संसद का शीतकालीन सत्र खत्म हो गया है। शुक्रवार को सत्र का आखिरी दिन था। आखिरी दिन ज्यादा कुछ नहीं हुआ और दोनों सदन- लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके साथ ही 19 दिन का सत्र खत्म हो गया। इस सत्र के दौरान कई अहम बिल पास हुए। कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोंकझोंक और आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिला। हालांकि, आखिरी दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी पार्टियों के नेताओं को चाय पर बुलाया, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष साथ दिखा।
हालांकि, सदन के बाहर विपक्षी सांसदों का विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G बिल को लेकर सरकार पर हमलावर रहा। विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि तीन कृषि कानूनों की तरह ही इसे भी सरकार को वापस लेना पड़ेगा।
इससे पहले गुरुवार को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी इस बिल के पास हो जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने 12 घंटे तक धरना दिया। संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर टीएमसी सांसदों ने धरना दिया।
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विरोध, बहस और हंगामा
संसद में गुरुवार को VB-G RAM G बिल दोनों सदनों से पास हो गया। इसे लेकर विपक्ष ने खूब विरोध किया और हंगामा किया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी भी फाड़ी।
कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने MGNREGA को खत्म करने का आरोप लगाया। साथ ही इसस महात्मा गांधी का नाम हटाने पर भी आपत्ति जताई।
इस पर जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर ही महात्मा गांधी के आदर्शों की हत्या करने का इल्जाम लगाया। विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के बीच उन्होंने कहा, 'मैंने इन सभी घंटों तक विपक्ष को धैर्य से सुना और उम्मीद की कि विपक्ष चर्चा पर मेरा जवाब सुनेगा। अपनी बात कहकर, आरोप लगाकर और भाग जाना महात्मा गांधी के सपनों और आदर्शों की हत्या करने जैसा है।'
राज्यसभा में जब यह बिल पास हो रहा था, तभी विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया। इसके बाद यह बिल ध्वनिमत से पास हो गया। इससे कुछ घंटों पहले ही यह बिल लोकसभा से पास हुआ था।
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रात भर चला विपक्ष का धरना
लोकसभा और फिर राज्यसभा से बिल पास होने के बाद विपक्षी सांसदों ने खूब हंगामा किया। विपक्ष की मांग थ थी कि इस बिल को स्क्रूटनी के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाए।
इस बिल के विरोध में टीएमसी सांसदों ने संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर धरना दिया। यह धरना रात 12 बजे से शुरू हुआ था और दोपहर 12 बजे तक चला। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने आरोप लगाया कि सरकार पूरी तरह से जनता विरोधी और गरीब विरोध बिल लाई है।
उन्होंने कहा, 'यह भारत के गरीबों का अपमान है, यह महात्मा गांधी का अपमान है, यह रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान है। सिर्फ पांच घंटे के नोटिस पर, यह बिल हमें दिया गया। हमें ठीक से बहस करने की इजाजत नहीं दी गई।'
एक तरफ टीएमसी सांसदों का धरना चल रहा था तो दूसरी तरफ विपक्षी सांसदों ने भी शुक्रवार को संसद परिसर में बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी सांसद महात्मा गांधी की तस्वीर और पोस्टर लेकर खड़े हुए थे। इस दौरान विपक्षी सांसद बिल वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे।
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आखिर में चाय पर चर्चा
शुक्रवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र खत्म होने के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी पार्टियों के नेताओं को अपने चैंबर में चाय पर बुलाया।
ओम बिरला के चैंबर में 'चाय पर चर्चा' की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। उनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत एनडीए के कई सांसद और मंत्री भी थे। वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस दौरान मौजूद रहीं।
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कैसा रहा संसद का सत्र?
संसद का यह शीतकालीन सत्र 19 दिन चला। इस सत्र में 'वंदे मातरम्' और 'चुनाव सुधारों' पर चर्चा हुई। राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' की 150वीं सालगिरह पर हुई चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया था।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते हुए बताया कि सत्र के दौरान 15 बैठकें हुईं और लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 111% रही।
शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में 8 अहम बिल पास हुए। इसमें VB-G RAM G बिल, सिविल न्यूक्लियर एनर्जी और बीमा सेक्टर में 100% FDI को मंजूरी से जुड़ा बिल भी शामिल है।