भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज आज (20 जून) से लीड्स में शुरू होनी है। टीम इंडिया 18 साल बाद इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतने के इरादे से उतर रही है। इसके आगाज से पहले हम 1986 के उस टेस्ट सीरीज को बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें भारतीय टीम ने अंग्रेजों को उनके घर में घुसकर हराया था।

लॉर्ड्स की ऐतिहासिक जीत

उस चर्चित सीरीज के पहला मैच लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया। भारतीय कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड ने ग्राहम गूच (114) के शतक की मदद से अपनी पहली पारी में 294 रन बनाए। भारत की ओर से चेतन शर्मा ने घातक गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट झटके, जबकि रोजर बिन्नी को 3 सफलता मिली। 

 

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इंग्लैंड के जवाब में टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में 341 रन बनाए और 47 रन की बढ़त हासिल कर ली। दिग्गज बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने 126 रन की नाबाद पारी खेली। लॉर्ड्स में उनका यह तीसरा टेस्ट शतक था। आज भी वह लॉर्ड्स में 3 टेस्ट शतक जड़ने वाले इकलौते विदेशी बल्लेबाज हैं। बहरहाल, वेंगसरकर के अलावा मोहिंदर अमरनाथ ने 69 रन का योगदान दिया, जिससे भारतीय टीम ने पहली पारी के आधार पर महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की। इसके बाद कपिल देव (4 विकेट) और मनिंदनर (3 विकेट) ने इंग्लैंड की दूसरी पारी 180 रन पर समेट दी।

 

इस तरह भारत को 134 रन का छोटा टारगेट मिला, जिसे उसने 5 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया। वेंगसरकर एक बार फिर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने 33 रन बनाए। सुनील गावस्कर ने 22, जबकि रवि शास्त्री नाबाद 20 और कपिल देव नाबाद 23 रन बनाकर टीम इंडिया को जीत दिलाकर लौटे। लॉर्ड्स में भारत की यह पहली टेस्ट जीत रही। 

 

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हेडिंग्ले में रचा इतिहास

लॉर्ड्स फतह करने के बाद भारतीय टीम लीड्स पहुंची, जहां हेडिंग्ले क्रिकेट मैदान पर दूसरा टेस्ट खेला गया। हेडिंग्ले में टीम इंडिया ने अग्रेजों को बुरी तरह रौंदते हुए 279 रन से विशाल जीत हासिल की और सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली। दिलीप वेंगसरकर का एक बार फिर बल्ला चला और उन्होंने पहली में 61 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में नाबाद शतकीय (102*) पारी खेली।

 

बर्मिंघम में तीसरा और आखिरी टेस्ट ड्रॉ रहा। भारत ने 3 टेस्ट मैचों की सीरीज को 2-0 से अपने नाम की। टीम इंडिया की यह इंग्लैंड की सरजमीं पर दूसरी टेस्ट सीरीज जीत थी। इससे पहले 1971 में अजीत वाडेकर की कप्तानी में भारत ने अंग्रेजों को उनके घर में धोया था।