आईपीएल 2025 में फिनिशर्स संघर्ष कर रहे हैं। कई मौकों पर देखा गया है कि फिनिशर्स की नाकामी के चलते टीमें जीत की दहलीज तक पहुंचकर भी हार जा रही हैं। राजस्थान रॉयल्स की टीम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वे लगातार 2 मैचों में जीत के लिए आखिरी ओवर में 9 रन नहीं बना पाए। मौजूदा सीजन (40 मैचों तक) में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह ने 17 से 20 ओवर के बीच 186.44 के स्ट्राइक रेट से 110 रन बनाए हैं। धोनी इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने डेथ ओवर्स में 175 प्लस स्ट्राइक रेट से 100 से ज्यादा रन बनाए हैं।
वहीं पिछले सीजन इस स्टेज तक 6 बल्लेबाजों ने यह कारनामा किया था। दिनेश कार्तिक (151 रन, 235.93 का स्ट्राइक रेट), निकोलस पूरन (129 रन, 179.16 का स्ट्राइक रेट), राहुल तेवतिया (122 रन, 187.69 का स्ट्राइक रेट), टिम डेविड (110 रन, 196.42 का स्ट्राइक रेट), ट्रिस्टन स्टब्स (110 रन, 297.29 का स्ट्राइक रेट) और हेनरिक क्लासेन (107 रन, 254.76 का स्ट्राइक रेट) का बल्ला आईपीएल 2024 के डेथ ओवर्स में जमकर गरजा था।
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रन रेट गिरा, छक्के भी कम लगे
आईपीएल 2024 में 40 मैचों के बाद डेथ ओवर्स में रन रेट 11.89 का था। वहीं मौजूदा सीजन में यह 6% गिरकर 11.89 पर आ गया है। ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार, पिछले सीजन 17-20 ओवर के बीच हर 3.71वीं गेंद पर चौका और 7.99वीं गेंद पर छक्का लग रहा था, जबकि इस बार डेथ ओवर्स में चौके के लिए 4.09 गेंद और छक्के के लिए औसतन 8.94 गेंद लग रही हैं।
40 मैचों के बाद पिछले सीजन से तुलना करें तो आईपीएल 2025 में डेथ ओवर्स में कम छक्के भी लगे हैं। आईपीएल 2024 में छक्कों का आंकड़ा 200 पार (209) कर चुका था। वहीं मौजूदा सीजन में इस स्टेज तक आखिरी ओवरों में 164 छक्के ही लग पाए हैं।
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क्या है वजह?
इस बार डेथ ओवर्स में बल्लेबाजों पर गेंदबाज लगाम लगाने में इसलिए सफल हो पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें पुरानी गेंद से ज्यादा स्विंग मिल रही है। लार लगाने की छूट भी इसका प्रमुख कारण हो सकता है, जिससे रिवर्स स्विंग की कला भी वापस आ गई है। दूसरी ओर कुछ बड़े हिटर्स अपनी प्राइम फॉर्म में भी नहीं हैं।