पिछले हफ्ते शुक्रवार को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भारी भूकंप आया। इसमें अब तक 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लगभग 5 करोड़ की आबादी वाले इस देश में लगभग तबाही आ चुकी है और सारी व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गई हैं। रिक्टर स्केल पर 7.0 से ज्यादा तीव्रता के भूकंप के बारे में माना जाता है कि वह काफी तबाही मचा देता है। वहीं 8.0 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप माना जाता है कि 

 

हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि दुनिया में इस तीव्रता का भूंकप आया है। इससे पहले भी तमाम भूकंप इस तीव्रता के आ चुके हैं। खबरगांव आपको कुछ ऐसे ही भूकंपों के बारे में बता रहा है जो कि 7 या उससे ज्यादा तीव्रता के थे और इससे भारी तबाही हुई थी।

 

यही भी पढ़ें: म्यांमार: लाशों का अंबार, इलाज के लिए हाहाकार, जुंटा के हमले नहीं रुके

 

1. वाल्डिवियन भूकंप

 

इसे ग्रेट चिली भूकंप के नाम से भी जाना जाता है।  22 मई 1960 को दक्षिणी चिली में आए इस भूकंप को अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 9.5 मापी गई थी। यह भूकंप पूरे 10 मिनट तक आता रहा था।

 

इस भूकंप की वजह से कम से कम 1655 लोगों की मौत हुई थी और 3000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके अलावा इस सुनामी के काऱण करीब 20 लाख लोग बेघर हो गए थे। 

 

सुनामी के कारण उठी लहरों ने चिली के अलावा हवाई, जापान, फिलीपींस और यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक पहुंच गई थीं।

 

2. ग्रेट अलास्का भूकंप

 

इसे ग्रुड फ्राइडे भूकंप भी कहा जाता है। 27 मार्च 1964 को अलास्का में आया 9.2 तीव्रता का यह भूकंप अब तक का सबसे बड़ा और अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप था। 

 

इसके कारण तटीय इलाकों में काफी बड़ी सुनामी आई जिसने भारी तबाही मचाई। इसमें 139 लोगों की जान गई। 

 

3. सुमात्रा-अंडमान आईलैंड भूकंप

 

26 दिसंबर 2004 को, इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास 9.1 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसे सुमात्रा-अंडमान भूकंप के रूप में जाना जाता है। इस भूकंप की वजह से हिंद महासागर में एक विनाशकारी सुनामी आई। सुनामी के कारण समुद्र में 30 मीटर (लगभग 100 फीट) तक लहरें उठने लगीं।

 

सुनामी के कारण भारी तबाही हुई और इसमें अनुमानित 227,898 लोगों की जान गई जो कि अब तक के सबसे घातक आपदाओं में से एक है। इसकी वजह से इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत, थाईलैंड के साथ साथ भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समहू के तटीय इलाके भी काफी प्रभावित हुए।

 

4. जापान का तोहोकू भूकंप

 

11 मार्च, 2011 को जापान के होन्शू के उत्तर-पूर्वी तट पर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप से उत्पन्न सुनामी 30 मिनट के भीतर तट पर पहुंच गई, जिससे भारी तबाही हुई। इसमें करीब 18 हजार लोगों की जान गई और तमाम लोगों का पता ही नहीं चल पाया।

 

यह जापान का अब तक का सबसे बड़ा भूकंप था। इसमें 1,23,00 घर तहस नहस हो गए और लगभग दस लाख लोग प्रभावित हुए।

 

यह भी पढ़ें: धरती हिली, गुबार उठा और ढह गई इमारतें, म्यांमार-थाईलैंड में भीषण भूकंप

 

5. कमचटका भूकंप

 

4 नवंबर 1952 को, रूस के कमचटका प्रायद्वीप के तट पर 9.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने एक बड़ी सुनामी पैदा की। इस भूकंप की वजह से कमचटका प्रायद्वीप और कुरील द्वीप समूह को भारी नुकसान पहुंचा, साथ ही इसका प्रभाव हवाई और अलास्का तक भी पहुंच गया।

 

इस भूकंप की वजह से लगभग 4000 लोगों की जान गई और 800,000 से 1,000,000 अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।

 

6. चिली भूकंप

 

27 फरवरी, 2010 को स्थानीय समयानुसार सुबह 3:34 बजे चिली के दक्षिण मध्य भाग में रिक्टर स्केल पर 8.8 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप आया। भूकंप के बाद सुनामी आई जिसने तट के किनारे के कई शहरों और कस्बों को बुरी तरह प्रभावित किया।

 

मुख्य भूकंप के बाद क्षेत्र में लगातार कई झटके आते रहे। भूकंप इतना ज्यादा तेज था कि इसके झटके दक्षिण अफ्रीका तक महसूस किए गए।

 

इस भूकंप की वजह से करीब 8 लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा और हजारों करोड़ का नुकसान हुआ।

 

7 कोलंबिया-इक्वेडोर भूकंप

 

1906 में इक्वेडोर और कोलंबिया के तट पर आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने एक विनाशकारी सुनामी पैदा की, जिससे 500 से 1500 लोगों की मौत हो गई।

 

सुनामी का प्रभाव 5000 मील दूर हिलो, हवाई तक देखने को मिला।

 

यह भी पढ़ें: म्यांमार: मलबे का लगा पहाड़, क्षतिग्रस्त सड़कें, रेस्क्यू हुआ मुश्किल

 

8. रैट आइलैंड भूकंप

 

1965 में रैट आइलैंड्स में आए भूकंप की तीव्रता 8.7 थी। इसकी वजह से अल्यूशियन द्वीप समूह के पश्चिमी छोर पर प्रशांत प्लेट के उत्तरी अमेरिकी प्लेट के नीचे धंसने का परिणाम था। इस भूकंप से शेम्या द्वीप पर 32-फुट (10-मीटर) ऊंची सुनामी आई, जिसका प्रभाव दूर-दूर तक महसूस किया गया।

 

9. असम तिब्बत भूकंप

 

15 अगस्त 1950 को असम-तिब्बत में 8.6 तीव्रता का एक विनाशकारी भूकंप आया, जिसे असम भूकंप के नाम से भी जाना जाता है। इस भूकंप में लगभग 1,500 से 3,000 लोगों की मौत हुई। यह 20वीं सदी का छठा सबसे बड़ा भूकंप था।

 

इसकी वजह से असम और तिब्बत में भारी तबाही हुई और ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियां अवरुद्ध हो गईं जिसकी वजह से काफी बाढ़ आई। भूकंप की वजह से अबोरी पहाड़ियों में 70 गांव तबाह हो गए।

 

यह भी पढ़ेंः म्यांमार: हर साल, 13 हजार मौतें, भूकंप से ज्यादा जानलेवा है गृहयुद्ध

 

10. हिंद महासागर सुमात्रा भूकंप

 

11 अप्रैल 2012 को सुमात्रा के तट पर आया 8.6 तीव्रता का भूकंप, हिंद महासागर में इंडोनेशिया के पास आए दो भूकंपों में से एक था, जिसे सुमात्रा और जावा के द्वीपों में महसूस किया गया, तथा दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से महसूस किया गया।