सनातन धर्म में भगवान शिव उपासना सृष्टि के संहारक के रूप में की जाती है। भगवान की भक्ति योग, ध्यान और तपस्या से मिलती है। बता दें कि भगवान शिव के उपासक विशेष रूप से साधु-सत जिन्हें, शिवयोगी, नागा बाबा, अवधूत और अघोरी कहा जाता है, होते हैं। ये संन्यासी कठिन जीवन जीते हैं, हिमालय, काशी, कर्नाटक, उज्जैन और अन्य धार्मिक स्थलों में रहते हुए भक्ति में लीन रहते हैं।

 

आज भी कई ऐसे महान संत और योगी हैं जो भगवान शिव की आराधना कर रहे हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रसिद्ध साधु-संतों के बारे में, जो अपनी कठोर साधना और तपस्या के लिए जाने जाते हैं।

स्वामी अवधेशानंद गिरी

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी जूनापीठाधीश्वर हैं और पूरे संन्यासी समुदाय में आदरणीय माने जाते हैं। वे वेद, उपनिषद और भारतीय आध्यात्मिकता के गहरे ज्ञानी हैं। कहा जाता है कि हिमालय में कठिन तपस्या करने के बाद उन्होंने अपने जीवन को समाज कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। वे शिव भक्ति और ध्यान साधना के मार्ग पर चलते हुए लोगों को भी शिव उपासना के लिए प्रेरित करते हैं।

 

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स्वामी अवधूतानंद

स्वामी अवधूतानंद जी हिमालय में शिव साधना करने वाले महान संतों में से एक हैं। उन्होंने वर्षों तक कठोर तप किया और अपनी सिद्धियों से भक्तों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उनका जीवन पूरी तरह शिव आराधना में समर्पित है। वे शिव के ध्यान और मंत्र सिद्धि के लिए जाने जाते हैं।

स्वामी शिवानंद (वाराणसी)

स्वामी शिवानंद जी वाराणसी में रहते हैं और वे शिव भक्ति के बड़े संतों में गिने जाते हैं। 100 वर्ष से अधिक आयु में भी वे साधना करते हैं और शिव तत्व पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे सादा जीवन, उच्च विचार और पूर्ण भक्ति का संदेश देते हैं।

बाबा नागनाथ योगी

बाबा नागनाथ योगी एक प्रसिद्ध नागा साधु हैं जो शिव साधना में लीन रहते हैं। वे प्राचीन नागा परंपरा के संत हैं और काशी व उज्जैन में अधिकतर समय बिताते हैं। उनकी कठोर तपस्या और योग साधना के कारण वे पूरे संन्यासी समाज में पूज्य माने जाते हैं।

महंत नरेंद्र गिरि महाराज

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि का जीवन पूरी तरह शिव भक्ति में समर्पित था। उन्होंने हमेशा साधु-संतों के अधिकारों की रक्षा की और भगवान शिव की उपासना में लीन रहे हैं। वे कुंभ मेले और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान लाखों भक्तों का मार्गदर्शन करते थे।

स्वामी कैलाशानंद गिरी

स्वामी कैलाशानंद गिरी हरिद्वार में स्थित महान संतों में से हैं। वे शिव ध्यान और योग साधना में निपुण हैं। उनकी कठोर तपस्या के कारण उन्हें संन्यासी समाज में अत्यंत सम्मान प्राप्त है। वे गुरुकुल पद्धति से सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार भी करते हैं।

स्वामी रामकृष्णानंद

स्वामी रामकृष्णानंद भगवान शिव के महान भक्तों में से एक हैं। उन्होंने हिमालय में कठिन तपस्या की और आज भी काशी और हिमालय के क्षेत्रों में अपनी साधना जारी रखते हैं। वे ध्यान और योग के द्वारा शिव की भक्ति में निरंतर लीन रहते हैं।

 

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बाबा सिद्धनाथ गिरी

बाबा सिद्धनाथ गिरी एक सिद्ध योगी माने जाते हैं। वे शिव भक्ति और तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका मानना है कि शिव साधना से आत्मा को परम शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वे विभिन्न तीर्थों में रहकर लोगों को शिव भक्ति की प्रेरणा देते हैं।

स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी

स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी काशी और उज्जैन में शिव आराधना करने वाले संत हैं। वे हिमालय की गुफाओं में शिव ध्यान और तपस्या में लीन रहते हैं। उनका मानना है कि केवल शिव का नाम ही जीवन का सार है।