हिंदू धर्म में प्रकृति की पूजा को विशेष महत्व दिया गया है। इसी कारण प्रकृति में मौजूद कई चीजों की पूजा या उपासना की जाती है। लोग आमतौर पर सुबह-शाम की पूजा के बाद दीपक जलाते हैं और उसे पेड़ों के नीचे रखते हैं लेकिन कुछ ऐसे पेड़ और पौधे भी हैं, जिनके नीचे दीपक जलाना वर्जित माना गया है, जबकि बहुत से लोग इस बात से अनजान रहते हैं।

 

हिंदू परंपराओं के अनुसार, सुबह या शाम के समय कुछ विशेष पेड़-पौधों के नीचे भूलकर भी दीपक नहीं जलाना चाहिए, क्योंकि इन्हें पवित्र माना जाता है या इनका संबंध विशेष देवी-देवताओं से जुड़ा होता है। हालांकि पेड़ों के नीचे दीया जलाना आम बात है लेकिन हर पेड़ के नीचे ऐसा करना सही नहीं माना जाता।

 

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नीम का पेड़

नीम के पेड़ को शास्त्रों में अशुभ माना गया है। इसका संबंध मंगल, केतु और शनि ग्रह से बताया जाता है। इसी वजह से नीम के पेड़ के पास दीया जलाने से बचने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि वहां दीया जलाने से ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव घर पर पड़ सकता है।

पीपल का पेड़

ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु और भगवान शिव का वास होता है। दोनों देवताओं की उपस्थिति के कारण पीपल के नीचे दीया जलाना अपशकुन माना जाता है।

गूलर का पेड़

गूलर के पेड़ को कुबेर से जुड़ा हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि इसके उपाय करने से कुबेर प्रसन्न होते हैं और धन लाभ होता है। हालांकि शास्त्रों में गूलर के पेड़ की पूजा वर्जित बताई गई है। इसे अशुद्ध माना जाता है, इसलिए इसके पास किसी भी समय दीपक जलाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने की मान्यता है।

 

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बरगद का पेड़

बरगद के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इसकी पूजा को लाभकारी माना गया है, लेकिन यह भी कहा जाता है कि इसके आसपास भूत-प्रेत का वास होता है। खासकर रात के समय इसके पास दीया जलाने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है, इसलिए ऐसा करने की मनाही है।

दूध वाले पेड़ों के पास

आजकल लोग बिना लाभ और नुकसान समझे घरों में तरह-तरह के पौधे लगा लेते हैं। दूध देने वाले पेड़ भी इसी में शामिल हैं। मान्यता है कि ऐसे पेड़ों को घर में या आसपास नहीं लगाना चाहिए और इनके पास दीपक जलाना भी वर्जित है। कहा जाता है कि इन पेड़ों के आसपास बुरी आत्माओं का वास होता है, इसलिए यहां दीया जलाना मृतकों से जुड़ा संकेत माना जाता है।

 

इन सभी पेड़ों के नीचे या आसपास दीया जलाने को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं। इन पेड़ों को जीवंत और दिव्य माना जाता है, इसलिए उनके नीचे दीपक जलाना अनुचित समझा जाता है। इसके बजाय पूजा स्थल या घर के आंगन में दीया जलाना अधिक शुभ माना जाता है।

 

नोट: इस खबर में लिखी गई बातें धार्मिक और स्थानीय मान्यताओं पर आधारित हैंहम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं