मऊ के सदर विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और समाज विरोधी गतिविधि (निवारण) अधिनियम 1986 के तहत दर्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत दे दी है। वह साल पिछले साल सितंबर से ही इस मामले में जेल में बंद हैं। अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक हैं।

 

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अंसारी को लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास पर रहना होगा, अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने के लिए जिला प्रशासन और ट्रायल कोर्ट से पूर्व अनुमति लेनी होगी।

 

शीर्ष अदालत ने मामले को छह सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया है और निर्देश दिया है कि अंसारी के साथ यूपी पुलिस के आचरण पर एक स्थिति रिपोर्ट दायर की जाए।

 

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UP नहीं छोड़ सकेंगे
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अंसारी ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ सकते। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अंसारी को कोर्ट के समक्ष चल रहे मामलों के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दे सकते। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन मामलों में खुद का बचाव करने के अंसारी के अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यूपी पुलिस के साथ अंसारी के आचरण पर एक स्थिति रिपोर्ट दायर की जाए।

 

अगस्त में दर्ज हुआ था मुकदमा

अब्बास अंसारी, नवनीत सचान,नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ यूपी गैंगस्टर ऐक्ट के सेक्शन 2,3 के तहत चित्रकूट के कोतवाली कर्वी पुलिस स्टेशन पर 31 अगस्त 2024 को मुकदमा दायर किया गया था।

 

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