गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित है। भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति भगवान विष्णु की उपासना करता है, उसे जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ, गुरुवार के दिन पूजा-पाठ करने से कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति भी मजबूत होती है। हालांकि, गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की उपासना करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

गुरुवार के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां

  • आध्यात्मिक विद्वानों के अनुसार, गुरुवार के दिन साबुन, सुगंध आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही, इस दिन दाढ़ी और बाल भी नहीं कटवाने चाहिए। माना जाता है कि गुरुवार के दिन ऐसा करने से कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर होती है और भगवान विष्णु भी इससे क्रोधित हो जाते हैं।
  • यह भी कहा जाता है कि गुरुवार के दिन पैसों का लेन-देन नहीं करना चाहिए और भूलकर भी दक्षिण यानी नैऋत्य कोण में बैठकर पूजा नहीं करनी चाहिए। दक्षिण दिशा को यम दिशा भी कहा जाता है और इससे समस्याओं की वृद्धि होने का खतरा रहता है।
  • आध्यात्मिक विद्वानों का यह भी कहना है कि गुरुवार के दिन किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। इससे देवगुरु बृहस्पति के साथ-साथ भगवान विष्णु भी क्रोधित हो जाते हैं। साथ ही, घर आए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
  • शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान विष्णु की पूजा के समय सरसों के तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए। खासकर गुरुवार के दिन ऐसा करने से जीवन में सुख और शांति का अभाव हो सकता है और कई प्रकार की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
  • भगवान विष्णु की उपासना में अक्षत (चावल) का इस्तेमाल नहीं किया जाता। ऐसा करने से समस्याओं में वृद्धि हो सकती है। साथ ही, पूजा के समय बासी या कटे हुए पुष्प नहीं चढ़ाने चाहिए, क्योंकि इससे पूजा का फल घट जाता है। एक बात यह भी कही गई है कि भगवान विष्णु को अगस्त्य का फूल नहीं अर्पित करना चाहिए।

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।