महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव नज़र आ रहा है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को मुंबई में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीएमसी चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा कर दी। दोनों चचेरे भाइयों ने बाल ठाकरे की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद यह ऐलान किया।

 

राज ठाकरे ने कहा, 'महाराष्ट्र लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहा था। आज मैं घोषणा करता हूं कि शिवसेना और एमएनएस एक हो गए हैं।' उद्धव ठाकरे ने कहा कि दोनों पार्टियां 'मराठी माणूस' और महाराष्ट्र के हित के लिए एक साथ आई हैं। उन्होंने कहा, 'हम साथ रहने के लिए एक हुए हैं।'

 

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20 साल बाद हुआ गठबंधन

यह गठबंधन करीब 20 साल बाद हुआ है। पहले अविभाजित शिवसेना में दोनों साथ थे, लेकिन 2006 में राज ठाकरे ने अलग पार्टी बना ली थी। अब बीएमसी चुनावों में दोनों पार्टियां साथ लड़ेंगी। बीएमसी एशिया का सबसे अमीर नगर निगम है, और पहले अविभाजित शिवसेना का यहां 30 साल तक कब्जा रहा है।

 

इस घोषणा पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तंज कसते हुए पत्रकारों से कहा, 'इतना हल्ला मचाया जा रहा है जैसे रूस और यूक्रेन एक हो गए हों और जेलेंस्की व पुतिन बात कर रहे हों।' फडणवीस ने आगे कहा कि ठाकरे भाइयों का यह गठबंधन अपनी अस्तित्व की लड़ाई के लिए है। 'दोनों पार्टियां अपनी पहचान खो चुकी हैं। लोगों का उन पर भरोसा नहीं है। तुष्टीकरण की राजनीति करने से उनका वोट बैंक चला गया। इनका एक होना कोई असर नहीं डालेगा। दोनों अपना अस्तित्व बचाने के लिए हाथ मिला रहे हैं। मुंबई के लोग हमारा विकास कार्य देख चुके हैं, इसलिए मुंबई हमारे साथ है और रहेगी। महायुति मुंबई जीतेगी।'

 

 

 

बोले- मजबूरी में गठबंधन

फडणवीस ने कहा कि यह गठबंधन विचारधारा से नहीं, बल्कि राजनीतिक मजबूरी से हुआ है। 'अपनी अस्तित्व बचाने की बेताब कोशिश में वे एक हो गए हैं। लेकिन महाराष्ट्र के लोगों ने हमारा काम देखा है, और इसी आधार पर महायुति जीतेगी। मराठी माणूस महायुति को वोट देगा।' आगे उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे निराश हो चुके हैं, वह कोई भी बात कहते हैं तो उनको तवज्जो मत दो।'

 

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महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी 2026 को होने हैं। इनमें मुंबई की बीएमसी सबसे महत्वपूर्ण है। मतगणना 16 जनवरी को होगी। महायुति (बीजेपी, शिंदे सेना और अजित पवार की एनसीपी) इस चुनाव में मजबूत स्थिति में है, जबकि ठाकरे गठबंधन से विपक्ष को उम्मीद है।

 

यह चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा तय कर सकता है। देखना होगा कि ठाकरे भाइयों का यह एकजुट होना कितना असर डालता है।