उत्तराखंड में चार धाम यात्रा कई तीर्थयात्री और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ये चारधाम- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ, की यात्रा न केवल हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है, बल्कि राज्य के अर्थव्यवस्था में भी अहम योगदान देती है। 2025 में यह यात्रा अप्रैल के अंत से शुरू होने जा रही है और इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 2 मार्च, 2025 से शुरू होगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

जो लोग घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं, वे उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाएं। वहां 'चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन' सेक्शन में आवश्यक जानकारी जैसे नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर, यात्रा की तिथियां और धामों का चयन करें। सभी जानकारी भरने के बाद, निर्धारित शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें। इसके बाद रजिस्ट्रेशन पूर्ण होने पर, आपको एक ई-रसीद प्राप्त होगी, जिसे यात्रा के दौरान साथ रखें।

 

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इसके साथ मोबाइल ऐप के माध्यम से भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं। इसके लिए 'टूरिस्ट केयर उत्तराखंड' ऐप को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करें। ऐप पर भी जरूरी जानकारी भरकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें। बता दें कि इस ऐप पर मौसम का अपडेट, होटल के विकल्प और अन्य जरूरी सूचनाएं भी प्राप्त होगी। इससे चार धाम यात्रा के दौरान बहुत मदद मिल सकेगी। साथ ही यदि आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में असमर्थ हैं, तो टोल-फ्री नंबर 0135-1364 पर कॉल करें।
प्रतिनिधि आपकी जानकारी लेकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आपकी सहायता करेंगे।

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

जिन लोगों का चार धाम यात्रा का प्लान ऐन मौके पर बनता या जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते हैं, उनके अलग-अलग जगहों पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिसमें- 

  • हरिद्वार (राही होटल), 
  • ऋषिकेश (आईएसबीटी, आरटीओ, गुरुद्वारा), 
  • बड़कोट (यमुनोत्री), 
  • हिना (गंगोत्री), 
  • सोनप्रयाग (केदारनाथ), 
  • पांडुकेश्वर (बद्रीनाथ) 

ये नाम शामिल हैं। इन केंद्रों पर जाकर जरूरी दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए फोटो, पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) और आयु प्रमाण पत्र रखना जरूरी है। साथ ही जिन लोगों की उम्र 60 साल से ज्यादा है, तो उनके मेडिकल जांच रिपोर्ट और डॉक्टर की अनुमति वाला पत्र देना जरूरी होता है। साथ ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 4 पासपोर्ट साइज फोटो रखें।

 

बता दें कि सभी श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी और अनिवार्य है। इससे सरकार के पास यह डाटा रहता है कि कितने लोगों चारधाम की यात्रा की है। साथ ही रजिस्ट्रेशन के दौरान जिस स्लॉट का चयन किया है, यात्रा के दौरान भी उसी स्लॉट का पालन करें। 

 

केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम में अनुष्ठानों के लिए अग्रिम बुकिंग आवश्यक होगी। यात्रा मार्ग पर हर 10 किलोमीटर पर चीता पुलिस या हिल पेट्रोलिंग यूनिट तैनात होगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तेजी से सहायता मिल सके।

 

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इस साल, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ 40% ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध होगी, ताकि इंटरनेट का उपयोग नहीं करने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। साथ ही यात्रा मार्गों पर सुरक्षा और सुविधा बढ़ाने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं।

यात्रा से पहले कर लें ये तैयारी

यात्रा के दौरान किन पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम अनिश्चित हो सकता है, इसलिए गर्म कपड़े, रेनकोट और आवश्यक दवाइयां साथ रखें। कुछ धामों तक पहुंचने के लिए लंबी पैदल यात्रा करनी होगी। इसलिए यात्रा से कुछ महीने पहले ही लोग शारीरिक तैयारी शुरू कर देते हैं, जिसमें वाकिंग, रनिंग, ध्यान-योग शामिल है। इसके साथ यात्रा से पहले अपने सेहत की जांच जरूर करवाएं। खासकर जिन्हें हृदय या सांस से जुड़ी समस्याएं हैं, उनके लिए ये जांच बहुत जरूरी है, ताकि यात्रा के दौरान कोई बड़ी समस्या न पैदा हो जाए।

चार धाम यात्रा से जुड़ी मान्यताएं

सनातन धर्म में चार धाम यात्रा से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। शास्त्रों में यह बताया गया है कि चार धाम यात्रा करने से व्यक्ति को जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। साथ ही तीर्थ यात्रा को मोक्ष प्राप्ति का सबसे उत्तम मार्ग माना जाता है। शास्त्रों में भी यह कहा गया है कि चार धाम यात्रा करने से और उनके दर्शन करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।