उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन और डेयरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक में गायों के सरंक्षण के लिए एक अनोखा तरीका निकाला है। योगी सरकार ने एक अहम फैसला लिया जिसके लागू होने के बाद संभावना है कि गायों के गोबर से गौशाला संचालाक अच्छी कमाई कर पाएंगे। इससे आवारा घूम रही गायों के लिए भी व्यवस्था हो पाएगी। इस बैठक में योगी आदित्यनाथ ने दुग्ध विकास को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करने पर भी जोर दिया।
रविवार को पशुपालन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए योगी आदित्यनाथ ने सरकारी इमारतों को गाय के गोबर से बने पेंट से रंगवाने के आदेश दिए। इस आदेश के बाद अब यूपी में सरकारी दफ्तरों की इमारतों पर साधारण पेंट नहीं होगा। इन इमारतों पर अब गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सरकारी इमारतों को रंगने के लिए गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का ही प्रयोग किया जाए। इस बैठक में गायों के संरक्षण के लिए कई अहम फैसले लिए गए। योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में गौ संरक्षण केंद्रो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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आत्मनिर्भर होंगे गौ-सरंक्षण केंद्र
योगी आदित्यनाथ ने इस बैठक में गौ-सरंक्षण केंद्रो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई फैसले लिए। गायों के गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल भी इन्हीं फैसलों में से एक है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में गोवंश संरत्क्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है। इन केंद्रों पर गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने को बढ़ावा दिया जाए तो आत्मनिर्भर बना जा सकता है। योगी आदित्यनाथ ने इन केंद्रों पर जैविक खाद और गोबर आधारित उत्पादों को बनाने के लिए ठोस योजना बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गाय के गोबर से पेंट बनाने वाले प्लांट्स की संख्या बढ़ाई जाए।
प्राकृतिक पेंट के कई फायदे
अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस पेंट के इस्तेमाल से कई फायदे होंगे। गोबर से बना प्राकृतिक पेंट पूरी तरह से कैमिकल फ्री होता है। इसको बनाने में कैमिकल का प्रयोग नहीं होता है जिस कारण यह सेहत के लिए लाभकारी है। यह पर्यावरण के अनुकूल है और इससे दीवोरों को सुंदर देसी लुक मिलेगा। इस पेंट को बनाने में उर्जा की खपत भी कम होगी और यह पारंपरिक पेंट से कम दाम पर लोगों को मिलेगा।
तकनीक के इस्तेमाल पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने इस बैठक में पशुपालन में तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र केवल दुध उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें रोजगार, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण की भी संभावनाएं हैं। तकनीक के इस्तेमाल और निवेश को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और अधिक मजबूत किया जाना चाहिए।' उन्होंने मंडल स्तर पर देसी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता कराई जाए और अच्छा काम कर रहे गौशालाओं को सम्मानित किया जाए।
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दूध की खरीद बढ़ी
इस बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि 2024-25 में, दूध की खरीद पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत बढ़कर 3.97 लाख लीटर प्रति दिन तक पहुंच गई है। 24 हजार से ज्यादा दूध उत्पादकों को ट्रेनिंग दी गई है। वित्तीय रूप से दूध का कारोबार 1,120.44 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। अधइकारियों ने भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी कि साल 2025-26 के लिए लक्ष्य लगभग 5 हजार नई सहकारी दूध समितियों की स्थापना और 21,922 मौजूदा समितियों को प्रशिक्षण देना है।
गारीबों को मिलेगी गाय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि जिन गरीब परिवारों के पास पशु नहीं है उन्हें 'मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहायता योजना' के तहत दूध देने वाली गाय दी जाएं। इस पहल क् जरिए गरीब परिवारों को दूध तो मिलेगा ही साथ में गायों के संरक्षण में भी आसानी होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि राज्य में 7 हजार 693 गौ आश्रय केंद्रों में 11.49 लाख गायों को आश्रय दिया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन केंद्रों की देखभाल करने वालों की तैनाती और उन्हें समय पर भुगतान करने, भूसा बैंक की स्थापना, और पानी, हरे चारे और खाने की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करने के निर्देश दिए।