हरियाणा में IPS अधिकारी पूरन कुमार की मौत के बाद डीजीपी पद से शत्रुजीत कपूर की छुट्टी हुई और उनकी जगह 1991 बैच के IPS अधिकारी ओम प्रकाश सिंह को कार्यकारी डीजीपी बनाया गया है। वह बिहार के जमुई जिले के नमून गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने पद संभालने के बाद हुई बैठक में हरियाणा पुलिसकर्मियों को संदेश दिया है कि किसी कमजोर व्यक्ति के साथ अन्याय न होने पाए, कोई मजबूत शख्स अपराध न करने पाए।

डीजीपी ओपी सिंह ने हरियाणा के पुलिसकर्मियों को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा है, 'हरियाणा का गौरवशाली इतिहा रहा है। प्राचीन काल में नदी घाटी समभ्यता होने की वजह से हम सबसे समृद्ध थे। इसी कारण सीमा पार से हम पर बड़े हमले हुए। हमने सदियों गुलामी झेली। आजादी के कुछ दशकों की बात है, इस थोड़े वक्त में हम गरीबी, बीमारी और अशिक्षा से उबने में काफी हद तक सफल हुए हैं। 

ओपी सिंह ने लिखा, 'देश और प्रांत निर्बाध तरक्की करे, इसके लिए सुरक्षा बलों के हमारे हज़ारों साथियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। अकेले हरियाणा में अब तक हमारे 84 साथी वीरगति को प्राप्त हुए हैं। मैं उनके सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।'

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ओपी सिंह, डीजीपी, हरियाणा:-
हिंसा और छलावा प्रकृति के स्वरूप में है। सभ्य जीवन इसके विरुद्ध अमन का सतत संघर्ष है। प्रजातंत्र का आश्वासन है कि शेर और बकरी एक ही घाट में पानी पीयें और शेर को अपनी ताकत का गुमान ना हो और ना ही बकरी को अपनी कमजोरी का मलाल। यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस को मिली है।

ओपी सिंह ने कहा, 'कुछ लोग इस सामाजिक और कानूनी करार को कभी-कभी नहीं मानते। हमारा काम, उनका घर, गली, मोहल्ला, गांव-डेरा, शहर-रास्ता सुरक्षित रखना है।'

ओपी सिंह ने कहा, 'हम अपने कर्तव्य-प्रतिकर्तव्य के कार्य से ना केवल राष्ट्र निर्माण में योगदान करते हैं, बल्कि समाज की भलाई और सुरक्षा भी करते हैं। जब कानून का भय बढ़ता है, लोगों को भरोसा मिलता है, समाज व्यवस्थित हो देश आत्मनिर्भर होता है। मैं भी यह चाहूंगा कि अपने आचरण-व्यवहार से आप उनसे प्रेरणा और विश्वास का स्रोत बनें। इस बात को समझें कि लोगों ने पीढ़ी-दर-दर बहुत सहा है। आपसे उनको राहत, संरक्षण और सहयोग चाहिए।'

 

 

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उन्होंने कतील शिफाई का एक शेर लिखा-

'वह मेरा दोस्त है सारे जहां को है मालूम
दगा करे वो किसी से तो शर्म आए मुझे।'

IPS पूरन केस के बारे में अब तक क्या पता चला?

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी IPS पूरन के परिवार से मुलाकात कर चुके हैं। चंडीगढ़ में सीनियर IAS अधिकारी अमनीत पी कुमार के घर जाकर वह मिले थे। अमनीत ने मुख्यमंत्री से सुसाइड नोट में नामित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने, आरोपियों को निलंबित करने और परिवार को सुरक्षा देने की मांग की थी। 

परिवार का आरोप है कि चंडीगढ़ पुलिस ने 48 घंटे बाद भी कार्रवाई नहीं की, क्योंकि मामले में हरियाणा के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। नायब सैनी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। IPS पूरन कुमार ने सुसाइड नोट भी मौके पर छोड़ा था, जिसमें उन्होंने जाति के आधार पर उत्पीड़न, मानसिक यातना और अपमान का जिक्र किया था।  मानसिक उत्पीड़न और अपमान का जिक्र किया था।