लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गौतम अदाणी के कथित भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी के एक बयान को लेकर सवाल उठाए हैं, जिनमें उन्होंने गौतम अदाणी से जुड़े एक सवाल पर कहा था कि दो देशों के प्रतिनिधियों के बीच निजी मामलों पर बात नहीं होती। राहुल गांधी ने इसी बयान पर सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी ने कहा है कि अगर देश में नरेंद्र मोदी से सवाल करो तो वह चुप हो जाते हैं, विदेश में पूछो तो इसे वह निजी मामला बता देते हैं। उन्होंने गौतम अदाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्त बताया है। अमेरिका में गौतम अदाणी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने एक ऐसा फैसला किया है, जिससे अदाणी को बड़ी राहत मिली है।
राहुल गांधी ने अदाणी-PM पर कहा क्या है?
राहुल गांधी ने कहा, 'देश में सवाल पूछो तो चुप्पी, विदेश में पूछो तो निजी मामला! अमेरिका में भी मोदी जी ने अदाणी के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया! जब मित्र का जेब भरना मोदी जी के लिए राष्ट्र निर्माण है तब रिश्वतखोरी और देश की संपत्ति को लूटना व्यक्तिगत मामला बन जाता है।'
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प्रधानमंत्री मोदी ने गौतम अदाणी पर क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक पत्रकार ने सवाल किया कि क्या गौतम अडानी के मुद्दे पर कुछ बात हुई। पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे लगता है कि हर भारतीय मेरा है। भारत एक लोकतंत्र है और हमारी संस्कृति 'वसुधैव कुटुम्बकम' है, हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। मेरा मानना है कि हर भारतीय मेरा है। जब ऐसे मामलों (गौतम अदाणी) का जिक्र होता है, दो देश व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा नहीं करते हैं।'

गौतम अदाणी पर आरोप क्या थे?
गौतम अदाणी पर अमेरिका में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे। गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी, एज्यूर पावर ग्लोबल लिमिटेड के बिजनेस एसोसिएट सिरिल कैबनेस और कई अन्य लोगों के खिलाफ FCPA के उल्लंघन के आरोप लगे थे। आरोप में कहा गया था कि सोलर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए अदाणी ग्रुप ने 2 हजार करोड़ का घूस अधिकारियों को दिया था। राहुल गांधी का इशारा इसी तरफ था। उनके खिलाफ शॉर्ट शेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने भी एक रिपोर्ट में निवेशकों को ठगने के आरोप लगाए थे। कांग्रेस इसका जिक्र सड़क से लेकर संसद तक करती रहती है।
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ट्रम्प का फैसला, PM मोदी के लिए राहत
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के प्रवर्तन पर रोक लगा दी थी। उन्होंने इसके तहत होने वाले एक्शन को रोक दिया है। अमेरिकी न्याय विभाग विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर कॉन्ट्रेट हासिल करने वाले अमेरिकियों पर मुकदमा चला सकता था, अभी इसे रोका गया है।