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धर्म-कर्म

ऋण मुक्तेश्वर मंदिर: जहां पूजा करने से ऋषि वशिष्ठ को मिली थी कर्ज से मुक्ति

उज्जैन में स्थित ऋण मुक्तेश्वर मंदिर पूरे भारत में अपनी मान्यता और विशेषता के जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यता के अनुसार, जो भी व्यक्ति यहां पूजा करता है, वह कर्ज मुक्त हो जाता है।

Khabargaon Desk Nov 17 2025

धर्म-कर्म

हरसिद्धि मंदिर: जहां गिरी थी देवी सती की कोहनी, चंड-मुंड से जुड़ी है मान्यता

मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित हरसिद्धि मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता के अनुसार, इस स्थान पर देवी सती की कोहनी गिरी थी।

धर्म-कर्म

बेलुर मठ: हिंदू, मुस्लिम और ईसाई वास्तुकला से कैसे तैयार हुआ मंदिर?

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में स्थित बेलुर मठ अपनी बनावट और मान्यता के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस मठ को हिंदू, मुस्लिम और ईसाई तीनों धर्मों का संगम कहा जाता है।

धर्म-कर्म

बोनबिबि देवी मंदिर: जहां हिंदू-मुस्लिम एक साथ करते हैं पूजा

पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में स्थित बोनबिबि मंदिर अपनी मान्यता और इतिहास के लिए स्थानीय लोगों में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्म के लोग पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं।

धर्म-कर्म

पावागढ़: जहां विश्वामित्र ऋषि ने की थी देवी काली की मूर्ति की स्थापना

गुजरात के पंचमहल जिले की पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित महाकालिका मंदिर अपनी मान्यता और पौराणिक कथा के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। मान्यता के अनुसार, ऋषि विश्वामित्र ने मंदिर में देवी की स्थापना की थी।

धर्म-कर्म

गौरीशंकर मंदिर: मरकरी से बने शिवलिंग वाले इस मंदिर का इतिहास क्या है?

दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित गौरीशंकर मंदिर अपनी बनावट और शिवलिंग के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था।

धर्म-कर्म

थिल्लई नटराज मंदिर: बनावट से लेकर कहानी तक, यहां जानें सबकुछ

तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में स्थित थिल्लई नटराज मंदिर अपनी बनावट और मान्यता के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस मंदिर को तमिलनाडु के पंचभूत स्थलों में से एक माना जाता है।

धर्म-कर्म

लिंगराज मंदिर: जहां एक ही शिवलिंग में होती है भगवान शिव और विष्णु की पूजा

ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर अपनी स्थापत्य कला की वजह से पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान लिंगराज हरिहर रूप में विद्यमान हैं।

धर्म-कर्म

दिलवाड़ा मंदिर: यहां जानें मंदिर की बनावट से लेकर इतिहास तक सबकुछ

राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित दिलवाड़ा मंदिर अपनी बनावट और मान्यता के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस मंदिर परिसर में पांच जैन मंदिर बनाए गए हैं।

धर्म-कर्म

घृष्णेश्वर मंदिर: 12 ज्योतिर्लिंगों से जुड़े इस मंदिर की कथा और मान्यता क्या है?

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित घृष्णेश्वर मंदिर भगवान शिव का 12वां ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर एलोरा की गुफाओं से मात्र 1 किलोमीटर दूर स्थित है।

धर्म-कर्म

कुंडलपुर: जहां जन्मे भगवान महावीर, कहानी उस तीर्थ की

बिहार में स्थित कुंडलपुर जैन धर्म के लिए पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है। मान्यता के अनुसार, यही वह स्थान है जहां भगवान महावीर का जन्म हुआ था।

धर्म-कर्म

मुरुदेश्वर शिव मंदिर: जहां स्थित है भगवान शिव की 123 फीट ऊंची मूर्ति

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित मुरुदेश्वर शिव मंदिर अरब सागर के किनारे स्थित है। मंदिर के प्रांगण में भगवान शिव की 123 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है।

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