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'बेगुनाह' क्रिकेटर पर BCCI ने लगाया बैन, क्या है पूरा माजरा?

बीसीसीआई ने महाराष्ट्र के बल्लेबाज अंकित बावने को एक मैच के लिए बैन कर दिया है। बावने ने गलत आउट दिए जाने पर विरोध जताया था, जिसकी सजा उन्हें मिली है। 13 साल पहले भी बोर्ड ने उनके साथ 'नाइंसाफी' की थी।

Ankit Bawne

ऋतुराज गायकवाड़ के साथ अंकित बावने। (Maharashtra Cricket Association/Instagram)

रणजी ट्रॉफी 2024-25 सीजन के छठे राउंड के मुकाबले 23 जनवरी से शुरू हुए। इस रणजी सीजन की शुरुआत 11 अक्टूबर 2024 से हुई थी। नवंबर आते-आते 5 राउंड मुकाबले हुए। इसके बाद घरेलू क्रिकेट के व्हाइट बॉल टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी खेले गए। ब्रेक के बाद एक बार फिर रणजी ट्रॉफी का रोमांच लौट आया है। गुरुवार को 32 टीमें अपने अगले राउंड के लिए रणजी के रण में उतरीं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र का सामना बड़ौदा से होना था। नासिक में खेले जा रहे इस मुकाबले के शुरू होने से ठीक पहले महाराष्ट्र की टीम को तगड़ा झटका लगा। महाराष्ट्र टीम मैनेजमेंट को खबर मिली कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनके सीनियर बल्लेबाज अंकित बावने पर एक मैच का बैन लगा दिया है। ऐसे में बावने बड़ौदा के खिलाफ मैच में नहीं उतर पाएंगे।

 

बीसीसीआई ने 'बेगुनाह' को दी सजा

 

अंकित बावने को अंपायर के फैसले का विरोध करने के कारण बैन किया गया है। दरअसल, सर्विसेज के खिलाफ इस रणजी सीजन के पांचवें राउंड के मुकाबले में शुभम रोहिल्ला ने स्लिप में बावने का कैच लपकने का दावा किया था और अंपायर ने भी उंगली खड़ी कर दी। बावने का मानना था कि फील्डर के पास गेंद जमीन को छू कर गई है। रिप्ले में भी यही दिखा। 


इस मैच का लाइव प्रसारण टीवी पर नहीं किया जा रहा था। इस वजह से DRS की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में बावने रिव्यू नहीं ले पाए। उन्होंने अंपायर के फैसले के बाद मैदान छोड़ने से इनकार कर दिया, जिसके चलते मैच 15 मिनट तक रुका रहा। मैच रेफरी और महाराष्ट्र के कोच सुलक्षण कुलकर्णी के हस्तक्षेप के बाद खेल दोबारा शुरू हो सका। बावने भले ही आउट नहीं थे लेकिन अंपायर के फैसले का विरोध करने के कारण उन पर बैन लगा दिया गया है।

 

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बोर्ड 13 साल पहले भी कर चुका है 'नाइंसाफी'

 

अंकित बावने 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करने वाले थे लेकिन जन्मतिथि में गड़बड़ी के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। बावने के पासपोर्ट और बर्थ सर्टिफिकेट में अलग-अलग जन्मतिथि थी। साथ ही उनके पासपोर्ट पर जो DOB था वह बीसीसीआई के रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहा था। बावने ने विरोध जताते हुए कहा कि जिस एजेंट ने उनका पासपोर्ट बनवाया है उसने जन्मतिथि में गड़बड़ी की। लेकिन बोर्ड ने उनकी एक नहीं सुनी। सेलेक्टर्स ने भी कोई जोखिम नहीं लिया और उन्होंने बावने की जगह उन्मुक्त चंद को कप्तान बना दिया।

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