गगूल पर सर्च कीजिए ‘फास्टेस्ट सेंचुरी इन आईपीएल', क्रिस गेल, युसुफ पठान, डेविड मिलर और ट्रेविस हेड जैसे दिग्गजों के बीच आपको प्रियांश आर्य का नाम भी मिलेगा। जिन्होंने एक ही रात गूगल के डेटा में उथल-पुथल मचा दी। कैसे? 8 अप्रैल 2025, मोहाली का मुल्लांपुर स्टेडियम। सामने चेन्नई सुपर किंग्स की टीम। स्कोरबोर्ड पर पंजाब किंग्स की हालत पतली- 83 रन पर 5 विकेट, सिर्फ 8 ओवर में। स्टेडियम में सन्नाटा लेकिन एक बंदा था, जो शांत नहीं था- नाम प्रियांश आर्य।
फिर जो हुआ, वह IPL की किताब में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। 42 गेंदें, 103 रन, 7 चौके, 9 छक्के। स्ट्राइक रेट- 245 पार। IPL में सबसे तेज़ शतक किसी अनकैप्ड खिलाड़ी का और CSK के खिलाफ तो अब तक का सबसे तेज़ शतक। मैच के बाद हर तरफ बस एक ही नाम- प्रियांश आर्य।
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पंजाब के मुल्लांपुर स्टेडियम में प्रियांश आर्य के बल्ले की गूंज मुंबई तक पहुंची, इंडिया के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव भी ख़ुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने इंस्टा पर स्टोरी में फोटो डाली और लिखा ‘What a knock, Total Enertainment’, लेकिन सवाल यह है कि इस एंटरटेनमेंट पैकेज की शुरुआत कहां से हुई थी? जवाब तो दिल्ली है, मगर इसमें सपनों को वज़न और सिस्टम की बेरुखी की जुगलबंदी बहुत ज़बरदस्त है।
क्या है प्रियांश आर्य की कहानी?
प्रियांश आर्य… दिल्ली का लड़का, अशोक विहार का रहने वाला। मिडिल क्लास फैमिली। पिता पवन आर्य और मां राजबाला सरकारी स्कूल में टीचर। माने प्रियांश का बचपन गुजरना था किताबों के इर्द-गिर्द। हालांकि, प्रियांश ने बल्ला उठा लिया। सौरभ गांगुली और क्रिस गेल को प्रियांश बहुत पसंद करते थे, उन्हीं की तरह बनना चाहते थे। इस बारे में प्रियांश के पिता पवन बताते हैं, 'मैं हरियाणा के फतेहाबाद गांव भूना से हूं। वहां क्रिकेट की सुविधा नहीं थी लेकिन मैं क्रिकेट खेलता था, फिर दिल्ली में टीचिंग करने लगा लेकिन क्रिकेट में दिलचस्पी बनी रही, मैं टीवी पर प्रियांश के साथ मैच देखता था। एक दिन प्रियांश ने सौरभ गांगुली और क्रिस गेल को देखकर कहा कि मुझे इन्हीं की तरह बनना है। इसके बाद मैं प्रियांश को फिजिकल ट्रेनिंग टीचर के पास लेकर गया, तो उन्होंने कहा कि इसे क्रिकेट में डाल दो। एक साल तक तलाश के बाद मैंने इसे दिल्ली की संजय भारद्वाज एकेडमी में भेज दिया।'
प्रियांश आर्य 10 साल की उम्र में संजय भारद्वाज की एकेडमी पहुंचे- जहां से गौतम गंभीर, नीतीश राणा, उन्मुक्त चंद जैसे नाम निकले हैं। इस बारे में प्रियांश कहते हैं, 'मैं घंटो नेट्स के पीछे बैठा रहता था, सर कहते थे-देखो, सीखो, महसूस करो।’ प्रियांश की सीखने की ललक ने उन्हें जल्दी ही दिल्ली अंडर-14, फिर अंडर-19 तक पहुंचा दिया। टैलेंट में कोई कमी नहीं थी लेकिन सिस्टम ने यहां चाल चल दी। साल 2020, यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग करने की संभावना थी लेकिन BCCI के एक नियम ने रास्ता रोक दिया। नियम क्या था? अगर आपने अंडर-16 का एज टेस्ट नहीं दिया, तो आप सिर्फ़ दो साल तक अंडर-19 खेल सकते हो।
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जब तक प्रियांश 17 के हुए, उनका अंडर-19 करियर खत्म हो चुका था। बस यूं समझिए, दरवाज़ा बंद कर दिया गया। फिर शुरू हुआ इंतज़ार और बगैर फल की चिंता किए की जाने वाली मेहनत। 2020 से 2024 तक, कोई मीडिया हेडलाइन नहीं, कोई स्टेडियम का शोर नहीं- बस नेट्स, ट्रेनिंग, छोटे टूर्नामेंट्स और उम्मीद। साल 2023 में भी प्रियांश ने ट्रायल आईपीएल टीमों के लिए ट्रायल दिया था लेकिन वह अनसोल्ड रहे थे, उन्हें 30 लाख बेस प्राइस पर भी किसी ने नहीं ख़रीदा था, प्रियांश के पिता पवन कुमार ने एक अखबार से बात करते हुए कहा, 'अनसोल्ड करने के बाद प्रियांश दो दिनों तक उदार रहा मगर फिर मेहनत शुरू कर दी। इससे पहले उसे इतना उदास सिर्फ 2020 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में सिलेक्शन न होने पर देखा था।'
दिल्ली प्रीमियर लीग ने बदली किस्मत!
ख़ैर, वक्त गुज़रा और साल 2024 में शुरू हुई दिल्ली प्रीमियर लीग, यही खड़ा हुआ तूफान। 31 अगस्त 2024। प्रियांश साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स के लिए खेल रहे थे। मैच था नॉर्थ दिल्ली स्ट्राइकर्स के खिलाफ। प्रियांश की टीम ने 20 ओवर में बना दिए 308 रन। इस मैच में प्रियांश ने 50 गेंदों में 120 रन बना दिए थे। मगर जो चीज लोगों के आंखों में बस गई, वह था मनन भारद्वाज का एक ओवर, उनकी 6 गेंदों पर प्रियांश ने 6 छक्के लगाए थे। इस पूरे टूर्नामेंट में प्रियांश ने 10 पारियों में 608 रन बनाए थे। स्ट्राइक रेट था 199 और एवरेज था 67 के पार।
दिल्ली प्रीमियर लीग में प्रियांश ने जो 6 छक्के लगाए उसके पीछे एक वादा था, जो उन्होंने संजय भारद्वाज संग किया था। कोच संजय ने उनसे कहा था कि अगर तुम शतक जड़ोगे तभी मैं भोपाल से दिल्ली आऊंगा। प्रियांश ने शतक जड़ा फिर संजय भारद्वाज उनसे मिलने दिल्ली पहुंचे थे।
प्रियांश के लिए DPL और IPL में आईं शतकीय पारियां भोपाल से 20 किलोमीटर दूर रातापानी टाइगर रिजर्व एरिया में की गई प्रैक्टिस का नतीजा हैं। यहीं रुककर प्रियांश ने कट और पुल शॉट की प्रैक्टिस की थी। यह एकेडमी द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित संजय भारद्वाज ने बनाई है। वह कहते हैं, 'इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। यहां उन्मुक्त चंद, नीतीश राणा और प्रियांश आर्य आते हैं, रुकते हैं कुछ दिन प्रैक्टिस करते हैं और चले जाते हैं। इसके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है।' संजय बताते हैं कि उन्होंने यहां लाल मिट्टी और काली मिट्टी दोनों तरह की पिच बनाई है, ताकि हर तरह के खिलाड़ी पिच के लिहाज से तैयार हो सकें।
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ख़ैर, साल 2024-25 में सैय्यद मुस्ताक अली ट्रॉफी खेली गई। ऑईपीएल नीलामी से ठीक पहले। इस मैच में प्रियांश ने 43 गेंदों में 102 रन ठोक दिए। शायद इसी पारी की बदौलत प्रियांश को पंजाब किंग्स ने 3.8 करोड़ रुपये में ख़रीद लिया था। इस बारे में प्रियांश कहते हैं ‘जिस दिन मुझे पंजाब किंग्स की जर्सी मिली, उस दिन शरीर में झुरझुरी सी दौड़ गई, वह एक सपने जैसा पल था। IPL टीम का हिस्सा बनना और फिर रिकी सर जैसे किसी कोच को सामने से सुनना-यह बहुत ही खास एहसास है। जब भी वह बोलते हैं, मैं बस खड़ा होकर उन्हें देखता रहता हूं, हर एक शब्द को पकड़ने की कोशिश करता हूं। बहुत शानदार लगता है।'
पंजाब की ओर से ख़रीदे जाने के बाद प्रियांश ने सबसे पहले दिल्ली में अपना घर ख़रीदने का फैसला किया क्योंकि उनके माता-पिता सरकारी क्वार्टर में रहते थे, उनके पास दिल्ली में अपना घर नहीं था। फिलहाल प्रियांश आर्य का नाम अब सबके ज़हन में है। सवाल हो रहे हैं कि क्या अब वह टीम इंडिया के लिए भी खेलेंगे?
