अगर हम आपसे कहें कि आपको 3 दिन तक टॉयलेट नहीं जाना है तो आप क्या करेंगे। क्या खुद को 3 दिनों तक रोक पाएंगे? ज्यादा से ज्यादा क्या होगा.. आपको अपना डाइट कम करना होगा।
आप पानी, खाना सब कम कर देंगे ताकि 3 दिनों तक आपको वॉशरूम का चेहरा न देखना पड़ जाए। वैसे तो यह कोई टास्क नहीं है कि आपको करना ही होगा लेकिन इंडोनेशिया और मलेशिया के कुछ हिस्सों में टीडोंग समुदाय इसे कस्टम की तरह फॉलो करता है।
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'टास्क नहीं शादी की परंपरा है'
यह एक अनोखी शादी की परंपरा है, जिसमें नवविवाहित जोड़े को 3 दिन तक टॉयलेट नहीं जाने दिया जाता। भले ही यह परंपरा सुनने में अजीब सी लगे लेकिन यह वहां की सांस्कृतिक मान्यताओं का हिस्सा है। यह एक तरीके का विश्वास है कि इस कस्टम को फॉलो करने से नवविवाहित जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है। हालांकि, अगर इसे हेल्थ के नजरिए से देखे तो इसे फॉलो करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है जिसके कारण अब कई लोग इसे पूरी तरह से नहीं निभाते है।
क्या है यह अनोखी परंपरा?
टीडोंग जनजाति में शादी के बाद दूल्हा और दुल्हन को 3 दिन तक बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता। इन 3 दिनों के दौरान जोड़े को बहुत कम खाना और पानी दिया जाता है ताकि वे टॉयलेट का इस्तेमाल न कर सकें। परिवार के लोग इस दौरान उन पर नजर रखते हैं कि वह इस नियम का पालन सही से कर रहे हैं या नहीं। इस समुदाय के लोगों का मानना है कि अगर नवविवाहित जोड़ा इस कस्टम में फेल हो जाता है तो उनकी शादीशुदा जिंदगी लंबे समय तक नहीं चलती है। वहीं, इस टेस्ट में पास होने वाले लोगों की ही शादी लंबे समय तक चलती है।
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क्या है इस परंपरा के पीछे की मान्यता?
माना जाता है कि अगर नवविवाहित इस परंपरा को निभाते हैं तो उनका रिश्ता मजबूत होता है और उन्हें सुख-समृद्धि मिलती है। ऐसा भी विश्वास है कि अगर शादी के तुरंत बाद टॉयलेट जाए, तो इससे बुरी आत्माएं दंपत्ति को नुकसान पहुंचा सकती हैं। यह भी कहा जाता है कि इस परंपरा को निभाने से कपल को जल्दी और स्वस्थ संतान प्राप्त होता है।
कैसे निभाते हैं यह परंपरा?
शादी के तुंरत बाद दूल्हा और दुल्हन को एक कमरे में रखा जाता है। उन्हें बहुत कम मात्रा में खाना-पानी दिया जाता है। इस दौरान परिवार के सदस्य भी जोड़े पर कड़ी नजर रखते है ताकि जोड़े में से कोई भी बाथरूम न जाएं। जैसे ही 3 दिन पूरे होते है, जोड़े को अच्छे से नहलाया जाता है और फिर सामान्य जीवन शुरू हो जाता है।
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क्या यह परंपरा अब भी चल रही है?
बता दें कि यह परंपरा अभी भी कायम है लेकिन इसे सख्ती से नहीं माना जाता है। अब कई जोड़े इस परंपरा का पालन नहीं करते लेकिन कुछ पांरपरिक परिवार आज भी इसे निभाते हैं। हालांकि, यह कस्टम जोड़े के लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इतने लंबे समय तक बॉडी से टॉक्सिसिटी नही निकलने से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके बावजूद टिडोंग समुदाय इस परंपरा का पालन बड़ी श्रद्धा के साथ करती है।