हरियाणा में अवैध खनन करने वाले माफियाओं से निपटने के लिए सरकार अब हर स्तर पर तैयारी कर रही है। अवैध खनन पर निगरानी रखने के लिए विभाग की ओर से त्रिस्तरीय सिस्टम तैयार किया गया है। इसमें जिला टास्क फोर्स, खनन विभाग और पुलिस तथा एनफोर्समेंट विंग को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।
सभी विभाकों की मॉनिरिंग खनन विभाग के महानिदेशक केएम पांडुरंग खुद कर रहे हैं। अवैध खनन को लेकर पांडुरंग की ओर से हाई जोन वाले 7 जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखा गया है। इसमें उपायुक्तों से अपने-अपने जिलों में अवैध खनन पर सख्ती बरतने के आदेश दिए गए हैं।
अवैध खनन में 7 जिले हाई, 4 मीडियम और 5 लो जोन घोषित
प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए 2 वर्ष पहले खनन विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों को हाई, 4 जिलों को मीडियम और 5 जिलों को लो जोन में रखा था। उसके अनुसार ही उक्त जिलों में पुलिस कर्मियों की तैनाती करने पुलिस में एनफोर्समेंट की अलग विंग बनाई गई।
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इसके तहत ही खनन विभाग के मुख्यालय पर एक डीएसपी और दो इंस्पेक्टरों को कोऑर्डिनेशन के लिए लगाया गया है। इससे पहले सिर्फ रेड के दौरान ही खनन अफसरों के साथ पुलिस की टीमें भेजी जाती थी। उक्त जोन के तहत ही पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।
पंचकूला से रेवाड़ी तक हाई जोन
हाई श्रेणी में यमुनानगर, सोनीपत, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़-नारनौल, गुरुग्राम, नूंह तथा फरीदाबाद, पलवल जिले को रखा गया है। जबकि मीडियम जोन में पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पंचकूला तथा अंबाला जिला शामिल है। वहीं लो जोन में हिसार, फतेहाबाद, रोहतक, झज्जर, जींद, सिरसा और रेवाड़ी जिले हैं।
14 जिलों के 55 पुलिस थानों में होती है अवैध माइनिंग
खुफिया विभाग की ओर से 2 वर्ष पहले अवैध खनन वाले क्षेत्रों की सूची जारी की गई थी जिसमें 14 जिलों में 55 पुलिस थाने चिह्नित किए गए थे। इनमें यमुनानगर के प्रतापगढ़, छछरौली, बुढिया, सदर, जठलाना, रादौर, बिलासपुर व साढ़ौरा, करनाल जिले में इंद्री, कुंजपुरा व घरौंडा, पानीपत जिले में बापौली, सोनौली व समालखा, कैथल जिले में सीवान व गुहला का नाम शामिल था।
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अंबाला जिले में शहजादपुर व नारायणगढ़, भिवानी जिले में तोशाम व जोजू कला, चरखी दादरी में बाढड़ा व सदर दादरी, सोनीपत में मुरथल, राई, गन्नौर व खटका, पलवल जिले में सुलतानपुर, रहीमपुर व चंडौत, नूंह में सदर थाना, रोजका मेव, नगीना, पिंगनवा, पुन्हाना, बिछौर, तावडू व फिरोजपुर झिरका, महेंद्रगढ़ जिले में नांगल चौधरी, सदर नारनौल, सदर महेंद्रगढ़ व सतनाली, पंचकूला जिले में रायपुररानी व पिंजौर में भी अवैध खनन का कारोबार चल रहा था। फरीदाबाद जिले में भूपानी, छायसा, तिगांव, धौज, डबुआ व सूरजकुंड, गुरुग्राम जिले में खेडक़ी धौला, सोहना, बादशाहपुर, बिलासपुर, डीएलएफ फेज वन और भौंडसी पुलिस थाना को अवैध खनन की श्रेणी में रखा गया है।
हर स्तर पर हो रहे हैं अवैध खनन रोकने के प्रयास
हरियाणा खनन विभाग के महानिदेशक केएम पांडुरंग ने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत जनवरी महीने से एक विशेष मुहिम चलाई गई थी जिसके अंतर्गत उन चिह्नित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए जिला स्तर पर 13282 जगहों/वाहनों का निरीक्षण किया गया।
2 महीने में 575 वाहन जब्त, 2.5 करोड़ जुर्माना वसूला
निरीक्षण के दौरान खनिज के अवैध खनन के परिवहन में संलिप्त 575 वाहनों को जब्त किया गया जिसके द्वारा कुल 2,53,61,033 का जुर्माना वसूल किया गया। इसके अतिरिक्त संवेदनशील जिले जैसे कि यमुनानगर में अवैध खनन की रोकथाम के लिए 16 नाके लगाए गए हैं जिनमें पुलिस, माईनिंग, खनन, एनफोर्समेंट व अन्य विभाग के कर्मचारी शामिल हैं जोकि खनन से भरे हर वाहन की लगातार चैकिंग कर रहे हैं। नारनौल में खनन विभाग पुलिस, वन, प्रदूषण, आरटीए, सेल टैक्स व एनफोर्समेंट विभाग के कर्मचारी व अधिकारी दिनरात अवैध खनन की रोकथाम हेतु निगरानी कर रहे हैं।

चूक नहीं चाहिए, जिला अधिकारियों पर भी सख्ती
जिला स्तर पर अधिकारियों की मिली भगत से अवैध खनन की शिकायतें भी प्राप्त हो रही थी, जिसे ध्यान में रखते हुए मुख्यालय से औचक निरिक्षण हेतु टीम भेजी जा रही है। इसी कड़ी में यमुनानगर के सहायक खनन अभियंता का तबादला भी मुख्यालय में किया गया है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन में संलिप्त किसी भी अफसर व कर्मचारी को छोड़ा नहीं जाएगा।
ई-रवाना के क्या है?
परिवहन विभाग की तरफ ई-रवाना पर ओवरलोड वाहनों को ब्लैक लिस्ट किया जाता है। ई रवन्ना के तहत वाहनों के कोई भी दस्तावेज संबंधित काम चालान राशि चुकाने तक नहीं किए जा सकते हैं। अब इसी के सहारे अवैध खनन पर रोक लगाने की तैयारी हरियाणा सरकार कर रही है। ई-रवाना, खनन विभाग से परिवहन विभाग को मिलने वाली रकम है। इस रकम का इस्तेमाल ओवरलोड वाहनों के चालानों पर छूट देने में किया जाता है।