से पीसीआर कॉल मिली, जिसमें बताया गया कि उसकी एक दिन की बेटी कहीं नहीं मिल रही है। शख्स ने बताया कि उसकी 24 वर्षीय पत्नी ने 14 अप्रैल को सफदरजंग अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया था। डिलीवरी के बाज उसे वार्ड नंबर 5 में शिफ्ट कर दिया गया। अगले दिन दोपहर 3:17 मिनट पर बच्ची लापता हो गई। पिता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर तुरंत इलाके की तलाशी की लेकिन लापता बच्ची का पता नहीं चल सका। इसके बाद पुलिस ने अस्पताल से सीसीटीवी फुटेज चेक किए जिसमें एक महिला चेहरा दुपट्टे से आधा ढके नजर आई और अस्पताल के गलियारे में घूमती दिखी। फुटेज में महिला अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों से बातचीत करती नजर आ रही थी। हालांकि, अस्पताल के अंदर कई सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्हें यह पता लगाने में दिक्कत आ रही थी कि महिला अस्पताल से कैसे निकली। 

 

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80 से ज्यादा CCTV कैमरों की हुई जांच

पुलिस ने सफदरजंग एन्क्लेव के आसपास के 80 से ज्यादा CCTV कैमरों की जांच की, जिसमें संदिग्ध महिला को एम्स मेट्रो स्टेशन की ओर जाते हुए देखा गया उसके साथ एक शिशु भी था। महिला ने अपने रूट के बारे में पुलिस को गुमराह करने के लिए कई ट्रेनें बदलीं। डीसीपी चौधरी ने बताया, 'वह एम्स से समयपुर बादली की ओर जाने वाली मेट्रो में सवार हुई लेकिन पुलिस को गुमराह करने के लिए आईएनए मेट्रो स्टेशन पर उतर गई। इसके बाद वह हौज खास मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन से उतरने से पहले मिलेनियम सिटी सेंटर गुड़गांव की ओर जाने वाली ट्रेन में सवार हुई।'

 

मालवीय नगर से हुई गिरफ्तार

सीसीटीवी में उसे पंचशील फ्लाईओवर की ओर जाते और शाम 4 बजे के आसपास एक ऑटो में सवार होते हुए दिखाया गया। डीसीपी चौधरी ने बताया, 'हमने ऑटो के रजिस्ट्रेशन नंबर का पता लगाया और ड्राइवर को ढूंढ निकाला...हमने उससे पूछताछ की और उसने बताया कि उसने महिला और बच्चे को मालवीय नगर में गुलक वाली गली के सामने छोड़ा था।' पुलिस ने बताया कि महिला को आखिरकार मालवीय नगर में उसके घर पर ट्रैक किया गया, जहां वह अपने माता-पिता के साथ रहती थी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसकी शादी को नौ साल हो चुके हैं और उसका कोई बच्चा नहीं है। कुछ महीने पहले, वह अपने माता-पिता के घर आई थी। उसने सराय काले खां में रहने वाले अपने पति से कहा था कि वह गर्भवती है।'