भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी तन्वी शर्मा भले ही BWF वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने से चूक गईं लेकिन उन्होंने सिल्वर अपने नाम कर इतिहास रच दिया। तन्वी इस चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला शटलर बनीं। अपर्णा पोपट ने सबसे पहले 1996 में सिल्वर जीता था। इसके बाद साइना नेहवाल ने 2006 में सिल्वर और 2008 में गोल्ड अपने नाम किया।
साइना के ऐतिहासिक गोल्ड के बाद कोई भारतीय महिला खिलाड़ी BWF वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी। तन्वी ने 17 साल से चले आ रहे इस सूखे खत्म किया और फाइनल में जगह बनाई। रविवार (19 अक्टूबर) को गुवाहाटी में खेले गए फाइनल में हालांकि वह उम्मीदों के मुताबिक, प्रदर्शन नहीं कर पाईं और उन्हें दूसरी वरीयता प्राप्त थाईलैंड की खिलाड़ी से 7-15, 12-15 से हार का सामना करना पड़ा। तन्वी ने सिल्वर के साथ अपना सफर खत्म किया।
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सिल्वर मेडल के साथ तन्वी शर्मा, Photo Credit: BAI Media/X
दूसरे गेम में वापसी कर सकती थीं तन्वी
फाइनल में मुकाबला शुरू से ही कड़ा रहा। तन्वी और थाईलैंड की Anyapat Phichitpreechasak एक-दूसरे की गलतियों के कारण 4-4 की बराबरी पर थीं। इसके बाद थाई खिलाड़ी ने तन्वी की गलतियों का फायदा उठाकर 10-5 की बढ़त बना ली और फिर इसके बाद आसानी से पहला गेम अपने नाम किया। दूसरे गेम में तन्वी ने कुछ सटीक डीप रिटर्न के साथ 6-1 की बढ़त बना ली लेकिन फिर से उन्होंने गलतियां की जिसका फायदा उठाकर थाई खिलाड़ी ने अंतर को 5-7 तक कम कर दिया। Anyapat Phichitpreechasak का अगला शॉट चूक गया, जिससे तन्वी को हाफटाइम तक 8-5 की मामूली बढ़त मिली।
ब्रेक के बाद थाई खिलाड़ी ने तन्वी को बार-बार नेट पर आने के लिए मजबूर किया, जिससे उनकी गलतियां बढ़ती चली गईं। थाईलैंड की खिलाड़ी ने जल्द ही स्कोर 8-8 से बराबर कर दिया और फिर आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए जल्द ही बढ़त हासिल की, जिसे आखिर तक बरकरार रखकर मैच अपने नाम कर लिया। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच यह सिर्फ दूसरी भिड़ंत थी। तन्वी ने इससे पहले 2023 एशियन अंडर-17 चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में इस थाई खिलाड़ी को हराया था। मगर इस बार तन्वी उस कारनामे को नहीं दोहर पाईं।
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तन्वी को उनकी मां ने सिखाया बैडमिंटन
16 साल की तन्वी पंजाब के होशियारपुर से आती हैं। उन्हें बैडमिंटन उनका मां मीना शर्मा ने सिखाया। मीना खुद स्पोर्ट्सपर्सन रह चुकी हैं। वह वॉलीबॉल खिलाड़ी थीं। मां से बैडमिंटन की शुरुआती बारीकियां सीखने के बाद तन्वी 2016 में गोपीचंद एकेडमी चली गईं, जहां उन्होंने 5 साल तक अपने खेल को निखारा।
तन्वी ने धीरे-धीरे जूनियर सर्किट में अपनी पहचान बनानी शुरू की। उन्होंने 2023 इंडिया जूनियर इंटरनेशनल में फाइनल तक का सफर तय किया। लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत तन्वी का सेलेक्शन 2024 उबेर कप के लिए हुआ। यह बैडमिंटन की सबसे बड़ी महिला टीम कम्पटीशन है। तन्वी इस साल महिला सिंगल्स में दुनिया की नंबर-1 जूनियर खिलाड़ी बनी थीं। वह जुलाई में बैडमिंटन एशिया जूनियर चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीतकर एक बार फिर सुर्खियों में आईं। इस चैंपियनशिप के महिला सिंगल्स में उन्होंने 13 साल से चले आ रहे मेडल के इंतजार को खत्म किया। अब BWF वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर जीत वह हर किसी की जुबान पर छा गई हैं।