पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने उन तीन युवकों को सम्मानित किया है, जिन्हें चिकन पैटी बेचने वाले दो मुस्लिम युवकों की कथित पिटाई के मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, अदालत से तीनों को जमानत मिल गई, जिसके बाद सुवेंदु अधिकारी ने उन्हें सम्मानित किया।
यह मामला 7 दिसंबर का था, जब 'गीता पाठ' कार्यक्रम के दौरान चिकन पैटी बेचने वाले दो मुस्लिमों तीन युवकों ने पिटाई कर दी थी। इसे लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में कोर्ट ने तीनों को जमानत दे दी।
अब इन तीनों को सम्मानित करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी पुलिस का इस्तेमाल करके सनातनियों को दबा नहीं सकतीं। उन्होंने कहा कि वह हिंदुत्व की लड़ाई लड़ने वालों के साथ हमेशा खड़े हैं।
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क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड पर 7 दिसंबर को 'गीता पाठ' का कार्यक्रम हो रहा था। इसी कार्यक्रम में दो मुस्लिम वेंडर कथित तौर पर चिकन पैटी बेच रहे थे।
यह देखकर तीन युवकों ने दोनों की कुटाई कर दी थी। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। दोनों मुस्लिम वेंडरों ने शिकायत में दावा किया था कि चिकन पैटी बेचने पर आपत्ति जताते हुए कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी और उन्हें कान पकड़कर उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया।
पुलिस ने तीनों युवक- सौमिक गोल्दर, स्वर्णेंदु चक्रवर्ती और तरुण भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में बैंकशाल अदालत ने तीनों को 1 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी।
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सुवेंदु अधिकारी ने किया सम्मानित
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने इन तीनों युवकों का सम्मान किया है। उन्होंने इसकी तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की है।
फेसबुक पर तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, 'मैंने आज कोलकाता में संतों की मौजूदगी में तीन हिंदू बहादुर योद्धाओं- सौमक भाई, स्वर्णेंदु भाई और तरुण भाई को सम्मानित किया। माननीय कोर्ट ने आज उन्हें जमानत दे दी।'

सुवेंदु अधिकारी ने आगे लिखा, 'मैं ममता बनर्जी से कहना चाहता हूं कि आप अपने साथियों और पुलिस का इस्तेमाल करके सनातनियों को दबा नहीं सकतीं। सनातनियां धर्म की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे और मैं इस लड़ाई में हिस्सा लेने वाले हर हिंदू के साथ हूं।'
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री बनर्जी ने अहंकारपूर्वक कहा था कि उन्होंने हमला करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने सवाल किया, 'गिरफ्तारी का फैसला करने वाली वह कौन होती हैं?'
उन्होंने कहा, 'मैं एक विधायक हूं, विपक्ष का नेता हूं, भाजपा सदस्य हूं - ये सब बाद में आता है। सबसे पहले, मैं एक हिंदू हूं। अगर मेरे हिंदू भाई-बहन मुसीबत में हैं, तो मेरा प्राथमिक कर्तव्य अपने 'धर्म' की रक्षा करना है। गीता ने मुझे यही सिखाया है।'
