logo

ट्रेंडिंग:

हनुमान जयंती: कथा से तिथि तक, वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

हिंदू धर्म में हनुमान जी की उपासना के लिए हनुमान जयंती पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं, कब मनाई जाएगी हनुमान जयंती।

AI Image of Hanuman Ji

हनुमान जी(Photo Credit: AI)

हिन्दू धर्म में हनुमान जी की उपासना अष्ट चिरंजीवियों के रूप में की जाती है। मान्यता है कि सप्ताह में मंगलवार के दिन और साल में हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी विशेष उपासना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। बता दें कि हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को आता है। इसे पूरे भारत में भक्तिभाव से मनाया जाता है। आइए जानते हैं, इस वर्ष कब मनाई जाएगी हनुमान जयंती?

हनुमान जयंती 2025 तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल सुबह 3:21 पर शुरू होगी और 13 अप्रैल सुबह 5:51 पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में हनुमान जयंती पर्व 12 अप्रैल 2025, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जिसे पूजा-पाठ के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।

 

यह भी पढ़ें: दिल्ली के इस हनुमान मंदिर का महाभारत से संबंध क्या? पढ़ें पूरी कहानी

हनुमान जयंती पौराणिक मान्यताएं

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान हनुमान पवन देव और अंजना माता के पुत्र हैं। जब अंजना देवी तपस्या कर रही थीं, तभी अग्नि देव के माध्यम से भगवान शिव का तेज उनके गर्भ में समा गया और इसी से हनुमान जी का जन्म हुआ। इसलिए उन्हें 'शंकर सुवन' भी कहा जाता है। जन्म लेते ही उन्होंने सूर्य को फल समझकर निगल लिया था, जिसके बाद उन्हें अपनी सभी शक्तियां और सिद्धियां देवताओं से प्राप्त हुई।

हनुमान जी का महत्व

हनुमान जी को शक्ति, भक्ति, बुद्धि और वीरता का प्रतीक माना जाता है। वे भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं और रामकथा में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे संकट मोचन हैं – जो भी भक्त सच्चे मन से उन्हें याद करता है, उसकी हर परेशानी दूर होती है। रामायण, सुंदरकांड, और हनुमान चालीसा में उनकी महिमा का विस्तृत वर्णन मिलता है।

पूजा का महत्व और विधि

हनुमान जयंती के दिन भक्त व्रत रखते हैं, मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। उन्हें लाल फूल, सिंदूर, गुड़-चना और चमेली का तेल अर्पित किया जाता है। कई जगहों पर इस दिन भजन-कीर्तन और सुंदरकांड का पाठ होता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap