कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक डिजाइन इंजीनियर ने मेट्रो के आगे कूदकर जान दे दी। इंजीनियर ने यह खौफनाक कदम केंगेरी स्टेशन के पास उठाया। इस वजह से बीएमआरसीएल को पर्पल लाइन पर मैसूरु रोड और चल्लघट्टा स्टेशन के बीच करीब डेढ़ घंटे तक मेट्रो सेवाओं को आंशिक तौर पर रोकना पड़ा। अभी तक की जांच में सामने आया है कि डिजाइन इंजीनियर पैसे की तंगी से जूझ रहा था। इसी के चलते उसने यह खौफनाक कदम उठाया। उसकी पहचान 38 वर्षीय शांतागौड़ पाटिल के तौर पर हुई है।

 

पुलिस के मुताबिक शांतागौड़ पाटिल ने शनिवार शुक्रवार सुबह 8:15 बजे मैजेस्टिक की तरफ जाने वाली मेट्रो ट्रेन के आगे छलांग लगी दी। वह गरीब 20 मीटर तक घिसटते चला गया। मेट्रो अधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर एंबुलेंस को बुलाया गया, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी। इस हादसे की वजह से करीब सात मेट्रो स्टेशनों पर सेवाओं को रोक दिया गया था। हजारों यात्रियों को ऑफिस और कॉलेज जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। करीब एक घंटा और 25 मिनट बाद मेट्रो का संचालन दोबारा शुरू किया गया। 

 

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पटरियों पर ही तोड़ा दम


बीएमआरसीएल के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि युवक की मौत पटरियों पर ही हो गई थी। वह दोपहिया वाहन से मेट्रो स्टेशन आया था। पार्किंग में गाड़ी लगाने के बाद उसने टोकन खरीदा और सीधे प्लेटफॉर्म पर पहुंच गया। करीब 8:15 बजे ट्रेन आने पर उसने छलांग लगा दी।

 

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आर्थिक तंगी ने ली जान

पुलिस का कहना है कि शांतागौड़ पाटिल बिदादी स्थित एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत थे। डोड्डाबेले गांव में अपने दोस्त के अपार्टमेंट में पत्नी और बेटी के साथ रह रहे थे। उनके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। शांतागौड़ पाटिल की पत्नी प्रीति ने पुलिस को बताया कि एक साल पहले नौकरी छोड़ने से पहले शांतागौड़ गुजरात की एक कंपनी में नौकरी करते थे। मौजूदा समय में वह आर्थिक तंगी के अलावा कई अन्य समस्याओं से जूझ रहे थे।