उत्तर प्रदेश में अवैध कफ सिरप का मुद्दा अब विधानसभा तक पहुंच गया है। शुक्रवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के मौके पर समाजवादी पार्टी के कई विधायकों ने यह मुद्दा उठाया। समाजवादी पार्टी के विधायक बृजेश यादव जिस साइकिल से विधानसभा पहुंचे, उसके आगे उन्होंने 'जादुई कफ सिरप' का एक बोर्ड टांग रखा था। कफ सिरप विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जवाब दिया और SP के मुखिया अखिलेश यादव को भी घेर लिया। सीएम योगी ने कहा कि माफियाओं के साथ सपा प्रमुख की भी तस्वीरें हैं और जांच होने दीजिए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा- यही कसूर मैं बार बार करता रहा,धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा।

 

इसी केस में पूर्व सांसद धनजंय सिंह का नाम आया था जिस पर उन्होंने सफाई भी दी थी। इस केस में यूपी पुलिस और एसटीएफ के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी कई राज्यों में छापेमारी की है। आरोप हैं कि एक बड़े नेटवर्क ने मिलकर अवैध कफ सिरप बनाए, मार्केट में बेचे और उन पैसों को गलत गतिविधयों में खर्च भी किया गया। अभी तक इस केस में 3 दर्जन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं लेकिन मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल फरार है।

 

यह भी पढ़ें- हंगामा, विरोध, धरना और चाय पर चर्चा... कैसा रहा संसद सत्र का आखिरी दिन?

क्या बोले CM योगी?

 

इस मुद्दे पर बयान देते हुए सीएम योगी ने कहा, 'प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जिन अभियुक्तों को STF और पुलिस की कार्रवाई में पकड़ा गया है, उनके कुछ संबंध समाजवादी पार्टी से हैं। समाजवादी पार्टी जो अपने काम के अनुरूप पहले से कुख्यात है, इस पूरे मामले में भी उसकी संलिप्तता है। एक राज्य स्तरीय SIT इस पूरे मामले की निगरानी कर रही है। इनके अवैध रूप से तस्करी के साथ-साथ, इससे जुड़े अन्य जो पहले होंगे, किन लोगों के पास धन गया है, सारी बातें सामने आएंगी। पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।'

 

उन्होंने आगे कहा, 'इस मामले पर सपा प्रमुख जो कुछ कह रहे हैं, उस पर मैं यही कहूंगा कि यह वही स्थिति है कि- यही कसूर मैं बार बार करता रहा,धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा। फोटो इनकी है, उन माफियाओं के साथ है तो स्वाभाविक रूप से अवैध लेनदेन में भी संलिप्तता सामने आएगी। जांच होने दीजिए, दूध का दूध पानी का पानी सामने होगा।'

समाजवादी पार्टी के विधायकों ने किया प्रदर्शन

 

शुक्रवार को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंचे समाजवादी पार्टी के विधायक बृजेश यादव साइकिल पर 'जादुई कफ सिरप' की बोतल जैसा एक बोर्ड लगाकर पहुंचे। इस बोतल पर लिखा था, 'पीने वाला मर जाता है, बेचने वाला दौलतमंद हो जाता है, सत्ता का संरक्षण पाता है, फिर विदेश निकल जाता है।' उनसे जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था, 'हर मुद्दे पर हम सरकार को घेरने का काम करेंगे। जिस तरह से पूरे प्रदेश में और देश में इस बात की चर्चा है कि बीजेपी के लोगों ने जो जहरीली कफ सिरप पिलाई, जिससे गरीबों के बच्चों को मारने का काम किया और अरबों रुपये कमाकर विदेश भाग गए। बीजेपी की सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण देने का काम कर रही है। ऐसे लोगों को सरकार तुरंत गिरफ्तार करे और जेल भेजे।'

 

यह भी पढ़ें- 100 की बजाय 125 दिन मजदूरी; मनरेगा बनाम VB-G RAM G... कितना फर्क?

 

 

एक और SP विधायक मुकेश वर्मा ने अपने कपड़ों के ऊपर नारे लिखे पोस्टर पहन रखे थे। उन्होंने कहा, 'अब तो सारी सीमाएं टूट गईं है। दवाई के नाम पर जहर बेच रहे हैं। बड़े-बड़े लोग शामिल हैं, धन्ना सेठ शामिल हैं। इनके घर कब बुल्डोजर जाएगा। मासूम पूछ रहे हैं, मासूम तड़प रहे हैं। जिसका मरीज एडमिट है, उसे नहीं मालूम कि क्या पिला रहे हैं।। 60 कंपनियां खोली गईं और उसमें 10 हजार करोड़ का टर्नओवर हुआ है। जहर बेचा जा रहा है, जहर का धंधा बंद करे सरकार।'

 

 

क्या बोले थे अखिलेश यादव?

 

कफ सिरप विवाद पर अखिलेश यादव लगातार मुखर हैं। औरैया में 2 बच्चों की मौत के बाद अखिलेश यादव ने एक X पोस्ट में लिखा था, 'कफ़ सिरप’ का नाम आते ही UP की बीजेपी सरकार को खांसी क्यों आ रही है? कफ़ सिरप मामले में कार्रवाई के नाम पर मुख्यमंत्री कुछ कर नहीं पा रहे हैं तो कम-से-कम ‘मुखमंत्री’ बनकर ही मुख से कुछ तो बोल दें। ⁠मुख्यमंत्री जी का ‘कफ़ सिरप’ के अरबों के घोटाले में मूक बन जाना जनता के बीच नई आशंकाओं को जन्म दे रहा है। ⁠जब गृह विभाग भी मुख्यमंत्री जी के पास है, औषधि प्रशासन और गोपनीय विभाग भी तो फिर ‘कफ़ सिरप’ मामले में कोई ठोस दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?'

 

यह भी पढ़ें- US-UK ही नहीं, PAK भी जा रहे भारतीय; क्यों नागरिकता छोड़ रहे हैं लाखों लोग?

 

उन्होंने आगे पूछा था, '⁠मुख्यमंत्री जी किसके दबाव में हैं? मेडिकल माफ़िया क्या सरकार पर हावी हो गया है ⁠या फिर ‘मेडिकल माफ़िया’ से अपनेपन का रिश्ता निभाया जा रहा है ⁠या फिर ‘मेडिकल माफ़िया’ से डरकर बुलडोज़र की टंकी में कफ़ सिरप डालकर उसे कहीं बेसुध कर दिया गया है? ⁠या फिर माफियाओं के आतंक से अपराध के ख़िलाफ़ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ के दावे की घिग्घी बंध गई है? कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है।'

 

दरअसल, इस मामले में आरोपी शुभम जायसवाल फरार है। वही, अमित सिंह टाटा, आलोक सिंह समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह की तस्वीरें पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ सामने आई हैं। इस पर धनजंय सिंह ने भी सफाई दी है कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, समाजवादी पार्टी आरोप लगा रही है कि धनंजय सिंह की करीबी बीजेपी से बढ़ रही है इसी के चलते इस केस में सही से जांच नहीं की जा रही है। इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि मामले की जांच के बाद सब साफ हो जाएगा।