आने वाले समय में बिहार एक ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां मोबाइल फोन के जरिए पहली बार ऑनलाइन वोटिंग की जाएगी। यह वोटिंग 28 जून को बिहार की नगरपालिका आम और उप-निर्वाचन 2025 के लिए की जाएगी। तीन जिलों में छह नगर परिषदों के लिए शनिवार को वोटिंग होगी। पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण में परिषदों के लिए शनिवार को मतदान होगा। बिहार के राज्य चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने यह जानकारी दी है।
इस साल के अंत (सितंबर-अक्टूबर) में बिहार के विधानसभा चुनाव भी होंगे, हालांकि, चुनाव आयोग ने इसके लिए अभी तारीखों का ऐलान नहीं किया है। ई-वोटिंग की सुविधा उन लोगों के लिए होगी जो वोटिंग के दिन मतदान केंद्र पर नहीं जा सकते हैं। लोग ई-वोटिंग करने के लिए फोन पर इंस्टॉल किए गए ऐप के जरिए वोट डाले जा सकते हैं।
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किसको मिलेगी सुविधा?
दीपक प्रसाद ने कहा, 'यह सुविधा उन लोगों के लिए है जो शारीरिक या स्थानीय कारणों से मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं। जैसे कि वरिष्ठ नागरिक, विकलांग व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और प्रवासी वोटर्स। 10 से 22 जून तक इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया गया था।'
ई-वोटिंग के लिए कैसे होगा रजिस्ट्रेशन?
ई-वोटिंग करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के इच्छुक मतदाताओं को अपने मोबाइल पर e-SECBHR ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद वोटर लिस्ट में अपने नाम के साथ पहले से पंजीकृत फोन नंबर से लिंक करना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक यह ऐप अभी केवल एंड्रॉयड फोन पर चलेगा।
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प्रसाद ने कहा कि इस ऐप को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग या C-DAC ने विकसित किया है। मतदान के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के लिए केवल दो रजिस्टर्ड वोटर ही एक मोबाइल नंबर से लॉग इन कर सकते हैं। हालांकि, हर वोट की वैधता को व्यक्तिगत पहचान पत्रों के साथ क्रॉस-चेक किया जाएगा।
जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है, वे भी राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर वोट कर सकते हैं। दीपक प्रसाद के मुताबिक, इस प्रणाली के लिए 51,155 मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें 26,038 पुरुष और 25,117 महिला मतदाता शामिल हैं। इसका मतलब है कि वेबसाइट के जरिए मतदान करने की उम्मीद है।
कितनी सुरक्षित होगी वोटिंग?
राज्य निर्वाचन चीफ ने कहा कि यह मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा, 'इस प्रणाली में ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म... फेस मैच और स्कैनिंग जैसी विशेषताएं होंगी, जिससे प्रक्रिया में छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी।' उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा और निकाय चुनावों में इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के लिए VVPAT या वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल की तरह ऑडिट ट्रेल की व्यवस्था की गई है।