18 जनवरी को कर्नाटक और विदर्भ के बीच विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 सीजन का फाइनल मुकाबला वडोदरा में खेला गया। टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए फाइनल तक पहुंची करुण नायर की कप्तानी वाली विदर्भ की टीम को खिताब का दावेदार माना जा रहा था लेकिन रविचंद्रन स्मरण के शतक की मदद से कर्नाटक ने उनका सपना तोड़ दिया। स्मरण के 92 गेंद में 101 रन और अभिनव मनोहर (42 गेंद में 79) की आतिशी पारी से कर्नाटक ने 348 रन का स्कोर खड़ा किया और फिर विदर्भ को 312 रन पर रोक खिताब पर कब्जा लिया। कर्नाटक को विजय हजारे ट्रॉफी जिताने के बाद अब रविचंद्रन स्मरण ने रणजी ट्रॉफी में अपने बल्ले का दम दिखाया है। 

 

शुभमन गिल की टीम के खिलाफ जड़ा दोहरा शतक

 

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में 23 जनवरी से खेले जा रहे पंजाब के खिलाफ रणजी मुकाबले में रविचंद्रन स्मरण ने 277 गेंद में 203 रन की बेजोड़ पारी खेली। जिसके दम पर कर्नाटक ने अपनी पहली पारी में 475 रन बनाए। गौर करने वाली बात है कि स्मरण को छोड़कर कर्नाटक का कोई दूसरा बल्लेबाज 40 रन के आंकड़े को भी नहीं छू सका। दूसरी ओर शुभमन गिल की कप्तानी वाली पंजाब की टीम अपनी पहली पारी में 52 रन पर ढेर हो गई थी।

 

पहले 5 मैच में बल्ले से नहीं निकले थे रन

21 साल के रविचंद्रन स्मरण ने इसी रणजी सीजन से अपना फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। पहले 5 मैचों में वह बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुए। स्मरण इन 5 मैचों की 7 पारियों में 24.16 की औसत से सिर्फ  145 रन ही बना पाए। इस दौरान उनका हाईएस्ट स्कोर 37 का रहा। ऐसा लगा कि वह कर्नाटक की रणजी टीम में अपनी जगह गंवा बैठेंगे। हालांकि विजय हजारे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में 76 रन और फाइनल में शतकीय पारी के बाद उन्हें एक और मिला। स्मरण ने इस मौके को दोनों हाथ से लपकते हुए दोहरा शतक ठोक दिया है। 

 

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महाराज टी20 ट्रॉफी में शतक ठोक मचाई थी सनसनी

 

रविचंद्रन स्मरण पहली बार सीके नायडू ट्रॉफी से सुर्खियों में आए थे। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 829 रन बटोरे थे। उन्होंने कर्नाटक के घरेलू टी20 टूर्नामेंट महराजा ट्रॉफी में नाबाद 104 रन जड़कर सनसनी मचा दी थी। इसके बाद उन्हें कर्नाटक की सीनियर टीम में शामिल किया गया। स्मरण के नाम 8 फर्स्ट क्लास पारियों में 348 रन हो गए हैं। उन्होंने 10 लिस्ट-ए मैचों में 72.16 की औसत से 433 रन और 6 टी20 मैचों में 34 के एवरेज से 170 रन बनाए हैं।