दिवाली की रात को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बहुत खराब देखने को मिली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शाम 6 बजे हवा की गुणवत्ता (AQI) 345 थी, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। लोग ग्रीन पटाखों के साथ दिवाली मना रहे थे, लेकिन यह भी हवा को खराब होने से नहीं बचा सका।

 

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सोमवार को दिल्ली के 38 में से 34 निगरानी स्टेशनों ने 'बहुत खराब' से 'गंभीर' स्तर का प्रदूषण दिखाया। कुछ जगहों पर हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' थी। सुबह 6 बजे आनंद विहार में AQI 414 था, जो सबसे खराब था, जबकि श्री अरबिंदो मार्ग पर 158 था, जो सबसे कम था। सुबह 10 बजे तक वजीरपुर में AQI 419 और आनंद विहार में 411 पहुंच गया।

 

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हवा और खराब होने की आशंका 

पटाखों का उपयोग और मौसम की खराब स्थिति के कारण हवा का प्रदूषण और बढ़ सकता है। शहर के कुछ हिस्सों में पटाखों की बिक्री और खरीद पर रोक के नियम तोड़े गए, जिससे समस्या और बढ़ गई।

 

दिल्ली-NCR में रविवार शाम से प्रदूषण रोकने के लिए GRAP स्टेज 2 लागू किया गया। इसमें डीजल जनरेटर के उपयोग पर सख्ती, गैर-मानक बसों को रोकना, और निजी वाहनों को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाना शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट के नियम 

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति दी थी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। इन्हें दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के दिन सुबह 6-7 बजे और रात 8-10 बजे के बीच जलाने की अनुमति थी।

मौसम का असर 

दिल्ली का मौसम भी प्रदूषण को बढ़ाने में मदद कर रहा था। अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से थोड़ा ज्यादा था। न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से 2.2 डिग्री ज्यादा था।

 

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प्रदूषण को कम करने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने GRAP स्टेज 2 लागू किया। 14 अक्टूबर से स्टेज 1 के उपाय पहले से लागू थे। इन उपायों में डीजल जनरेटर पर रोक, गैर-मानक बसों पर प्रतिबंध, और निजी वाहनों को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाना शामिल है।