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अमेरिकी संसद में दिखाई मोदी-पुतिन की फोटो और पूछा- ऐसे मिलेगा नोबेल?

राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की सेल्फी अमेरिका में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। एक अमेरिकी सांसद ने इसका बड़ा पोस्टर कांग्रेस में लहराते हुए अमेरिका की विदेश नीति पर सवाल खड़े किए।

PM Modi & Putin

प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन, Photo Credit- X@narendramodi

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भारत में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के दौरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके संबंधों की चर्चा दुनियाभर में हो रही थी। इसी बीच अमेरिका में भी दोनों नेताओं के बीच बिताए गए खुशनुमा पलों पर बात हो रही है। खबरों के अनुसार, हाल ही में वायरल हुई कार वाली सेल्फी अब अमेरिकी कांग्रेस तक पहुंच गई है। अमेरिकी सांसद सिडनी कैमलेगर-डव ने इस फोटो का बड़ा पोस्टर बनवाकर संसद में लहराया। विदेश नीति पर हो रही सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि रणनीतिक साझेदारों को विरोधियों की ओर धकेलकर कोई भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीत सकता।


सिडनी कैमलेगर-डव ने चेतावनी दी कि अमेरिका की मौजूदा नीतियां भारत और रूस को करीब ला रही है। मौजूदा परिस्थितियों के लिए भारत को दोषी ठहराना गलत होगा। इस स्थिति के लिए अमेरिका खुद जिम्मेदार है। 

 

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कैमलेगर-डव ने क्या कहा? 

सत्र के दौरान कैमलगर ने कहा, 'ट्रंप सरकार की भारत की तरफ ऐसी नीति है जिससे खुद का ही नुकसान हो रहा है। इस रणनीति के कारण ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक भरोसा और आपसी समझ को गहरा आघात पहुंच रहा है।' पोस्टर को दिखाते हुए उन्होंने कहा, 'यह तस्वीर हजार शब्दों के बराबर है। आप अपने रणनीतिक साझेदारों को विरोधियों की तरफ धकेलकर नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के बारे में नहीं सोच सकते।'

दबाव की राजनीति के परिणाम

कैमलगर ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अमेरिका और ट्रंप प्रशासन को समझना होगा कि दबाव बनाकर साझेदारी करने की भी एक कीमत होती है। साथ ही ऐसा लंबे समय तक नहीं चल सकता। आपको इस नीति पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'यह मुद्दा दलों की सहमती वाला है और आज मैं इसे रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए चेयर का धन्यवाद करती हूं। उन्होंने सांसदों से अपील भी की कि वे तत्परता के साथ दोनों देशों के संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए काम करें।' 

 

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कार में साथ जाने पर पुतिन ने क्या कहा था? 

पुतिन ने इंडिया टूडे को दिए इंटरव्यू में कहा, 'कार में साथ जाने का आइडिया मेरा था। यह हमारी दोस्ती का प्रतीक था।' इससे पहले भी दोनों नेताओं ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के दौरान एक साथ रूसी ऑरस सेडान में सफर किया था जो उन दोनों की दोस्ती की गहराई को दिखाता है। 

 

आपको बता दें कि पुतिन की 2022 के रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत की यह पहली आधिकारिक यात्रा थी जिसकी वैश्विक स्तर पर बहुत चर्चा हो रही है। 


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