पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी तल्खी आ गई। भारत ने पाकिस्तान को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उसके साथ रिश्ते तोड़ लिए। भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया बल्कि पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा भी रद्द कर दिया और उन्हें भारत छोड़ने का आदेश जारी किया गया।
ऐसे में देश के कोने-कोने से देश में आए या रह रहे पाकिस्तानी लोगों के बारे में खबरें आने लगीं। इसी कड़ी में एक खबर आई हरियाणा में रह रहे दिवाया राम की, जो हरियाणा के फतेहाबाद जिले में रहते हैं। दिवायाराम की खासियत यह है कि वह पाकिस्तान में सांसद रह चुके हैं।
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बेचते हैं आइसक्रीम
दिवाया राम पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो की सरकार के वक्त सांसद थे। वह अल्पसंख्यक कोटे से सांसद चुने गए थे लेकिन साल 2000 में वह अपने परिवार के 13 लोगों के साथ भारत चले आए। तब से वह यहीं रह रहे हैं। अब उनका परिवार बढ़ते-बढ़ते 30 लोगों का हो चुका है।
इस वक्त दिवाया राम हरियाणा के फतेहाबाद में आइसक्रीम बेचते हैं और उसी से अपना परिवार चलाते हैं। दिवाया राम के मन में पाकिस्तान के खिलाफ इतना गुस्सा है कि वह बताते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने का मौका मिले तो सबसे पहले हथियार वही उठाएंगे।
भारत आने के बाद उनका परिवार शुरू में रोहतक के मदीना गांव में रहा और फिर 2008 में रतिया के रतनगढ़ में आकर बस गया। अपनी बेटियों और बेटों की शादी भी उन्होंने यहीं करवाई। वह अपना आगे का जीवन भारत में ही शांति से बिताना चाहते हैं।
पाकिस्तान में पुश्तैनी जमीन
दिवाया राम का कहना है कि उनके दादा की 125 एकड़ की जमीन अभी भी पाकिस्तान के बखर जिले की दरियापुर तहसील में है। उनके बाद उनके चचेरे भाई का परिवार भी भारत आ गया था। उनका परिवार भी रतिया में ही रह रहा है।
क्यों छोड़ा पाकिस्तान?
दिवाया राम जब पाकिस्तान में सांसद थे तब एक बार कुछ गुंडे पास के ही एक हिंदू परिवार की लड़की को उठा ले गए थे। दिवाया राम ने बहुत कोशिश की लेकिन उस लड़की को न्याय नहीं दिला पाए। इसके कुछ दिन बाद उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने उन्हें अंदर से इतना झकझोरा कि साल 2000 में उन्होंने पाकिस्तान छोड़कर भारत आने का फैसला लिया और परिवार के 13 लोगों के साथ भारत आ गए।
इन 13 लोगों में से 6 लोगों को भारत की नागरिकता मिल चुकी है। दिवाया राम का कहना है कि अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ना हो तो वह सबसे आगे खड़े मिलेंगे।