राजधानी दिल्ली की रोहिणी जिला कोर्ट ने 8 साल पुराने एक रेप और हत्या के मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 2017 में एक 60 साल की एक मानसिक रोगी के साथ रेप करने के आरोपी को दोषी ठहरा दिया है। 2017 में जब युवक ने यह अपराध किया था तो वह 16 साल का था। एक साल पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने युवक को किशोर मानने की अनुमति दी थी और केस कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। इस केस में अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी, जिसमें दोषी को सजा सुनाई जाएगी।

 

जस्टिस अमित सहरावत ने 28 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए कहा कि चाइल्ड इन कॉन्फ्लिकट विद लॉ (सीसीएल) ने पीड़िता के शरीर पर ना केवल रॉड से वार किया बल्कि उसने बेरहमी से उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली, जिसके चलते पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोटें आईं। जज ने यह भी कहा कि यह साफ है कि घटना स्थल से मिली रोड़ को सीसीएल ने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में डाली थी। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है इससे साफ है कि सीसीएल का इरादा हत्या करना था। 

 

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क्या है पूरा मामला?

यह घटना फुटपाथ पर रहने वाली एक बेसहारा महिला के साथ हुई थी। महिला मानसिक रूप से भी ठीक नहीं थी। आरोपी ने इस बेसहारा महिला पर लोहे की रॉड से बेरहमी से वार किए थे। युवक ने महिला के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड घुसा दी थी। इस वारदात के दौरान एक सुरक्षा गार्ड ने बीट-बचाव करने की कोशिश की थी लेकिन आरोपी ने उसे हथियार दिखाकर धमकाया। महिला के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले थे और जांच में इस बात के सबूत मिले कि आरोपी ने लोहे की रॉड को उसके प्राइवेट पार्ट में घुसा दिया था। जिस दिन यह वारदात हुई उस दिन आरोपी की उम्र 16 साल 11 महीने और 22 दिन थी।

घटना के बाद नाबालिग गिरफ्तार

इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सुरक्षा कर्मी के बयान पर आरोपी किशोर को घटना के अगले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। घटना के तीन दिन बाद इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी। सीसीएल के कपड़ों पर पीड़िता का खून पाया गया था। फोरेंसिक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था और घटना स्थल से मिली रॉड से भी इस बात का खुलासा हुआ कि आरोपी ने घटना को किस तरह अंजाम दिया। 

 

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कोर्ट ने ठहराया दोषी

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक साल पहले सीसीएल को किशोर मानकर केस चलाने की अनुमति दे दी थी और मामले को कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट ने सीसीएल को दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत दोषी पाया है। कोर्ट का यह फैसला आठ साल की लंबी कानूननी लड़ाई के बाद आया है। जज ने इस बात पर जोर दिया कि अगर किसी महिला के प्राइवेट पार्ट में कोई वस्तु डाली जाती है तो यह बलात्कार माना जाएगा। कोर्ट ने कहा, 'भले ही सुरक्षा गार्ड की गवाही से लिंग से रेप की पुष्टि ना हो, फिर भी प्राइवेट पार्ट में रॉड डालना बलात्कार माना जाएगा।'