हिंदू धर्म में हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है व इसी रूप में उनकी उपासना की जाती है। रामायण, महाभारत समेत कई धर्म ग्रंथों में हनुमान जी से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। धर्म ग्रंथों के आधार पर देखें तो हनुमान जी भगवान शिव के 11 रौद्र रूप हैं, साथ ही इनके भी कई रूपों का वर्णन कथाओं में किया जाता है। इन्हीं रूपों में एक है 'पंचमुखी हनुमान', जिसमें हनुमान जी ने पांच मुखों वाला दिव्य स्वरूप धारण किया था। इस रूप की कथा बहुत रोचक है, जो लंका विजय के समय से जुड़ी है।

पंचमुखी हनुमान जी के रूप की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब श्री राम और लंका के राजा रावण के बीच युद्ध चल रहा था, तब रावण का भाई अहिरावण जो पाताल लोक का राजा था, रावण की सहायता के लिए आया। वह एक मायावी और शक्तिशाली तांत्रिक था। उसने छलपूर्वक भगवान राम और लक्ष्मण को पाताल लोक में बंदी बना लिया। अहिरावण उन्हें बलि देने की तैयारी कर रहा था।

 

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हनुमान जी को जब इस घटना की जानकारी मिली, तब वे तुरंत पाताल लोक पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि अहिरावण की मृत्यु केवल एक विशेष उपाय से संभव है, ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी जीवन शक्ति पांच अलग-अलग दिशाओं में रखे दीपों में समाई हुई है। इन पांचों दीपों को एक साथ बुझाना आवश्यक था, वरना अहिरावण अमर ही रहता।

 

ऐसे में हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धारण किया। उन्होंने पांच दिशाओं में मुख किए और एक ही समय में सभी दीपकों को बुझाकर अहिरावण का अंत कर दिया और श्री राम व लक्ष्मण जी को मुक्त कराया। बता दें कि पंचमुखी हनुमान जी का पूर्व मुख मुख्य स्वरूप है जो बल, भक्ति और विजय का प्रतीक है। इसके साथ दक्षिण मुख भगवान नरसिंह का रूप है, जो अधर्म और अत्याचार को समाप्त करने वाला है। उत्तर मुख वराह रूप है, जो पृथ्वी और धर्म की रक्षा करने वाला है। पश्चिम मुख गरुड़ देव का है, जो विष और काले जादू से रक्षा करता है और ऊर्ध्व मुख हयग्रीव देव का है जो ज्ञान, बुद्धि और विद्या का प्रतीक है।

पंचमुखी हनुमान जी की पूजा का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पंचमुखी हनुमान जी का रूप उनके महानतम चमत्कारी रूपों में से एक माना जाता है। यह शक्ति, सुरक्षा और समर्पण का प्रतीक है। कई तांत्रिक साधनाओं में पंचमुखी हनुमान जी की विशेष पूजा होती है। माना जाता है कि इससे तंत्र-मंत्र, बुरी आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है। कहा यह भी जाता है कि इस रूप की पूजा से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।

 

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पंचमुखी हनुमान जी को 'संकटमोचन' का उच्चतम स्वरूप माना जाता है। धर्म के जानकार बताते हैं कि पंचमुखी हनुमान जी का चित्र या मूर्ति घर में लगाने से वास्तु दोष समाप्त होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। साथ ही किसी भी बड़ी कठिनाई में पंचमुखी हनुमान का ध्यान करने से साहस और समाधान दोनों प्राप्त होते हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।