चेतेश्वर पुजारा ने रविवार (24 अगस्त) को अपने क्रिकेट करियर पर विराम लगा दिया। भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज ने सोशल मीडिया पर अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। पुजारा पिछले दो साल से बाहर चल रहे थे। उन्होंने टीम इंडिया के लिए आखिरी मैच 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के रूप में खेला था। 37 साल के हो चुके पुजारा की अब भारतीय टीम में वापसी की संभावना नहीं बन रही थी। ऐसे में उन्होंने सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
पुजारा ने 2010 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। टेस्ट स्पेशलिस्ट पुजारा ने इस फॉर्मेट में भारतीय टीम का 103 मैचों में प्रतिनिधित्व किया और 7195 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 35 अर्धशतक और 19 शतक निकले। पुजारा ने अपने 13 साल लंबे टेस्ट करियर में ज्यादातर समय नंबर 3 पर बैटिंग की। राहुल द्रविड़ के 2012 में संन्यास लेने के बाद उन्होंने इस बैटिंग पोजिशन को अपनाया था। ऑस्ट्रेलिया में भारत की दो टेस्ट सीरीज जीत में पुजारा का अहम योगदान रहा। यहां पढ़िए पुजारा की टॉप टेस्ट पारियां के बारे में, जिन्हें भुलाना आसान नहीं है।
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नाबाद 206 रन बनाम इंग्लैंड (2012)
चेतेश्वर पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 2012 में अहमदाबाद टेस्ट में नाबाद 206 रन की पारी खेली थी। उनकी पारी की बदौलत भारत ने 9 विकेट से शानदार जीत दर्ज की। यह 4 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला था। इसके बाद इंग्लैंड ने वापसी की और 2-1 से सीरीज जीत ली। इस सीरीज में पुजारा भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
204 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (2013)
2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुजारा ने हैदराबाद टेस्ट में 204 रन जडे़। उन्होंने मुरली विजय के साथ दूसरे विकेट के लिए 360 रन की मैराथन साझेदारी की थी। भारत ने यह मैच पारी और 135 रन से अपने नाम किया।
153 रन बनाम साउथ अफ्रीका (2013)
पुजारा ने जोहान्सबर्ग टेस्ट में भारत की दूसरी पारी के दौरान 153 रन की यादगार पारी खेली थी। भारत ने इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका के सामने 458 रन का विशाल टारगेट रखा था। साउथ अफ्रीकी टीम ने पांचवें दिन के अंत तक टारगेट के काफी करीब (450/7) पहुंच गई थी। यह मैच ड्रॉ पर छूटा। रन चेज में फाफ डुप्लेसी और एबी डिविलियर्स ने शतकीय पारियां खेली थीं, जिससे पुजारा की सेंचुरी की चमक फीकी पड़ गई।
नाबाद 145 रन बनाम श्रीलंका (2015)
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के निराशाजनक दौरे के बाद पुजारा को ड्रॉप कर दिया गया था। उन्हें श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में मौका मिला। यह तीन मैचों की सीरीज का निर्णायक मुकाबला था। पुजारा को ओपनिंग करने के लिए भेजा गया और वह 145 रन बनाकर नाबाद रहे, जिसकी मदद से भारत ने अपनी पहली पारी में 312 रन का स्कोर खड़ा किया। अंत में टीम इंडिया ने यह मुकाबला जीत 2-1 से सीरीज अपने नाम कर ली।
123 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (2018)
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में पुजारा की 123 रन की मदद से भारत 250 के स्कोर तक पहुंचा। दूसरी पारी में उन्होंने 71 रन बनाए और भारत की 31 रन से जीत की नींव रखा।
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56 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (2021)
गाबा टेस्ट की ऐतिहासिक जीत में पुजारा की इस 56 रन की पारी को नहीं भुलाया जा सकता। 328 रन के चेज के दौरान उन्होंने 211 गेंदों का सामना किया और एक छोर संभाले रखा। मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और पैट कमिंस की कई गेंदों को उन्होंने शरीर पर झेला। पुजारा ने आउट होने से पहले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को बुरी तरह से थका दिया था। ऋषभ पंत ने थके हुए गेंदबाजों की धुनाई की और भारत को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। टीम इंडिया ने इस मुकाबले को अपने नाम कर सीरीज में 2-1 से जीत दर्ज की।
