हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का पालन किया जाता है। बता दें कि वर्तमान समय में वैशाख महीना चल रहा है और इस माह का पहला एकादशी व्रत वरूथिनी एकादशी व्रत के रूप में रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को सुख समृद्धि का लाभ प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि वैशाख महीने का पहला और अप्रैल महीने का अंतिम एकादशी व्रत कब रखा जाएगा।

वरूथिनी एकादशी 2025 तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 अप्रैल शाम 04:40 पर शुरू होगी और स्थिति का समापन 24 अप्रैल दोपहर 02:30 पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार, वरूथिनी एकादशी व्रत का पालन 24 अप्रैल 2025, गुरुवार के दिन किया जाएगा और इस व्रत का पारण 25 अप्रैल के दिन होगा। बता दें कि स्मार्त और वैष्णव दोनों संप्रदाय में यह व्रत इसी दिन रखा जाएगा।

 

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व्रत की मान्यताएं और लाभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वरूथिनी एकादशी व्रत करने से पिछले जन्म के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। साथ ही यह व्रत शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम माना जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा बहुत ही फलदायी होती है। इस दिन जप, तप, दान और भजन-कीर्तन करने से मन को शांति और आत्मा को शुद्धि मिलती है। कहा यह भी जाता है कि इस व्रत का फल इतना महान होता है कि यह हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर माना गया है।

व्रत करने की विधि

शास्त्रों में यह बताया गया है कि इस दिन व्रती को एक दिन पहले यानी दशमी को सात्विक भोजन करके उपवास की तैयारी करनी चाहिए। एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें, व्रत का संकल्प लें और दिनभर व्रत रखें। एकादशी तिथि पर अभिजीत मुहूर्त में भगवान की उपासना का विधान है। कहा जाता है कि इस मुहूर्त में पूजा करने से लाभ कई गुना बढ़ जाता है। पूजा के दौरान विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करें।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।