एक तरफ आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर चिंता सता रही है। उन्होंने इसके लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने अमित शाह से मुलाकात का वक्त मांगा है। दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी की सत्ता वाले पंजाब में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है। पिछले 20 दिन में पुलिसकर्मियों पर ही 5 हमले हो चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पंजाब में केजरीवाल किसको दोष देंगे? पंजाब में तो पुलिस भी राज्य सरकार के अधीन ही है और पूरा का पूरा कंट्रोल भी राज्य सरकार का ही है। कानून व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने का काम जिस पुलिस के कंधों पर है, अगर उसी पर हमले हो रहे हैं तो पंजाब की कानून व्यवस्था का क्या होगा?
हैरान करने वाली बात है कि पंजाब में एक बार फिर से पुलिसकर्मियों पर हमले हो रहे हैं। गनीमत यह रही कि इन हमलों में जो ग्रेनेड इस्तेमाल किए गए वे खराब थे इसके चलते ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में बटाला के घनिया के बांगर थाने के गेट पर एक ग्रेनेड फेंका गया। अच्छी बात यह रही कि ग्रेनेड फटा ही नहीं। शुरुआती जांच में यह सामने आया कि मोटरसाइकल पर आए दो अज्ञात लोगों ने ग्रेनेड फेंका। एसएसपी सोहेल कासिम मीर समेत कई पुलिस अधिकारियों ने ने घटनास्थल का दौरा भी किया लेकिन कोई आधिकारिक बयान नहीं जारा किया गया। मामला तो तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इसकी जिम्मेदारी ली गई।
जांच में ही लगी है पुलिस
हैप्पी पासिया और गोपी नवनसहारिया के नाम से किए गए इस पोस्ट में यह भी धमकी दी गई थी पुलिस चेकपोस्ट पर इसी तरह के और भी हमले किए जाएंगे। पुलिस ने इन बातों से इनकार नहीं किया है और मामले की जांच कर रही है। 23 नवंबर को अजनाला थाने के बाहर लगाए गए आईईडी के मामले में दो आरोपियों को पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार करने का दावा किया। इनमें एक का नाम जशनदीप सिंह उर्फ डैनी है और दूसरा 17 साल का नाबालिग। पुलिस के मुताबिक, इन दोनों ने उसके सामने गुनाह स्वीकार कर लिया है।
डीजीपी गौरव यादव के मुताबिक, यह हमला बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के लोगों ने किया था। यह संगठन पाकिस्तान के आईएसआई के लिए खाम करता है। गौरव यादव ने कहा कि इस साजिश के पीछे बब्बर खालसा के हरप्रीत पैसा उर्फ हैप्पी,जीवन फौजी और पाकिस्तान में बैठे हरविंद सिंह रिंदा का हाथ है। स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) के AIG सुखमिंदर सिंह मान ने बताया कि उन्हें खूफिया जानकारी मिली है कि इन्हीं तीनों ने अपने गुर्गों को इकट्ठा किया है ताकि अमृतसर, गुरदासपुर और बटाला के इलाकों में इस तरह के हमले कर सकें। इन लोगों ने इस काम के लिए हथियार और विस्फोटक भी जुटाए हैं।
कब-कब हुए हमले?
इससे पहले 4 दिसंबर को अमृतसर के मजीठा थाने पर धमाका हुआ था। पुलिस ने पहले तो इसे टायर ब्लास्ट बताया था लेकिन सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि यह ग्रेनेड से किया गया हमला था। इसके अलावा, 29 नवंबर को अमृतसर के गुरबख्श नगर में खाली पड़ी पुलिस चेक पोस्ट के पास धमाका हुआ था। 2 दिसंबर को अनसारो थाने के पास ग्रेनेड फेंका गया लेकिन वह फटा ही नहीं। 10 दिसंबर को सरहली थाने पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड अटैक हुआ। 9 मई 2022 को मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर रॉकेट अटैक हुआ था। नवंबर 2021 में CIA ऑफिस पर भी हमला हुआ था।
भले ही ये हमले कम तीव्रता के हों, खराब ग्रेनेड से हुए हों और इनमें नुकसान न हुआ हो लेकिन यह पंजाब के लिए बेहद चिंताजनक है। पुलिस ने इन हमलों के लिए खालिस्तानी आतंकियों और पाकिस्तान की ISI को जिम्मेदार बताया है। कई गैंगस्टर, तस्कर और हमलावर गिरफ्तार भी किए गए हैं। हाल ही में अचानक हमलों की संख्या बढ़ जाने के बाद पंजाब पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है।