क्रिकेट में जब किसी गेंदबाज का परिचय दिया जाता है तो बताया जाता है कि अमुक व्यक्ति 'बाएं हाथ का तेज गेंदबाज', 'दाएं हाथ का स्पिन गेंदबाज' आदि है। यानी यह बताया जाता है कि वह किस हाथ से गेंद फेंकता है और उसकी बॉलिंग कैसी है, यानी वह तेज गेंद फेंकता है या स्पिन फेंकता है। गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में जब सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) का मैच खेला जा रहा था तो कुछ ऐसा हुआ कि सब हैरान रह गए। इस मैच में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेल रहे श्रीलंकाई स्पिन गेंदबाद कमिंदु मेंडिस ने एक ही ओवर में दोनों हाथ से गेंदबाजी कर दी। भले ही KKR ने इस मैच में SRH को हरा दिया हो लेकिन अब कमिंदु मेंडिस चर्चा का विषय बन गए हैं।
सोशल मीडिया पर कमिंदु मेंडिस के वीडियो वायरल हो रहे हैं और लोग इसको लेकर सवाल भी पूछ रहे हैं। कोई कमिंदु के टैलेंट की तारीफ कर रहा है तो कोई पूछ रहा है कि अपने प्रोफाइल में वह खुद को किस हाथ का गेंदबाज बताते हैं? नियमों से अनजान लोगों ने तो कमिंदु पर बैन लगाने की मांग भी कर डाली है। आइए समझते हैं कि कमिंदु के दोनों हाथ से बॉलिंग करने के बावजूद ने अंपायर ने उन्हें रोका क्यों नहीं? क्या नियमों के मुताबिक, ऐसा करना सही है या अब कमिंदु के खिलाफ कोई ऐक्शन लिया जा सकता है?
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कमिंदु मेंडिंस को सनराइजर्स हैदबाद के कप्तान पैट कमिंस ने 13वें में गेंद थमाई थी। तब अंगकृष रघुवंशी अपना अर्धशतक लगा चुके थे और तेज बैटिंग कर रहे थे। शुरुआती दो गेंदें तो मेंडिस ने दाहिने हाथ से फेंकी। पहली गेंद पर वेंकटेश अय्यर ने सिंगल लिया। तीसरी गेंद मेंडिस ने बाएं हाथ से फेंकी और शानदार बैटिंग कर रहे अंगकृष रघुवंशी 50 रन के स्कोर पर हर्षल पटेल को कैच थमा बैठे। कमिंदु ने इस ओवर में सिर्फ 4 रन दिए और एक विकेट ले गए। इस ओवर में कमिंदु ने 3 गेंदें दाहिने हाथ से तो 3 बाएं हाथ से फेंकी। उनकी बैटिंग भी आई और कमिंदु ने 20 गेंद पर एक चौके और दो छक्कों की मदद से कुल 27 रन बना डाले। हालांकि, आखिर में SRH को हार मिली।
अब नियम समझते हैं
नियम यह कहते हैं कि अंपायर को इस बात का आकलन करना चाहिए कि गेंदबाज किस हाथ से बॉलिंग करेगा, वह ओवर द विकेट या राउंड द विकेट बॉलिंग करेगा। अंपायर को इसकी जानकारी बल्लेबाज को भी देनी होती है। बिना अंपायर को बताए गेंदबाज अगर बॉलिंग करने की साइड या बॉलिंग आर्म को बदलता है तो गेंद नो बॉल हो जाती है।
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यानी अगर कोई गेंदबाज एक ही ओवर में साइड और बॉलिंग आर्म बदलना चाहे तो गेंद फेंकने से पहले उसे इसके बारे में अंपायर को बताना होगा। अंपायर इस बात की सूचना स्ट्राइक ले रहे बल्लेबाज को देंगे। नियमों के मुताबिक, एक ही ओवर में गेंदबाज जितनी बार चाहे उतनी बार साइड और आर्म दोनों बदल सकता है।
IPL से पहले कमिंदु मेंडिस ने भारत के खिलाफ खेले गए टी20 मैच में दाहिने हाथ के सूर्य कुमार यादव को बाएं हाथ से और बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत को दाहिने हाथ से गेंदबाजी की थी। हालांकि, तब सूर्य कुमार यादव ने जबरदस्त बैटिंग की थी।
कमिंदु मेंडिस की कहानी
26 साल के कमिंदु बैटिंग ऑलराउंडर हैं। 3 अप्रैल 2025 को IPL में यह उनका पहली ही मैच था और इस मैच में उन्होंने सिर्फ एक ही ओवर फेंका और एक विकेट भी ले लिया। उनके प्रोफाइल में लिखा जाता है कि वह बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफब्रेक बॉलर हैं। हालांकि, शुरुआत से ही वह इस बात को लेकर खूब चर्चा में रहे हैं कि वह दोनों हाथ से बॉलिंग कर सकते हैं।
साल 2016 में जब अंडर-19 वर्ल्ड कप खेला गया था तब पहली बार कमिंदु मेंडिस चर्चा का विषय बने थे। साल 2018 में वह इंटरनेशनल टीम में पहुंचे। 2018 में ही इंग्लैंड के खिलाफ टी20 में उनका डेब्यू हुआ। वहीं, टेस्ट में साल 2022 में और वनडे में साल 2019 में उनका डेब्यू हुआ। हालांकि, परफॉर्मेंस बहुत खास न होने के चलते वह अभी तक उतने प्रभावी खिलाड़ियों में नहीं गिने जाते हैं।
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अभी तक कमिंदु ने कुल 12 टेस्ट मैच खेले हैं लेकिन उन्हें सिर्फ 3 विकेट ही मिले हैं। इसी तरह 19 वनडे में 2 और 23 टी20 मैचों में वह 2 ही विकेट ले पाए हैं। हालांकि, IPL के पहले मैच के पहले ओवर में ही कमिंदु हसरंगा को विकेट मिल गया।
कमिंदु की बैटिंग की बात करें तो वह टेस्ट में 5 शतक के साथ 12 मैचों में 1184 रन बना चुके हैं। 19 वनडे मैच में 2 अर्धशतक के साथ कमिंदु ने 353 रन बनाए हैं और 23 टी20 मैच में कुल 381 रन बनाए हैं।
क्या कमिंदु मेंडिस इकलौते खिलाड़ी हैं?
इसका जवाब है- नहीं। कमिंदु मेंडिस से पहले भी कई खिलाड़ी ऐसा कारनामा कर चुके हैं। भारत में घरेलू क्रिकेट खेलने वाले अक्षय कर्णेवर विदर्भ की टीम से खेलते थे। वह भी दोनों हाथ से स्पिन बॉलिंग करते थे। साल 2016 में वह IPL में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का हिस्सा भी बने थे।
1950 से 1960 के दशक के बीच पाकिस्तान के लिए खेलने वाले हनीफ मोहम्मद वैसे तो बल्लेबाज थे लेकिन एक पार्ट टाइम बॉलर के तौर पर वह दोनों हाथ से बॉलिंग कर सकते थे। इंग्लैंड के दिग्गज खिलाड़ी ग्राहम गूच भी पार्ट टाइम बॉलर थे और वह भी दोनों हाथ से बॉलिंग करते थे। श्रीलंका के ही हर्षन तिलकरत्ने दोनों हाथ से बॉलिंग करते थे। उन्होंने साल 1996 के वर्ल्ड कप के दौरान दोनों हाथ से बॉलिंग करके सबको हैरान कर दिया था।