साल 2026 धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पर्वों की दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। नए साल की शुरुआत अंग्रेजी नववर्ष और मकर संक्रांति जैसे प्रमुख पर्वों से होगी, वहीं साल भर हिंदू पंचांग के अनुसार व्रत, त्योहार, जयंती और धार्मिक अनुष्ठानों की लंबी श्रृंखला देखने को मिलेगी। चैत्र नवरात्रि से लेकर शरद नवरात्रि तक, महाशिवरात्रि, राम नवमी, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, दीपावली और छठ पूजा जैसे बड़े पर्व पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाए जाएंगे।
2026 में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और मुस्लिम धर्मों के कई महत्वपूर्ण त्योहार एक साथ पड़ रहे हैं, जिससे धार्मिक सौहार्द और सांस्कृतिक विविधता की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती जैसे राष्ट्रीय पर्व भी पूरे सम्मान के साथ मनाए जाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सही तिथि पर व्रत-पूजन करने के लिए पंचांग का महत्व और भी बढ़ जाता है।
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जनवरी 2026 के प्रमुख व्रत और त्योहार
नए साल की शुरुआत 1 जनवरी 2026 को अंग्रेजी नववर्ष और गुरु प्रदोष व्रत के साथ होगी। 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान-दान होगा और इसी दिन से माघ मास की शुरुआत भी मानी जाएगी। गुरु गोविंद सिंह जयंती 5 जनवरी को मनाई जाएगी। 6 जनवरी को सकट चौथ और सौभाग्यसुंदरी व्रत रखा जाएगा।
13 जनवरी को लोहड़ी और 14 जनवरी को मकर संक्रांति, पोंगल और उत्तरायण का पर्व मनाया जाएगा। 16 जनवरी को मासिक शिवरात्रि और शबे मेराज एक साथ पड़ेंगे। 18 जनवरी को मौनी अमावस्या और 19 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि शुरू होगी।
वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा 23 जनवरी को होगी। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के साथ भीमाष्टमी मनाई जाएगी। महीने के अंत में जया एकादशी, भीष्म द्वादशी और गांधीजी की पुण्यतिथि आएगी।
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फरवरी 2026 के व्रत-त्योहार
फरवरी की शुरुआत माघ पूर्णिमा और गुरु रविदास जयंती से होगी। 5 फरवरी को संकष्टी चतुर्थी और 9 फरवरी को कालाष्टमी और जानकी जयंती मनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि का पावन पर्व 15 फरवरी को आएगा। इसके बाद फाल्गुन अमावस्या, फुलेरा दूज और रमजान की शुरुआत होगी। महीने के अंतिम दिनों में आमलकी एकादशी और शुक्ल प्रदोष व्रत रहेगा।
मार्च 2026 के धार्मिक पर्व
मार्च में होलिका दहन 3 मार्च और होली 4 मार्च को खेली जाएगी। रंग पंचमी, शीतला सप्तमी और कालाष्टमी भी इसी माह पड़ेंगी।
19 मार्च को चैत्र नवरात्रि, घटस्थापना, गुड़ी पड़वा और नव संवत्सर 2083 का आरंभ होगा। राम नवमी 26 मार्च को और महावीर जयंती 31 मार्च को मनाई जाएगी।
अप्रैल 2026 के पर्व
अप्रैल में हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा 2 अप्रैल को होगी। 14 अप्रैल को मेष संक्रांति, बैसाखी और अंबेडकर जयंती मनाई जाएगी।
19 अप्रैल को अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती का संयोग रहेगा। गंगा सप्तमी, सीता नवमी और नरसिंह चतुर्दशी भी इसी माह आएंगी।
मई 2026 के व्रत और जयंती
मई की शुरुआत बुद्ध पूर्णिमा से होगी। इसके बाद नारद जयंती, अपरा एकादशी और वृष संक्रांति आएगी।
वट सावित्री व्रत और शनि जयंती 16 मई को होगी। गंगा दशहरा 26 मई को और बकरीद 28 मई को मनाई जाएगी।
जून 2026 के पर्व
जून में निर्जला एकादशी, मासिक शिवरात्रि और सोमवती अमावस्या विशेष रहेंगी।
योग दिवस 21 जून को मनाया जाएगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कबीर जयंती भी इसी माह होगी।
जुलाई 2026 के धार्मिक आयोजन
जुलाई में जगन्नाथ रथ यात्रा 16 जुलाई को निकाली जाएगी। देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास की शुरुआत होगी।
गुरु पूर्णिमा 29 जुलाई को मनाई जाएगी।
अगस्त 2026 के पर्व
अगस्त में हरियाली तीज, स्वतंत्रता दिवस और नाग पंचमी प्रमुख रहेंगे।
रक्षा बंधन 28 अगस्त को और ईद-ए-मिलाद 31 अगस्त को मनाई जाएगी।
सितंबर 2026 के व्रत-त्योहार
सितंबर में जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और हरतालिका तीज आएंगी।
अनंत चतुर्दशी और भाद्रपद पूर्णिमा के बाद पितृपक्ष की शुरुआत होगी।
अक्टूबर 2026 के पर्व
अक्टूबर में शरद नवरात्रि, दुर्गा पूजा और दशहरा बड़े पर्व रहेंगे।
करवा चौथ 29 अक्टूबर को और स्कंद षष्ठी 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
नवंबर 2026 के त्योहार
नवंबर में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व आएगा। 06 नवंबर के दिन धनतेरस, प्रदोष व्रत (कृष्ण) और धन्वंतरि जयंती मनाई जाएगी। वहीं, 07 नवंबर के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी और 08 नवंबर के दिन दिवाली, नरक चतुर्दशी और लक्ष्मी कुबेर पूजा की जाएगी। पंचांग के अनुसार, 09 नवंबर 2026 के दिन कार्तिक अमावस्या और सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी। 10 नवंबर 2026 के दिन गोवर्धन पूजा और 11 नवंबर के दिन चंद्र दर्शन, भाई दूज, चित्रगुप्त पूजा और यम द्वितीया मनाई जाएगी। छठ पूजा 15 नवंबर को और देवोत्थान एकादशी के साथ तुलसी विवाह होगा।
दिसंबर 2026 के प्रमुख व्रत
दिसंबर में मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती और मार्गशीर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व रहेगा।
25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाएगा और साल का समापन कालाष्टमी के साथ होगा।
